हम आपको आयुर्वेद की 5 खास जड़ी-बूटियों के बारे में बता रहे हैं जिनके आपकी सेहत को तमाम तरह के लाभ मिलेंगे। साथ ही मन और आत्मा के बीच भी कमाल का बैलेंस रहेगा।
अश्वगंधा – अश्वगंधा को विथानियासोम्निफेरा के रूप में भी जाना जाता है। आयुर्वेद में पीले फूलों वाले इस छोटे लकड़ी के पौधे का प्रयोग तमाम तरह की औषधियां बनाने में किया जाता है, जो आपको कई बीमारियों का इलाज में मदद कर सकती हैं। इसके सेवन से तनाव भी दूर होता है। अश्वगंधा वाइट ब्लड सेल्स और रेड ब्लड सेल्स दोनों को बढ़ाने का काम करता है। जो कई गंभीर शारीरिक समस्याओं में लाभदायक है। इसके कई सेहत लाभ हैं।
- सर्दी-जुकाम में राहत पहुंचाए मजबूत होती हैं मांसपेशियां
- तेजी होती है याददाश्त
- पुरुषों की प्रजनन क्षमता (male fertility) को बढ़ाए
- नेचुरल इम्यूनिटी बूस्टर
हल्दी – हल्दी हर भारतीय घर की किचन में होती है। आमतौर पर इसका प्रयोग तमाम तरह की सब्जियों और दालों में रंग लाने के लिए किया जाता है लेकिन इसके कई स्वस्थ्य लाभ हैं। हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभावों के लिए जाना जाता है। हल्दी शरीर में रक्त प्रवाह (blood flow) को बढ़ाने में भी मदद करती है और इस तरह की दिल की बीमारियों से हमारी रक्षा करती है। ये कई तरह से हमारे लिए लाभकारी है।
- स्किन के रंग को निखारती है
- अल्जाइमर में राहत
- हार्ट अटैक का खतरा कम
- घुटनों के दर्द को दूर करने में मददगार
- कैंसर से भी करती है बचाव
- डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद
- दूर करती है अनिद्रा की समस्या
इलायची – इलायची का इस्तेमाल चाय से लेकर हर तरह के हलवा, खीर और मिठाइयों में किया जाता है। तमाम लोग इलायची वाला दूध भी पीना पसंद करते हैं। इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, फास्फोरस और कैल्शियम जैसे खनिज होते हैं। यह बेहतर पाचन और चयापचय सहित कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है।
जीरा – एक पत्तेदार पौधा जो जीरा जैसे बीज को पैदा करता है, यह अपने कई स्वास्थ्य लाभों के लिए भी जाना जाता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट के गुण होते हैं जो त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं और इसके सेवन से हम लंबे समय तक युवा दिखते हैं। जीरा का प्रयोग वैसे सब्जियों और दालों में तड़का लगाने के लिए किया जाता है।
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नीम – नीम कई औषधीय गुणों से भरपूर है। नीम हमारे चेहरे के बंद रोमछिद्रों को साफ करके मुंहासों की समस्याओं के इलाज में अत्यधिक प्रभावी हो सकता है। आयुर्वेद और होमोपैथिक दवाओं में नीम का खूब प्रयोग किया जाता है, लेकिन अगर आप रोजाना इसके छोटे पत्तों का सेवन करते हैं, तो हो सकता है कि कभी इलाज की जरूरत ही न पड़े।
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गोक्षुर : आयुर्वेद में बताया गया है कि गोक्षुर एक ऐसी जड़ी बूटी है जो वात पित्त कफ तीनों को नियंत्रित रखने में मदद करती है। गोक्षुर का इस्तेमाल मुख्य रुप से यौन शक्ति बढ़ाने और शीघ्र स्खलन जैसी बीमारियों के इलाज में किया जाता है। इसके सेवन से मांसपेशियों में ताकत आती है और टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ता है।
खुराक : रोजाना एक चम्मच गोक्षुर चूर्ण
सेवन का तरीका : आधा चम्मच गोक्षुर चूर्ण को घी और चीनी के साथ मिलाकर दिन में दो बार खाएं।
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3- केसर : केसर के मुख्य फायदों से तो सभी भलीभांति परिचित है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि केसर में कामोत्तेजक गुण भी होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार केसर को दूध के साथ मिलाकर पीने से शीघ्रपतन की बीमारी ठीक हो जाती है। इसके अलावा केसर के नियमित सेवन से सेक्स पॉवर और कामेच्छा बढ़ती है।
खुराक : रोजाना 5-7 केसर के रेशे (Styles)
सेवन का तरीका : 5-7 केसर के रेशे को दूध में उबालकर रात में सोने से पहले पिएं।
4- मकरध्वज : यह शरीर की ताकत बढ़ाने वाली जड़ी बूटी है। शीघ्र स्खलन के आयुर्वेदिक दवा के रुप में इसका इस्तेमाल प्रमुखता से किया जाता है। इसके अलावा यह वीर्य बढ़ाने और नपुंसकता दूर करने के इलाज में भी इस्तेमाल की जाती है। कई डॉक्टरों का भी मानना है कि शीघ्रपतन के लिए यह एक अचूक औषधि है। आप मकरध्वज का सेवन भष्म या वटी के रुप में कर सकते हैं। इसकी मात्रा या खुराक की अधिक जानकारी के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लें।
खुराक : इसकी खुराक मरीज की वर्त्तमान स्थिति पर निर्भर करती है इसलिए खुराक के लिए डॉक्टर की सलाह लें।
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सेवन का तरीका : डॉक्टर द्वारा बताए गये निर्देशानुसार ही इसका सेवन करें।
5- मुलेठी : अधिकतर लोग मुलेठी का इस्तेमाल खांसी-जुकाम या गले की खराश दूर करने के लिए करते हैं लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि शीघ्रपतन के इलाज में भी आप मुलेठी का इस्तेमाल कर सकते हैं। आयुर्वेद में मुलेठी को वात-पित्त नाशक और शुक्रवर्धक माना गया है। मुलेठी का इस्तेमाल शीघ्रपतन रोकने के घरेलू उपाय के रुप में किया जाता है।
सेवन का तरीका : शीघ्रपतन दूर करने के लिए रोजाना आधा चम्मच मुलेठी चूर्ण को दूध या शहद के साथ मिलाकर सेवन करें।
अगर ऊपर बताए गए किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन के दौरान आपको किसी तरह की परेशानी होती है तो तुरंत नजदीकी डॉक्टर से परामर्श लें। यकीन मानिए शीघ्रपतन का इलाज पूरी तरह संभव है लेकिन अगर आप शर्म और संकोच के कारण इलाज नहीं करवाते हैं तो आगे चलकर आपकी समस्या गंभीर हो सकती है।
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