सर्दी का मौसम आ चुका है, ऐसे में खांसी-जुकाम की समस्या आम होने के साथ ही वायरल इंफेक्शन, खुजली,एलर्जी और सिरदर्द की परेशानी बढ़ने लगने लगती है। वहीं कई बार तो मामूली सर्दी-जुकाम साइनस का रूप भी ले लेता है, फेफड़े और गले के इंफेक्शन, स्किन इंफेक्शन बढ़ जाते हैं। यानि कुल मिलाकर सर्दी में इंफेक्शन के बढ़ने का हमेशा चांस रहता है।
वहीं जानकारों की मानें तो आयुर्वेद में हर चीज़ की औषधि उपलब्ध है। कई सारी ऐसी बीमारियां हैं, जिन पर अच्छी अच्छी दवाइयां भी कुछ ख़ास असर नहीं दिखा पाती हैं। आयुर्वेद के डॉक्टर राजकुमार कहते हैं ऐसे में जब दवाइयां काम नहीं कर पाती तब घरेलु नुस्खे काम आते हैं।
ऐसे में डॉ. राजकुमार के अनुसार आयुर्वेद में एक ऐसा घरेलु नुस्खा है, जिसके एक नहीं अनेक फायदे हैं। यह सभी तरह के इंफेेक्शन में बहुत फायदेमंद है।
इसका इस्तेमाल भी बेहद आसान है। इसमें सबसे खास बात ये हैं कि घरेलु नुस्खों के कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं होते है, इसलिए आप बिना किसी चिंता के इनका उपयोग कर सकते हैं।
ऐसे करें उपयोग…
इस सबसे खास नुस्खे में लहसुन और शहद को उपयोग में लिया जाता है। इसके लिए सबसे लहसुन को थोड़ा कूटना होगा
इसमें लहसुन का पेस्ट नहीं बनाकर आपको केवल उसे हल्का सा दबा लेना है, जिससे शहद उसके अंदर तक जा सके। जानकार तक मानते हैं कि इस घरेलु नुस्खे के इतने फायदे हैं कि इसका असर देखकर आप हैरान रह जाएंगे। ऐसे में अगर हम सात दिन खाली पेट शहद में डूबा हुआ लहसुन खायेंगे तो यह दवा के रूप में काम करेगा।
ये हैं खास फायदे: सर्दी-जुकाम, साइनस और वायरल इंफेक्शन…
डॉ. राजकुमार के अनुसार शहद में डूबा लहसुन खाने से सर्दी-जुकाम और वायरल इंफेक्शन की समस्या ख़त्म हो जाती हैं। साथ ही इसको खाने से सर्दी-जुखाम के साथ ही साइनस की तकलीफ को कम कम करने में भी फायदा मिलता हैं। इसका कारण ये है कि लहसुन शरीर की गर्मी को बढ़ाता है और बीमारियों को दूर रखता है।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए :
यदि आप रोज़ शहद के साथ लहसुन खाएंगे तो इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद बढ़ जाएगी और आप जल्दी बीमार नहीं पड़ेगे।
हार्ट अटैक और फैट गलाए :
शहद और लहसुन रोज़ खाने से दिल के मरीजों को बेहद फायदा होता है। इससे दिल की धमनियों में से फैट पिघल जाता है और हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो जाता है।
डायरिया में सहायक :
शहद में डूबा लहसुन डायरिया में बहुत मददगार साबित होता हैं। अगर किसी को या फिर बच्चों को बार-बार डायरिया हो जाता है तो उन्हें ये मिश्रण खिलाएं। इससे उनका पाचन तंत्र दुरुस्त होने के साथ ही पेट का संक्रमण भी खत्म हो जाएगा।
डीटॉक्स के रूप में काम करता हैं :
शहद में डूबा हुआ लहसुन एक प्राकृतिक डीटॉक्स मिश्रण है, जिसे खाने से शरीर से गंदगी और वेस्ट मैटेरियल बाहर निकल जाते हैं।
फेफड़े और गले के इंफेक्शन में सहायक :
शहद में डूबा हुआ लहसुन फेफड़े और गले के इंफेक्शन में लाभदायक इसको खाने से गले का संक्रमण दूर होता है, क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी होता हैं जो गले की खराश और सूजन को कम करता है।
फंगल और स्किन इंफेक्शन में सहायक : शहद में डूबा हुआ लहसुन फंगल और स्किन इंफेक्शन से बचाता हैं। फंगल इंफेक्शन, शरीर के कई भागों पर हमला करते हैं लेकिन एंटीबैक्टीरियल गुण होने के कारण यह बैक्टीरिया को खत्म कर शरीर को कमजोर होने से बचाता है।
स्किन इंफेक्शन :
हल्दी के पाउडर को हल्के गर्म पानी के साथ मिलाकर पेस्ट तैयार करें। इसे इंफेक्शन वाले स्थान पर लगाएं और रुई रखकर इसे पट्टी से बांध लें। दिन में दो बार ऐसा करें। इससे न सिर्फ इंफेक्शन दूर होगा बल्कि स्किन पर दाग भी नहीं पड़ेगा।
यूरिन इंफेक्शन :
रात को सोने से पहले 1 मुट्ठी गेंहू को पानी में भिगोएं और सुबह उसी पानी को छान लें। फिर उसमें मिसरी मिलाकर खाएं।
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पुरुषों की कमजोरी मिटाने के देसी तरीके
मूसली काली और सफेद दो तरह की होती है। सफेद मूसली काली मूसली से अधिक गुणकारी होती है और वीर्य को गाढ़ा करने वाली होती है। मूसली का 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और शरीर में काम-उत्तेजना की वृद्धि होती है।
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पुरुषों के लिए सफेद मूसली बहुत ही लाभकारी होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल के सेवन से पुरुषों की शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल को Chlorophytum (क्लोरोफ़ायटम) कहा जाता है। यह एक प्रकार का पौधा है, जिसके अंदर छोटे सफ़ेद फूल होते है। यह विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए लाभदायक होती है जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो और कामेच्छा कम होती है।
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