गणेश जी अमंगल और विघ्नहर्ता हैं। कहा जाता है कि जिस पर गणेश जी की कृपा हो जाए उसके जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
गणेश जी के विषय में कहा जाता है कि यह जितनी जल्दी मुंह फुलाकर बैठ जाते हैं उतनी ही जल्दी मान भी जाते हैं। शास्त्रों में कुछ आसान उपाय बताए गए हैं जिनसे आप भी गणेश जी जल्दी खुश कर सकते हैं।
हर दिन चढ़ाएं पांच दुर्वा – गणेश जी को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका है हर दिन सुबह स्नान पूजा करके गणेश जी को गिन कर पांच दूर्वा यानी हरी घास अर्पित करें। दुर्वा गणेश जी के मस्तक पर रखना चाहिए। चरणों में दुर्वा नहीं रखें।
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दुर्वा अर्पित करते हुए मंत्र बोलें ‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः’
शनि और गणेश दोनों होते हैं जिससे प्रसन्न
शास्त्रों में के अनुसार शमी ही एक मात्रा पौधा है जिसकी पूजा से गणेश जी और शनि दोनों प्रसन्न होते हैं। ऐसे माना जाता है कि भगवान श्री रमा ने भी रावण पर विजय पाने के लिए शमी की पूजा की थी।
शमी गणेश जी को अत्यंत प्रिय है। शमी के कुछ पत्ते नियमित गणेश जी को अर्पित करें तो घर में धन एवं सुख की वृद्घि होती है।
चावल के पवित्र दानें – भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए पवित्र चावल अर्पित करें। पवित्र चावल उसे कहा जाता है जो टूटा हुआ नहीं हो। उबले हुए धन से तैयार चावल का पूजा में प्रयोग नहीं करें।
सूखा चावल गणेश जी को नहीं चढ़ाएं। चावल का गीला करें फिर, ‘इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः’ मंत्र बोलते हुए तीन बार गणेश जी को चावल चढ़ाएं।
गणेश जी को भाए लाल सिंदूर – सिंदूर की लाली गणेश जी को बहुत पसंद है। गणेश जी की प्रसन्नता के लिए लाल सिंदूर का तिलक लगाएं। गणेश जी को तिलक लगाने के बाद अपने माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं। इससे गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है।
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इससे आर्थिक क्षेत्र में आने वाली परेशानी और विघ्न से गणेश जी रक्षा करते हैं। गणेश जी को सिंदूर चढ़ाते समय मंत्र बोलें, ‘सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ ओम गं गणपतये नमः’
गणेश जी को भाए मोदक – गणेश जी का एक दांत परशुराम जी से युद्ध में टूट गया था। इससे अन्य चीजों को खाने में गणेश जी को तकलीफ होती है, क्योंकि उन्हें चबाना पड़ता है।
मोदक काफी मुलायम होता है जिससे इसे चबाना नहीं पड़ता है। यह मुंह में जाते ही घुल जाता है। इसलिए गणेश जी को मोदक बहुत ही प्रिय है।