घुटनों की पीड़ा:कारण और निवारण- घुटनो में दर्द किसी चोट के कारण या आर्थराइटिस के कारण हो सकता हैं, घुटनो में दर्द, घुटनो में सूजन, उठते बैठते जोड़ो में कटक कटक की आवाज़ आना ये सभी इसी समस्या के प्रमुख लक्षण हैं। ऐसे में थोड़ी से सावधानी रखने से बढ़ती उम्र में भी इस दर्द से छुटकारा पाया जा सकता हैं।
घुटनो के दर्द के प्रकार – घुटनों के अंदरूनी या मध्य भाग में दर्द छोटी मोटी चोंटों या आर्थराईटीज के कारण हो सकता है। लेकिन घुटनों के पीछे का दर्द उस जगह द्रव संचय होने से होता है इसे बेकर्स सिस्ट कहते हैं। सीढ़ियों से नीचे उतरते वक्त अगर घुटनों में दर्द होता है तो इसे नी केप समस्या जाननी चाहिए। यह लक्षण कोंट्रोमलेशिया का भी हो सकता है। सुबह के वक्त उठने पर अगर आपके घुटनों में दर्द होता है तो इसे आर्थराईटीज की शुरू आत समझनी चाहिए। चलने फिरने से यह दर्द धीरे-धीरे कम हो जाता है। बिना किसी चोंट या जख्म के अगर घुटनों में सूजन दिखे तो यह ओस्टियो आर्थराईटीज, गाऊट अथवा जोड़ों का संक्रमण की वजह से होता है।
घुटनों के दर्द की चिकित्सा – घुटनों में दर्द को कम करने के लिए गरम या ठंडे पेड से सिकाई की जरूरत हो सकती है। घुटनों में तीव्र पीड़ा होने पर आराम की सलाह डी जाती है ताकि दर्द और सूजन कम हो सके। फिजियो थेरपी में चिकित्सक विभिन्न प्रक्रियाओं के द्वारा घुटनों के दर्द और सूजन को कम करने का प्रयास करते हैं।
केल्शियम – अस्थियों को मजबूत बनाए रखने के लिए केल्शियम का सेवन करना उपकारी है। अगर पत्थरी की शिकायत नहीं है तो आप चूना गेंहू के दाने के बराबर दही में डाल कर नित्य खाए। या अनार के रस में मिला कर या गाजर के रस में मिला कर खाए। दूध ,दही,ब्रोकली में पर्याप्त केल्शियम होता है।
दाल चीनी,जीरा,अदरक और हल्दी – घुटनों के लचीलेपन को बढाने के लिए दाल चीनी,जीरा,अदरक और हल्दी का उपयोग उत्तम फलकारी है। इन पदार्थों में ऐसे तत्त्व पाए जाते हैं जो घुटनों की सूजन और दर्द का निवारण करते हैं।
गाजर – गाजर में जोड़ों में दर्द को दूर करने के गुण मौजूद हैं। चीन में सैंकडों वर्षों से गाजर का इस्तेमाल संधिवात पीड़ा के लिए किया जाता रहा है। गाजर को पीस लीजिए और इसमें थोड़ा सा नीम्बू का रस मिलाकर रोजाना खाना उचित है।यह घुटनों के लिगामेंट्स का पोषण कर दर्द निवारण का काम करता है।
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मैथी के बीज – मैथी के बीज संधिवात की पीड़ा निवारण करते हैं।एक चम्मच मैथी बीज रात भर साफ़ पानी में गलने दें। सुबह पानी निकाल दें और मैथी के बीज अच्छी तरह चबाकर खाएं| शुरू में तो कुछ कड़वा लगेगा लेकिन बाद में कुछ मिठास प्रतीत होगी। भारतीय चिकित्सा में मैथी बीज की गर्म तासीर मानी गयी है। यह गुण जोड़ों के दर्द दूर करने में मदद करता है।
प्याज – प्याज अपने सूजन विरोधी गुणों के कारण घुटनों की पीड़ा में लाभकारी हैं। दर असल प्याज में फायटोकेमीकल्स पाए जाते हैं जो हमारे इम्यून सिस्टम को ताकतवर बनाते हैं। प्याज में पाया जाने वाला गंधक जोड़ों में दर्द पैदा करने वाले एन्जाईम्स की उत्पत्ति रोकता है। एक ताजा रिसर्च में पाया गया है कि प्याज में मोरफीन की तरह के पीड़ा नाशक गुण होते हैं।
गरम तेल – गरम तेल से हल्की मालिश करना घुटनों के दर्द में बेहद उपयोगी है। एक बड़ा चम्मच सरसों के तेल में लहसुन की २ कुली पीसकर डाल दें। इसे गरम करें कि लहसुन भली प्रकार पक जाए। आच से उतारकर मामूली गरम हालत में इस तेल से घुटनों या जोड़ों की मालिश करने से दर्द में तुरंत राहत मिल जाती है। इस तेल में संधिवात की सूजन दूर करने के गुण हैं। घुटनों की पीड़ा निवारण की यह असरदार चिकित्सा है।
नारियल की गिरी – प्रतिदिन नारियल की गिरी का सेवन करें। इससे घुटनों को ताकत आती है।
अखरोट की गिरी – लगातार 20 दिनों तक अखरोट की गिरी खाने से घुटनों का दर्द समाप्त होता है।
लहसन दही – बिना कुछ खाए प्रतिदिन प्रात: एक लहसन कली, दही के साथ दो महीने तक लेने से घुटनों के दर्द में चमत्कारिक लाभ होता है।
जोड़ों की पीड़ा दूर करने के लिये तेल
जोड़ों की पीड़ा दूर करने के लिये तेल निर्माण करने का एक बेहद असरदार फार्मूला नीचे लिख रही हूँ ,जरूर प्रयोग करें-
काला उड़द 10 ग्राम ,बारीक पीसा हुआ अदरक 5 ग्राम ,पीसा हुआ कर्पूर 2 ग्राम लें। ये तीनों पदार्थ 50 ग्राम सरसों के तेल में 5 मिनिट तक गरम करें और आंच से उतारकर छानकर बोतल में भर लें। मामूली गरम इस तेल से जोड़ों की मालिश करने से दर्द में आराम मिलता है। दिन में 2-3 बार मालिश करना उचित है। यह तेल आर्थ्रराईटीज जैसे दर्दनाक रोगों में भी गजब का असर दिखाता है।
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