वैद्य ने बताए आयुर्वेद के अनुसार स्वस्थ जीवन जीने के 10 प्रभावी नियम

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ये नहीं करना है…वो नहीं करना है… जैसी बातें ध्यान में रखना बड़ा मुश्किल है। आखिर खराब आदतें छोड़ना इतना आसान नहीं है, जितना आसान है कुछ नई आदतों को अपनी लाइफ का हिस्सा बना लेना! हेल्दी रहने के लिए ऐसा क्या करें जो हमारे लिए उचित हो…यही जानलेना पर्याप्त है। आइए, जानते हैं कि प्रजेंट लाइफस्टाइल और आयुर्वेद के बीच संतुलन बनाकर जीवन कैसे जिया जा सकता है…

आपको ऐसी दुनियाभर की खबरें पढ़ने को मिल रही होंगी, जिनमें हेल्दी रहने के टिप्स बताए जाते हैं… काफी मुश्किल लगता है ना ऐसे कामों पर लगाम लगाना जो हमारी डेली लाइफ का हिस्सा बन चुके हों? तो इस बात की लंबी-चौड़ी लिस्ट पर ध्यान देने की जगह कि हमें क्या नहीं करना है क्यों ना हम इस बात पर ध्यान दें कि हमें क्या-क्या एड करना है…

सुबह से ही मैनेज रखें अपना दिन

वैद्य सुरेंद्र सिंह राजपूत का कहना है कि दिनभर तनाव मुक्त रहने का सबसे अच्छा तरीका है कि अपने दिन की शुरुआत जल्दी करें। सूर्योदय से पहले बिस्तर छोड़ दें और घर में ही कुछ देर चहलकदमी करें। इससे आपको सुस्ती उतारने में मदद मिलेगी।

-इसके साथ ही आप सुबह से ही टेबल बना लें कि आज आपको कौन-से जरूरी काम करने हैं। ताकि काम का तनाव आप पर हावी ना हो। साथ ही आप अपनी प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए काम करते चले जाएं। इससे शाम के समय आप अपने आप में बहुत अच्छा अनुभव करेंगे।

सुबह फ्रेश होने के फायदे

सुबह के वक्त पेट साफ होने से स्वास्थ्य को विशेष लाभ मिलते हैं, जैसे शरीर में हल्कापन और स्फूर्ति रहती है, मन प्रसन्न रहता है और आप दिनभर खुद को ऊर्जावान अनुभव करते हैं। आप अपने कार्यों से बेहतर परिणाम प्राप्त कर पाते हैं क्योंकि इस स्थिति में आपका फोकस बढ़ा हुआ होता है।

तैल मर्दन के लाभ

हर दिन प्रयास करें कि स्नान करने से पहले अपने शरीर पर तेल की सरसों तेल से मालिश जरूर कर लें। कम से कम 15 से 20 मिनट मसाज करें। मालिश और नहाने के बीच 10 मिनट का गैप रखें।

-बहुत अच्छा रहेगा अगर आप मालिश के लिए कुछ और समय निकाल पाएं। नहीं तो हमारी यंग और सुपर बिजी जनरेशन के लिए कम से कम समय ही हमने सुझाया है।

योगासन और व्यायाम

तेल मालिश के बाद आपको कुछ समय योगासन के लिए निकालना चाहिए। अगर संभव ना हो तो मालिश के कम से कम 10 मिनट बाद स्नान करें। यदि आपके पास समय है तो कम से कम 30 मिनट तक योगाभ्यास करें और फिर 30 मिनट का अंतराल लेकर स्नान करें।

आपका मन और आशाएं

-सभी अलग-अलग कार्यक्षेत्रों से जुड़े होते हैं, ऐसे में सभी अपने-अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आपका मन और ध्यान एक साथ काम करे।

-मन और ध्यान को एक साथ लगाने के लिए ईश्वर के सामने हाथ जरूर जोड़ें। या आप जिस भी धर्म को मानते हैं, उसके अनुसार ईश्वर को प्रणाम करें।

शुद्ध और पोष्टिक अल्पाहार

-आप जिसे नाश्ता या ब्रेकफास्ट कहते हैं, वह अल्पाहार है। अर्थात अल्प-आहार। कभी भी सुबह के समय कभी भी इतना अधिक ना खाएं कि आपको ऊर्जा मिलने की जगह सुस्ती आने लगे।

-साथ ही आपका अल्पाहार ऐसा होना चाहिए, जो तासीर में हल्का लेकिन आपको ऊर्जा देनेवाला हो। आप दलिया, बेसन का चिल्ला, सूजी से बनी चीजें नाश्ते में खा सकते हैं।

काम को मन लगाकर करें
आप अपने काम में अच्छे परिणाम चाहते हैं या कहिए कि अपनी प्रॉडक्टिविटी बढ़ाना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप अपने मन को केंद्रित रखें। अनावश्यक विचारों से बचें। मोबाइल आपका ध्यान भटकाने का काम करता है। संभव हो तो इसे साइलंट मोड पर रखें।

दोपहर में क्या खाएं?

-भोजन खाते समय इस बात का ध्यान रखें कि कौन-सी सब्जी और दाल किस मौसम में खाना उचित है। जैसे, इस मौसम में आपको मसूर की दाल नहीं खानी चाहिए जबकि मूंग दाल, दालमखनी, चने की दाल और अहर की दाल का सेवन प्रचुर मात्रा में करना चाहिए।

-दोपहर के वक्त भोजन में सीमित मात्रा में चावल का सेवन अवश्य करें। इससे आपको बदलते मौसम में शरीर का तापमान नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी। आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।

-इस बात का विशेष ध्यान रखें कि रात के समय आपको चावल नहीं खाने हैं, साथ ही ऊपर बताई गई दालों में से आप रात के समय केवल मूंग दाल का सेवन कर सकते हैं, अन्य किसी दाल का नहीं।\

आपको बता दें कि शरीर की 20 से 60 फीसदी गर्मी सिर के जरिए खत्म होती है। जाहिर है गर्मी कम होने से आपका शरीर ठंडा हो सकता है। इस बात का ध्यान रखें कि सिर कवर नहीं करके वाल्किंग करने से आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में गर्मी पैदा करने में सक्षम नहीं होगा। इसलिए बहुत ज्यादा मोटे कपड़े पहनने की बजाय कुछ पतले गर्म कपड़े पहनें।

रात का भोजन हो हल्का और पाचक

-साथ ही रात को भोजन करने के तुरंत बाद सोने नहीं जाना चाहिए। कुछ देर घर में ही हल्के कदमों से चहलकदमी करनी चाहिए। प्रयास करें कि सोने से कम से कम दो घंटे पहले रात का भोजन कर लें। इन बातों को अपनाकर आप अपने बढ़ते हुए पेट को नियंत्रित कर सकते हैं।

शरीर के साथ मन भी शांत हो

-डॉक्टर राजपूत का कहना है कि सोने जाते वक्त अधिकांश लोगों का ध्यान केवल अपने शारीरिक विश्राम पर होता है। जबकि हमें अपने शरीर के साथ ही अपने मन के आराम पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए। इसलिए बिस्तर पर लेटने के बाद सबसे पहले अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।

-जब आप सांसों पर ध्यान केंद्रित करना शुरू करेंगे तो सांसों को गहरा और लंबा रखने का प्रयास करें… आप इस प्रक्रिया को करके तो देखिए कुछ ही मिनट्स में आपको नींद आ जाएगी और सुबह जब आप जगेंगे तो अपने आपको प्रसन्न और ऊर्जावान अनुभव करेंगे।

(डॉ. नुस्खे )
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