से*स संबंध बनते समय कोई महिला किसी पुरुष से क्या चाहती है यह वह कभी खुलकर नहीं बताती। लेकिन इसके बारे में हमेशा शोध होते रहते है इस पर पहले भी काफी बार लिखा जा चूका है, से*स से जुड़े विषय के एक्सपर्ट्स के अलावा 700 से ज्यादा महिलाओं ने खुलकर बताया हैं की महिलाएं बिस्तर पर पुरुष से क्या चाहती है|
सबसे महत्वपूर्ण बात
अधिक से*स समय :-अगर आपका से*स करने का समय कम है तो जाहिर सी बात है महिला संतुस्ट नहीं हो पायेगी|
यदि आप अपने समय को बढ़ाना चाहते हैं तो आप कुछ आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग कर सकते हैं|
आयुर्वेदिक औषधियों का कोई साइड इफ़ेक्ट तो होता नहीं है और फायदा भरपूर मिलता है|
आयुर्वेद में कुछ दवाये जो आपका से*स समय बढ़ने में मदद करेगी|
१.डॉ नुस्खे अश्वगंधा चूरन
२.डॉ नुस्खे धातुपोस्टिक चूरन
३.डॉ नुस्खे कौंच बीज चूरन
४.डॉ नुस्खे कौंच पाक या मूसली पाक
५.डॉ नुस्खे काम स पाक
1. सिर्फ कामक्रीड़ा पर ही हो पूरा ध्यान- बिस्तर पर महिला पार्टनर की यौन-इच्छा को तृप्त करने के लिए सबसे जरूरी चीज है- ‘जज्बा’. सर्वे के मुताबिक करीब 42 फीसदी महिलाओं ने यह बात मानी की है. महिलाएं कई तरीके से पुरुषों के प्यार को महसूस करती हैं, जिनमें सबसे ज्यादा इनका ध्यान खींचता है आपके मुंह से की गईं ‘शरारतें’. आंखों में आंखें डालकर प्यार जताना, होठों को संवेदनशील अंगों पर फिराना, किसी और तरीके से शारीर को छूना महिलाओं को भाता है. जीभ के अगले भाग से नाजुक अंगों का स्पर्श भी महिलाओं का मन मचलने के लिए काफी होता है.
2. फोरप्ले की अहमियत सबसे ज्यादा- सर्वे में शामिल महिलाओं ने माना कि फोरप्ले के दौरान होने वाली उत्तेजना एकदम अलग तरह की होती है. महिलाओं ने कहा कि पुरुषों को से*स के मामले में थोड़ा ‘क्रिएटिव’ होना चाहिए. कुछ नया और एकदम अलग अंदाज में किया जाना महिलाओं को खूब भाता है|
3. धीरे-धीरे, आराम से.- सभी महिलाएं यही चाहती हैं कि उसके बेहद कोमल अंगों को शुरुआती दौर में ज्यादा तकलीफ न दी जाए. महिलाएं पुरुषों से चाहती हैं कि वे उसके संवेदनशील अंगों के साथ संवेदनशीलता से ही पेश आएं. मतलब यह कि से*स के दौरान वे चाहे तो जीभ व उंगलियों का इस्तेमाल करके जरूरी उत्तेजना पैदा करें, पर कष्ट देने से बाज आएं.
4. वातावरण का भी पड़ता है असर- शोध के दौरान 50 फीसदी महिलाओं ने मान है कि से*स के दौरान अनुकूल मौसम व वातावरण न होने की वजह से वे चरम तक न पहुंच सकीं. महिलाओं ने यह भी माना कि दरअसल पुरुषों के ठंडे पांव की वजह से उन्हें ज्यादा तकलीफ होती है. डॉ. होल्सटेज ने कहा कि से*स के दौरान वातावरण भी काफी मायने रखता है. अगर कमरे का तापमान अनुकूल रहता है, तो यह से*स का मजा बढ़ा देता है.
