Dr-Nuskhe- Makardhwaj Vati औषध शारीरिक एवं मानसिक दुर्बलता को मिटाकर शरीर में नई शक्ति एवं स्फूर्ति को उत्पन्न करती है।
पौरुष शक्ति को बढ़ाने तथा शरीर को कान्तिमय बनाने के लिये यह सर्व प्रसिद्ध है।
इस औषध का विशेष प्रभाव स्नायु मण्डल वातवाहिनी नाड़ियों, मस्तिष्क और हृदय पर शीघ्रता से होता है। अतः यह हृदय एवं स्नायु मण्डल को क्रियाशील बनाने में बहुत लाभकारी है।
इसके अतिरिक्त ज्वर, निमोनिया, सर्दी, जुकाम, कफ, खाँसी, श्वास, फुफ्फुसीय विकार, राजयक्ष्मा, उरःक्षत, नाड़ी क्षीणता, शोष, शीतांग आदि रोगों में इस औषध का सफल एवं चमत्कारिक प्रयोग होता है, उन्माद, अपस्मार, मृगी, मूर्छा, मस्तिष्क की दुर्बलता में इसके प्रयोग से आश्चर्यजनक लाभ होता है।
मकरध्वज : यह शरीर की ताकत बढ़ाने वाली जड़ी बूटी है। शीघ्र स्खलन के आयुर्वेदिक दवा के रुप में इसका इस्तेमाल प्रमुखता से किया जाता है। इसके अलावा यह वीर्य बढ़ाने और नपुंसकता दूर करने के इलाज में भी इस्तेमाल की जाती है। कई डॉक्टरों का भी मानना है कि शीघ्रपतन के लिए यह एक अचूक औषधि है। आप मकरध्वज वटी का सेवन भष्म या वटी के रुप में कर सकते हैं।
मकरध्वज वटी एक गिलास दूध या एक गिलास गुनगुना पानी के साथ रोजाना 1 गोली लें। 1-1 दिन में दो बार सुबह-शाम दें। आवश्यकतानुसार दिन में 2 से अधिक बार भी लिया जा सकता है।
अपने बिस्तर ड्राइव को बढ़ाता है।
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मकरध्वज वटी के प्रयोग से रस-रक्तादि सप्त धातुओं की वृद्धि होकर बल, वर्ण, कान्ति तथा ओज और शारीरिक भार की निश्चित रूप से वृद्धि होती है तथा प्रमेह, मधुमेह, पुरुषो में धातू की कमजोरी, शुक्रणु की कमजोरी, वीर्य का पतलापन, शीघ्र पतन, नपुंसकता (नामर्दी) आदि को जल्दी नष्ट करके वीर्य को गाढ़ा एवं निर्मल बनाता है और स्तम्भन शक्ति की वृद्धि करता है।
त्वचा में झुर्रियां पड़ना, असमय में केश पकना एवं असमय में बुढ़ापा तथा हृदय की गति बन्द होकर मृत्यु (हार्टफेल) से रक्षा करने के लिये परम श्रेष्ठ आशु फलदायक औषध है।
मकरध्वज वटी एक सर्वोत्तम रसायन होता है, शरीर में किसी भी कारणवश रक्त की कमी हो जाने पर इसके सेवन से अमृत के समान लाभ होता है और किसी भी कारणवश आई हुई कमजोरी को खत्म करके खून की कमी को दूर करता है और शरीर में नई ताकत का संचार करता है।
मकरध्वज वटी वृद्ध, युवा, स्त्री, पुरुष सबके लिये समान रूप से लाभकारी है। इस औषध का लगातार सेवन करने से रोग-प्रतिरोधक शक्ति में बढ़ोतरी होती है। आयुर्वेद के जानकार बहुत से व्यक्ति तो सर्दियों में बिना किसी रोग के ही इसका निरन्तर सेवन करते हैं।
मकरध्वज वटी शुक्राणु विकार में बहुत लाभ पहुंचाती है। आज अनेक लोग शुक्राणु विकार से पीड़ित होकर निःसंतान रह जाते हैं और इसका इलाज कराने के लिए ढेर सारे पैसे खर्च कर देते हैं। आप मकरध्वज वटी के सेवन से भी शुक्राणु विकार को ठीक कर सकते हैं।
यह वटी अधिक मैथुन या अप्राकृतिक मैथुन के कारण लिंग के ढीलेपन सहित अन्य बीमारियों का भी उपचार करती है। शीघ्रपतन, वीर्य का पतलापन आदि विकारों में भी मकरध्वज वटी उपयोगी होती है। स्तम्भन शक्ति को बढाती है तथा नपुंसकता का नाश करती है।
मकरध्वज वटी एक गिलास दूध या एक गिलास गुनगुना पानी के साथ रोजाना 1 गोली लें। 1-1 दिन में दो बार सुबह-शाम दें। आवश्यकतानुसार दिन में 2 से अधिक बार भी लिया जा सकता है।
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