निर्जला एकादशी का व्रत 21 जून, सोमवार को रखा जाएगा.
भगवान विष्णु की निर्जला एकादशी व्रत में विशेष पूजा की जाती है.
निर्जला एकादशी में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
निर्जला एकादशी का महत्व
निर्जला एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण माना गया है. निर्जला एकादशी का व्रत सभी एकादशी व्रतों में श्रेष्ठ बताया गया है. ये व्रत सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है. इस व्रत को विधि पूर्वक करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है. दांपत्य जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं. इसके साथ ही जॉब, करियर और बिजनेस में आने वाली बाधाएं भी दूर होती है. इस व्रत को रखने से ग्रहों का दोष भी दूर होता है.
निर्जला एकादशी व्रत में जल का त्याग किया जाता है
निर्जला एकादशी व्रत को कठिन व्रतों से एक माना गया है. इस व्रत में अन्न के साथ जल का भी त्याग किया जाता है. इस दिन बिना जल ग्रहण किए व्रत को पूर्ण किया जाता है. व्रत का पारण द्वादशी के दिन किया जाता है. इस व्रत में कुछ नियमों का पालन करना चाहिए-
- निर्जला एकादशी में अनुशासन का पालन करना चाहिए
- काम, क्रोध आदि से दूर रह कर व्रत को पूर्ण करना चाहिए.
- अच्छे और सकारात्मक विचारों को अपनाना चाहिए.
- अहंकार से दूर रहना चाहिए.
- वाणी को खराब नहीं करना चाहिए.
- भगवान का स्मरण करना चाहिए.
- दान आदि का कार्य करना चाहिए.
- भगवान विष्णु की सच्चे मन से उपासना करनी चाहिए.
- सत्यनारायण की कथा सुननी चाहिए.
निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त
- निर्जला एकादशी तिथि: 21 जून 2021
- एकादशी तिथि प्रारंभ: 20 जून, रविवार को शाम 4 बजकर 21 मिनट से शुरू
- एकादशी तिथि समापन: 21 जून, सोमवार को दोपहर 1 बजकर 31 मिनट तक
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