5. जल्दबाजी की, तो गए ‘काम’ से- सर्वे में शामिल महिलाओं में से केवल पचास फीसदी ने कहा है कि वे 10 मिनट या इससे कम वक्त में ही चरम तक पहुंच जाती हैं. से*स मेडिसिन के एक जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, से*स में जल्दबाजी दिखलाने पर पुरुष तो संतुष्ट हो जाते हैं, पर महिलाएं चरम तक नहीं पहुंच पाती हैं. ऐसे में पुरुषों की जिम्मेदारी होती है कि वे बिना हड़बड़ी के अपनी पार्टनर को लंबे खेल में साथ लेकर चलें.
6. संवेदनशील अन्य अंगों को पहचानें- से*स पर शोध करने वालों ने पाया है कि केवल G-स्पॉट ही आनंद देने के लिए पर्याप्त नहीं है, बल्कि महिलाओं के शरीर में और भी ऐसे भाग हैं, जहां संवेदना ज्यादा होती है. इसमें A- स्पॉट भी शामिल है, जहां सहलाने से महिलाओं का शरीर यौन क्रिया के लिए शारीरिक रूप से तैयार हो पाता है. इस काम में उंगलियों से की गयी कारस्तानी काम आती है.
7. तैयारी को ठीक से परखें- कोई महिला संभोग के लिए तैयार है या नहीं, यह परखने में भी कई बार भूल हो जाती है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में लेक्चरर बरबरा कीसलिंग का मानना है कि सिर्फ बाहरी लक्षण से ही इसकी पहचान संभव नहीं है. इनकी नजर में ‘बटरफ्लाई पोजिशन’ सबसे ज्यादा बेहतर है.
8. ‘कीमत’ तो अदा करनी ही पड़ती है- अगर महिला अपने थकाऊ काम या नींद की कमी की वजह से परेशान है, तो इसक स्थिति में वह मुश्किल से उत्तेजित होती है. ऐसे में पुरुषों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. पुरुषों को चाहिए कि वे व्यंजन पकाने या कपड़े धोने आदि काम में इनकी मदद करें. सर्वे में शामिल महिलाओं ने माना कि ऐसी स्थिति में जब पुरुष उनके काम में मदद करते हैं कि उन्हें बेहतर एहसास होता है.
9. जरूरी नहीं कि हर बार चरम तक पहुंचा ही जाए- महिला हर बार चरम तक पहुंच ही जाए, यह कोई जरूरी नहीं है. कई बार तनाव व थकान की वजह से ऐसा नहीं हो पाता. ऐसे में जबरन आधे घंटे तक ‘खेल’ जारी रखने की बजाए इसे खत्म कर देना बेहतर रहता है. चरम तक न ले जाने के लिए हर बार पुरुष ही जिम्मेदार नहीं होता. फिर भी अगर महिला चाहे, तो आप अपने हाथों और उंगलियों से उसे संतुष्ट कर सकती हैं.
10. से*स के दौरान पोजिशन सही हो – से*स संबंध बनाने के दौरान पोजिशन का भी ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है. स्त्री के निचले भाग को अगर दो-तीन तकियों के सहारे थोड़ा-सा और ऊपर उठाकर से*स किया जाए, तो इससे संसर्ग ठीक से हो पाता है. वह स्थिति भी बेहतर होती है, जब स्त्री लेटे हुए पुरुष के ऊपर आकर संभोग करती है. इससे स्त्रियां ‘उन’ अंगों में ज्यादा उत्तेजना महसूस करती हैं. एक और पोजिशन महिलाओं व पुरुषों को अच्छा लगता है, वह है ‘डॉगी स्टाइल’. मतलब, जिसमें स्त्री घुटनों और हाथों के बल खुद को संतुलित किए रहती है और पुरुष उसके ठीक पीछे जाकर संभोग करता है|
-एक महिला की से*स करने की सबसे ज्यादा इच्छा पीरियड्स के दौरान होती है। रिसर्च के मुताबिक आपको बता दे की इस समय हर महिला यही चाहती है की वो अपने साथी के साथ ज्यादा से ज्यादा से*स करे। सेक्सो लॉजिस्टो के मुताबिक जब महिलाओ का पीरियड्स पूरा हो जाता है तो ज्यादा से ज्यादा से*स करना चाहती है।
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