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स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक है। आधुनिक युग में ख़राब जीवनशैली के कारण हम अस्वस्थ रहने लगे हैं। इन सबके कारण हमें विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं अतः हमें स्वस्थ रहने के लिए अपना ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है।
स्वस्थ रहने के कुछ अन्य डेली माध्यम जिनका पालन भी है ज़रूरी-
कब्ज से पीड़ित लोगों को शाम के समय पपीते का सेवन जरूर करना चाहिए। फाइबरयुक्त पदार्थों का सेवन करने से भी कब्ज में राहत मिलती है।
दांतों को स्वस्थ एवं साफ रखने के लिए रात को सोने से पहले दांतों को साफ करना चाहिए। उसके बाद एक गिलास पानी पी कर ही सोना चाहिए।
खाना खाने के समय अधिक पानी नहीं पीना चाहिए। बीच में एक बार ही पानी पीना चाहिए। यदि हो सके तो खाना खाने के आधे घंटे बाद पानी पिएँ।
प्रतिदिन योगा करना हमारे शरीर के लिए लाभदायक होता है। यह हमें गंभीर बीमारियों से भी बचा सकता है।
फ्रिज में रखे ठंडे पानी को पीने से बचना चाहिए। यह न केवल गले के लिए हानिकारक होता है बल्कि हमारे शरीर को भी नुकसान पहुंचाता है।
कहीं भी बाहर से आने के बाद , बाहर की वस्तुओं को छूने के बाद , घर में खाना बनाने से पहले, खाना खाने से पहले हाथों को बहुत अच्छी तरह से धोना चाहिए।
यदि घर में छोटे बच्चे और बूढ़े लोग हो तो स्वच्छता का अधिक ख्याल रखना चाहिए क्योंकि बच्चे और बूढ़े लोगों को बीमारियां जल्दी हो जाती हैं ।
घर में सफाई झाड़ू, पोछा, जाला साफ इत्यादि करते रहना चाहिए। कूलर में या किसी भी गड्ढे में पानी अधिक समय तक नहीं भरा रहने देना चाहिए। इससे वहां पर मच्छर, कीड़े मकोड़े पनपते हैं जो हमारे लिए हानिकारक होते हैं अतः हमें सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
फर्श की सफाई फिनायल आदि डालकर करनी चाहिए। टॉयलेट और बाथरूम को हमेशा साफ रखना चाहिए। यहां से इंफेक्शन का खतरा अधिक होता है ।
खाने में पौष्टिक भोजन, दूध, दही, सलाद, फल, अनाज, हरी सब्जियों आदि का प्रयोग करना चाहिए। हमेशा सब्जियों को धोकर प्रयोग में लाना चाहिए।
खाने को पकाने के लिए सोयाबीन तेल, सनफ्लावर ऑयल, मक्का या ऑलिव आयल को प्राथमिकता देनी चाहिए।
बहुत देर तक एक ही अवस्था में नहीं बैठे रहना चाहिए।
वातावरण में विभिन्न प्रकार के वायरस पनप रहे हैं जिनसे हमें खुद को बचाना चाहिए। ये जानलेवा साबित हो रहे हैं। हमें अपने आप को और अपने आसपास के लोगों को भी सुरक्षित रहने के उपायों को बताना चाहिए। लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना चाहिए।
शरीर को Vitamin D की आवश्यकता होती है जिससे हड्डियां मजबूत रहती हैं। हमें सुबह की दो-तीन घंटे की धूप लेनी चाहिए ।
सर्दियों में सूखे मेवे खाने चाहिए परंतु कम मात्रा में। अखरोट सेलेनियम का अच्छा स्त्रोत है इसलिए अख़रोट का सेवन करना भी लाभदायक होता है।
संतरे, अंगूर, नींबू व अमरूद में विटामिन सी की अच्छी मात्रा में पाई जाती है। इनका सेवन प्रतिदिन करना चाहिए।
बड़े बुजुर्गों के साथ समय व्यतीत करना चाहिए। उनकी छोटी-छोटी बातें बहुत ही ज्ञान पूर्ण होती हैं ।
तांबे के बर्तन में पानी पीना चाहिए। तांबे में बैक्टीरिया नाशक गुण होते हैं जो संक्रमण होने से बचाते हैं। यह पानी लीवर के लिए फायदेमंद रहता है।
भूख से अधिक खाना, बिना भूख के खाना व असमय खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है ।
शिशुओं के लिए समय समय पर स्तनपान कराना ज़रूरी है।
सूक्ष्म जीवों को खत्म करने और उन्हें बढ़ने से रोकने वाले तत्व।
वो औषधि जो पेट और आंत के काम को आसान कर पाचन तंत्र को बेहतर करती है।
वे औषधि जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर काम कर इम्यून की प्रतिक्रिया में सुधार लाती हैं।
शरीर के अंगों को पोषण देने वाले एजेंटस।
- मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
- खाने के बाद या पहले: खाने के बाद
- अधिकतम मात्रा: 2 कैप्सूल
- लेने का तरीका: गुनगुना पानी
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औषधि का प्रकार: कैप्सूल
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औषधि लेने का माध्यम: मुँह
- आवृत्ति (औषधि कितनी बार लेनी है): दिन में 2 बार
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