इन्ग्रोन टो-नेल्स उस समय होते हैं, जब पैर के अंगूठे के किनारे आसपास के टिशूज (ऊतक) कट जाते हैं। जिसका नतीजा यह होता है कि अंगूठे के नाखून के किनारे कटने और घाव होने लगते हैं। यह उस स्थिति में भी हो जाता है, जब अंगूठे के ऊपर स्किन जमने लगती है। कई बार अंगूठे के टूटने या फटने के कारण भी ऐसी समस्याएं आ सकती हैं। अंगूठे के टूटने या फटने से बैक्टेरिया फैलते हैं, जो फंगल संक्रमण का कारण बन सकते हैं। इससे अंगूठे में सूजन आ जाती है। इस सूजन के कारण केवल दर्द ही नहीं होता बल्कि अगर समय से इलाज नहीं करवाया जाता है तो आगे चलकर समस्याएं भी हो सकती हैं।
इन्ग्रोन टो-नेल्स का उपाय है टी ट्री ऑयल
टी ट्री ऑयल
पैर के नाखून के अंदर की ओर बढ़ने पर टी ट्री ऑयल काफी फायदेमंद होता है।
कैसे करें इस्तेमाल:
- टी ट्री ऑयल के 2-3 बूंद तेल और नारियल या जैतून का तेल लें।
- टी ट्री ऑयल के कुछ बूंद को उंगलियों पर लें और उसे अंदर की ओर बढ़े नाखून पर लगाएं।
ऐसा क्यों करें:
दरअसल टी ऑयल एक बेहतरीन एंटीसेप्टिक है और इसके इस्तेमाल से अंदर की ओर बढ़े हुए नाखूनों के संक्रमण को रोका जा सकता है। इसमें एंटीबैक्टेरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं। इसके इस्तेमाल से नाखून के संक्रमण और बैक्टेरियल व फंगल ग्रोथ को रोका जा सकता है। इसका प्रयोग दिन में दो बार किया जाना चाहिए।
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इन्ग्रोन टो-नेल्स से छुटकारा दिलाता है पुदीने का तेल
पुदीने का तेल:
इसके लिए सबसे पहले तो अपने पैर के अंगूठे और उसके आसपास की स्किन को अच्छे से धो लें। इसके बाद पैर के अंगूठे को कुछ देर तक के लिए पानी में डुबो दें। अब पैर व अंगूठे को अच्छे से पोछकर सूखा कर लें। इसके बाद पैर के अंगूठे में भीतर की ओर बढ़े हुए नाखून वाले अंगूठे और उसके आसपास की स्किन पर पुदीने के तेल के कुछ बूंद डालें।
ऐसा क्यों करें:
दरअसल पुदीने के तेल में मेथॉल पाया जाता है। यह दर्द को कम करता है और इसमें एंटीमाइक्रोबायल गुण पाया जाता है जो अंगूठे को आगे संक्रमण होने से रोकता है।
इन्ग्रोन टो-नेल्स से बचने का उपाय है बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा
- आधा चम्मच बेकिंग सोडा लें।
- उसमें कुछ बूंद पानी डालें।
- पट्टी या सैनेटरी रेशमी महीन कपड़ा रखें।
कैसे इस्तेमाल करें:
- इस बेकिंग सोड़ा को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं। यह पेस्ट बहुत पतला न हो।
- इस पेस्ट को उस अंगूठे और उसके आसपास की स्किन पर लगाएं।
- इसके बाद उस जगह को सैनेटरी बैंडेज या पट्टी से ढंक दें।
ऐसा कब-कब करें:
- आप ऐसा प्रतिदिन 2 बार करें।
ऐसा क्यों करें:
दरअसल बेकिंग सोड़ा प्राकृतिक रूप से एंटीसैप्टिक होता है। इसके इस्तेमाल से अंगूठे में संक्रमण नहीं फैलता है। इसमें एंटीबैक्टेरियल और एंटीफंगल गुण भी होते हैं। ये बैक्टेरिया और फंगी को पनपने से रोकते हैं।
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इन्ग्रोन टो-नेल्स का घरेलू उपाय है सेंधा नमक
सेंधा नमक:
सेंधा नमक का रासायनिक नाम मैग्नीशियम सल्फेट है। घरों में हम इसे सेंधा नमक के नाम से जानते हैं।
इस्तेमाल की विधि:
- 1-2 चम्मच सेंधा नमक और गर्म पानी लें।
- एक बड़ी बाल्टी भरकर पानी लें।
- इसमें 1 या 2 चम्मच सेंधा नमक मिला लें।
- इसके बाद इसमें अपना पैर 15-20 मिनट के लिए डुबो दें।
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ऐसा कब-कब करें:
इस प्रक्रिया को दिन में दो से तीन बार करें।
ऐसा क्यों करें:
दरअसल सेंधा नमक में मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा होती है। यह प्रभावित एरिया में सूजन कम करने में मदद करता है और दर्द से राहत देता है।
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