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कब्ज से छुटकारा पाने के आसान उपाय
शरीर में पानी की कमी न होने दें – मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक कब्ज से छुटकारा पाने का सबसे आसान तरीका है पर्याप्त मात्रा में पानी पीना. रिपोर्ट के मुताबिक कब्ज से पीड़ित व्यक्ति अगर कार्बोनेटेड पानी पीएं तो उसे फायदा पहुंचेगा. इससे शरीर को हाइड्रेट करने में मदद मिलेगी और कब्ज से राहत मिलेगी.
सेनाय के पत्ते – पीले रंग के फूलों वाला यह एक पौधा है जिसके पत्ते में अनेक प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सेनाय के पत्ते हर्बल लेक्सेटिव का काम करते हैं. इसमें मौजूद ग्लाइकोसाइड आंत की नर्व को सक्रिय करता है जिससे कब्ज से राहत मिलती है.
फलीदार सब्जी – कब्ज से छुटकारा पाने के लिए फाइबरयुक्त आहार लेना फायदेमंद होता है. इसके लिए हरी पत्तीदार और फलीदार सब्जियों का सेवन करें. घीया, भिंडी, ब्रोकली, बींस, गाजर, चुकंदर, अलसी, फ्रोजन मटर, राजमा आदि में डाइट्री फाइबर होता है जो कब्ज को ठीक करने में बहुत फायदेमंद है.
कॉफी पीएं – कब्ज के पुराने मरीजों के लिए कॉफी पीना फायदेमंद होता है. कॉफी में मौजूद कैफिन डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए जरूरी केमिकल को सक्रिय कर देता है जिसके कारण छोटी आंत का मूवमेंट तेज हो जाता है. इससे बाथरूम जाने की तलब लगती है और पेट साफ रहता है. कॉफी में सॉल्यूबल फाइबर भी होता है जो कब्ज से राहत दिलाता है.
प्रोबायोटिक फूड – कब्ज के मरीजों को छाछ, दही, किमची आदि प्रोबायोटिक फूड का सेवन करने से राहत मिलती है. प्रोबायोटिक फूड में लाखों की संख्या में गुड बैक्टीरिया होते हैं जो आंत में पाचन संबंधी रसायनों का निर्माण करते हैं. इससे भोजन का पाचन सही से होता है कॉन्स्टिपेशन की शिकायत दूर होती है.
एक्सरसाइज करना न भूलें – एक्सरसाइज से सिर्फ बॉडी ही नहीं मजबूत होती बल्कि इससे कॉन्स्टिपेशन की समस्या भी दूर होती है. एक रिसर्च के मुताबिक गतिहीन जीवनशैली कब्ज का कारण बनती है इसलिए एक्सरसाइज से शरीर के सभी अंगों में मूवमेंट होती है जो कब्ज को भगाने के लिए जरूरी है.
बवासीर को पाइल्स (Piles) के रूप में भी जाना जाता है। यह गुदा क्षेत्र में सूजी हुई नसों के कारण होता है। हालांकि यह अपनी सामान्य अवस्था में यह क्षेत्र मल के मार्ग को नियंत्रित करने के लिए कुशन के रूप में कार्य करता है। पर बवासीर की स्थिति में इनमें सूजन आ जाती है। ऐसा क्यों होता है, इसका सटीक कारण अभी भी अज्ञात है। पर ज्यादातर विशेषज्ञ ऐसा मानते हैं कि मलत्याग के दौरान गुदा क्षेत्र में दबाव बढ़ाने वाले कारक बवासीर के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह ऐसी समस्या है, जिससे कई लोग जूझते हैं और इससे उन्हें उठने-बैठने और चलने में भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
क्या हो सकते हैं पाइल्स के कारण?
बवासीर में योगदान करने वाले कई कारक हो सकते हैं:
पोषण संबंधी कारक (लो फाइबर आहार)
इरेगुलर गट हैबिट्स (कब्ज या दस्त)
नियमित व्यायाम की कमी
जेनेटिक्स
पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन
लंबे समय तक बैठे रहना
मोटापा
*बवासीर का आयुर्वेदिक उपचार – डॉ नुस्खे piles cure kit*
सूक्ष्म जीवों को खत्म करने और उन्हें बढ़ने से रोकने वाले तत्व।
वो औषधि जो पेट और आंत के काम को आसान कर पाचन तंत्र को बेहतर करती है।
वे औषधि जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर काम कर इम्यून की प्रतिक्रिया में सुधार लाती हैं।
शरीर के अंगों को पोषण देने वाले एजेंटस।
- मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
- खाने के बाद या पहले: खाने के बाद
- अधिकतम मात्रा: 2 कैप्सूल
- लेने का तरीका: गुनगुना पानी
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औषधि का प्रकार: कैप्सूल
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औषधि लेने का माध्यम: मुँह
- आवृत्ति (औषधि कितनी बार लेनी है): दिन में 2 बार
अब कोई नहीं होगा समय से पहले गंजा बालों की समस्या भी होगी दूर
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