लासलगांव एपीएमसी में प्याज का औसत थोक दाम गुरुवार को 1,000 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया
दिल्ली के लोकल मार्केट में प्याज 55-60 रुपये/किलोग्राम के हिसाब से मिल रहे हैं
करीब दो-तीन महीनों तक प्याज की कीमतों में कमी के आसार नहीं दिख रहे हैं
बारिश के चलते प्याज का स्टॉक खराब हो चुका है
थाली में प्याज का तड़का लोगों को कुछ महीनों तक अब महंगा पड़ेगा। देश के सबसे बड़े थोक बाजार लासलगांव एपीएमसी में प्याज का औसत थोक दाम गुरुवार को 1,000 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। प्याज के दाम चार साल में पहली बार इस तरह की ऊंचाई को छू रहे हैं। इससे पहले साल 2015 को प्याज के दाम में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
साल 2015 में 16 सितंबर को प्याज का थोक दाम 4,300 रुपये प्रति क्विंटल था। उसी साल 22 अगस्त को देश के इतिहास में प्याज के थोक दाम में सबसे ज्यादा इजाफा देखा गया था। आपकी थाली का स्वाद बढ़ाने वाले प्याज के दाम 5,700 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए थे।
देश की राजधानी दिल्ली में भी लोग प्याज के बढ़े दाम की वजह से परेशान हैं। बारिश के चलते आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से प्याज की नई खेप मंडियों तक पहुंची ही नहीं है। महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश के किसानों के पास पहले के जो स्टॉक उनके घरों में है, वही स्टॉक मंडियों में आ रहे हैं। इसलिए कीमतों में पिछले कुछ दिनों से बढ़ोतरी हो रही है।
आजादपुर मंडी में गुरुवार को प्याज की होलसेल कीमत 35 से 45 रुपये प्रति किलो रही। मंडी में प्याज की कीमत में 5 रुपये तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लोकल मार्केट में प्याज 55-60 रुपये/किलोग्राम के हिसाब से मिल रहे हैं।
3 महीने तक कम नहीं होगी कीमत
आजादपुर मंडी ओनियन ट्रेडर्स असोसिएशन के पदाधिकारी श्रीकांत के अनुसार प्याज की सप्लाई काफी कम है। इस मौसम में नई फसल का स्टॉक आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से आता है। लेकिन, बारिश के चलते प्याज का स्टॉक खराब हो चुका है। इससे इन दोनों राज्यों से प्याज न के बराबर आ रहा है। मंडियों में नासिक, अलवर और मध्य प्रदेश से आए हुए प्याज के पुराने स्टॉक हैं। प्याज की डिमांड अधिक है। इसके चलते ही कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। महाराष्ट्र और राजस्थान से प्याज की नई खेप नवंबर तक आएगी। करीब दो-तीन महीनों तक प्याज की कीमतों में कमी के आसार नहीं दिख रहे हैं।
होलसेल में प्याज 45 रुपये किलो
प्याज व्यापारियों का कहना है कि दो दिन पहले तक लोकल मंडियों में प्याज 30-35 रुपये/ किलोग्राम बिक रही थी, लेकिन आवक में कमी के कारण अब यही प्याज 55-60 रुपये/ किलोग्राम हो गई है। आने वाले दो-तीन महीनों तक प्याज की कीमतों में कमी होने के आसार नहीं दिख रहे है। महाराष्ट्र और राजस्थान में प्याज की नई फसल का खेप नवंबर तक दिल्ली के मंडियों में आएगा, तब तक कीमतों में कमी मुश्किल है।