`भारत के अधिकांश घरों में तुलसी के पौधे (Tulsi Plant) की पूजा की जाती है। हमारे ऋषियों को लाखों वर्ष पूर्व तुलसी के औषधीय गुणों का ज्ञान था इसलिए इसको दैनिक जीवन में प्रयोग हेतु इतनी प्रमुखत से स्थान दिया गया है। आयुर्वेद में भी तुलसी के फायदों का विस्तृत उल्लेख मिलता है। इस लेख में हम आपको तुलसी के फायदे, औषधीय गुणों और उपयोग के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
डॉ नुस्खे Neem oil के फायदे
बालों का गिराना एवं असमय सफ़ेद होने से रोके
बालो में होनी वाली रूसी से बचाव
बालों को पोषण देकर जड़ो से मजबूत करे
कमज़ोर बालों को मजबूत बनाए
बालों को मुलायम करता हैं
बालों को लंबा व घना बनाता है
सिर की त्वचा का रूखापन दूर करता है
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तुलसी एक औषधीय पौधा है जिसमें विटामिन (Vitamin) और खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। सभी रोगों को दूर करने और शारीरिक शक्ति बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर इस औषधीय पौधे को प्रत्यक्ष देवी कहा गया है क्योंकि इससे ज्यादा उपयोगी औषधि मनुष्य जाति के लिए दूसरी कोई नहीं है। तुलसी के धार्मिक-महत्व के कारण हर-घर आगंन में इसके पौधे लगाए जाते हैं। तुलसी की कई प्रजातियां मिलती हैं। जिनमें श्वेत व कृष्ण प्रमुख हैं। इन्हें राम तुलसी और कृष्ण तुलसी भी कहा जाता है।
डॉ. नुस्खे भीम चूर्ण — अश्वगंधा, शतावरी, मुलेठी, काली मूसली- सफ़ेद मूसली, विदारी कंद , विधारा, अपामार्ग की जड़ , काली तुलसी की जड़ , काली मिर्च , वायविडंग को मिलाकर बनाया हुआ आयुर्वेदिक चूर्ण है जिसका सेवन करने से कमजोर मनुष्य भी ताकतवर बन जाता है और उसका शारीरिक विकास होता है | भीम चूर्ण खासतौर पर यौन ग्रंथियों को मजबूती प्रदान करता है. यह तंत्रिकातंत्र के लिए एक खास पोषक तत्त्व के रूप में काम करता है। ऑर्डर करने के लिए click करें https://cutt.ly/enLyWzY
चरक संहिता और सुश्रुत-संहिता में भी तुलसी के गुणों के बारे में विस्तार से वर्णन है। तुलसी का पौधा आमतौर पर 30 से 60 सेमी तक ऊँचा होता है और इसके फूल छोटे-छोटे सफेद और बैगनी रंग के होते हैं। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल जुलाई से अक्टूबर तक होता है।औषधीय उपयोग की दृष्टि से तुलसी की पत्तियां ज्यादा गुणकारी मानी जाती हैं। इनको आप सीधे पौधे से लेकर खा सकते हैं। तुलसी के पत्तों की तरह तुलसी के बीज के फायदे भी अनगिनत होते हैं।
वीर्य शोधन चूर्ण के इस्तेमाल से शीघ्रपतन, प्रियअंग का ढीलापन, धातु दुर्बलता, शारीरिक दुर्बलता, शुक्राणुओं की कमी, मर्दाना ताकत, कामेच्छा और काम-शक्ति की कमी (पुरुष इन्द्रिय की दुर्बलता) , वीर्य की कम मात्रा या वीर्य का पतला होना ,प्रियअंग में तनाव ना होना आदि से छुटकारा मिलता है, यह वीर्य के दूषित तत्वों को दूर करता है। इसके सेवन से स्तम्भन शक्ति बढ़ती है .
वीर्य शोधन चूर्ण जादुई व गुणकारी नुस्खा है। कम से कम 60 दिन नियमित रूप से सेवन करने पर धातु शुद्ध और पुष्ट होती है, शुक्र की वृद्धि होती है, शुक्र गाढ़ा होता है तथा स्वप्न दोष तथा शीघ्रपतन जैसी व्याधियां गायब हो जाती हैं। यह नुस्खा परीक्षित है। हानिकारक आहार-विहार का त्याग और उचित आचरण का पालन करते हुए वीर्यशोधन चूर्ण का प्रयोग करें।घर बैठे डॉ नुस्खे वीर्य शोधन चूर्ण ऑर्डर करने के लिए click करें https://cutt.ly/5nLtkTU
आप तुलसी के बीज के और पत्तियों का चूर्ण भी प्रयोग कर सकते हैं। इन पत्तियों में कफ वात दोष को कम करने, पाचन शक्ति एवं भूख बढ़ाने और रक्त को शुद्ध करने वाले गुण होते हैं।इसके अलावा तुलसी के पत्ते के फायदे बुखार, दिल से जुड़ी बीमारियां, पेट दर्द, मलेरिया और बैक्टीरियल संक्रमण आदि में बहुत फायदेमंद हैं। तुलसी के औषधीय गुणों (Medicinal Properties of Tulsi) में राम तुलसी की तुलना में श्याम तुलसी को प्रमुख माना गया है। आइये तुलसी के फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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ज्यादा काम करने या अधिक तनाव में होने पर सिरदर्द होना एक आम बात है। अगर आप भी अक्सर सिर दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं तो तुलसी के तेल की एक दो बूंदें नाक में डालें। इस तेल को नाक में डालने से पुराने सिर दर्द और सिर से जुड़े अन्य रोगों में आराम मिलता है। सबसे ज़रूरी बात यह है कि तुलसी के उपयोग करने का तरीका सही होना चाहिए।
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