मेरी सहेली को पिछले 3 साल से अस्थमा की परेशानी है बहुत दवा करी पर ठीक नहीं हुआ फिर मुझे किसीने डॉ. नुस्खे हर्बल संथी के बारे मे बताया उसे लेने से अब वह ठीक है
मूसली की खेती करने के लिए खेत की तैयारी हेतु सर्व प्रथम खेत में गहरा हल चला कर मिटटी को पूरी तरह उलट दिया जाता है, यदि खेत में हरी खाद के लिए अल्पावधि वाली फसल लगायी गयी हो तो उसे काटकर खेत में मिला दिया जाता है तदुपरांत एक खेत में 20 -25 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, 5 क्विंटल हड्डी खाद, बायोएंजाइम 16 किलोग्राम, 5 ट्राली सड़ी हुई गोबर की खाद प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करना चाहिए ! इन सभी खादों को खेत की अंतिम जुताई से पहले खेत में डाल कर अच्छी तरह से मिला देनी चाहिए तदुपरांत पाटा चलकर भूमि को समतल बना लेना चाहिए
मूसली की अच्छी पैदावार के लिए खेत में बेड्स बनाये जाना आवश्यक है, इस सन्दर्भ में 3 – 3 .5 फ़ीट चौड़े सामान्य खेत में कम से कम 6 इंच से 1.5 फ़ीट ऊँचे रिच बेड बना दिए जाते है इसके साथ साथ पानी की उचित जल निकासी हेतु नालियों की पर्याप्त व्यवस्था की जाती है,तथा बेड्स के किनारों पर आने जाने के लिए पर्याप्त जगह छोड़ा जाना आवश्यक होता है, यदि ज्यादा चौड़े बेड्स न बनाने हो तो आलू की तरह सिंगल बेड्स भी बनाये जा सकते है हालाँकि इनमे ज्यादा जगह घेरी जाती है परन्तु मूसली उखाड़ते समय यह सुविधाजनक होते है।
सफेद मूसली की वैसे तो 175 प्रजातियां होती है जिनमे चार प्रजातियां प्रमुख है
1. क्लोरोफाइटम बोरिबिलियनम
2. क्लोरोफाइटम लेक्सम
3. क्लोरोफाइटम अरुण्डिनेसियम
4. क्लोरोफाइटम ट्यूबरोसम
सुबह के समय 20-25काली किशमिश को गर्म पानी में धो कर साफ कर ले और फिर एक गिलासदूध में डाल कर रख दे उसके बाद आधे घंटे के बाद उस दूध को गर्म कर दे इसके बाद आप अब उस दिन को हल्का गर्म गर्म ही पी ले और किशमिश खा ले इस दूध के सेवन से आपकी कमजोरी दूर होती है, खून बढ़ता है, पुरानी बीमारी और लीवर की खराबी ठीक हो जाती है