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‘डॉक्टर साहब, मुझे भूख क्यों नहीं लगती?’ इस प्रश्न के दसों उत्तर हो सकते हैं. एक साहब तो यही पूछने लगे कि खाना खाने के बाद मुझे भूख लगती ही नहीं- क्या करूं? याद रहे कि यदि पेट पहले ही खुशी, विषाद, चिंता या खाने से भरा हो, तो भूख के लिए उसमें जगह नहीं बचेगी.
बहरहाल, भूख न लगने के कारण पेट में हो सकते हैं, शरीर में अन्यत्र शुरू हो रही कोई छोटी-बड़ी बीमारी हो सकती है, और कारण मन में भी हो सकते हैं. भूख के लिए सीधे ही टॉनिक-वॉनिक खरीदकर पीने से पहले तनिक इन कारणों को ठीक से जान लें. ऐसा न हो कि हम टॉनिक ही पीते रह जाएं और डॉक्टर बाद में हमें बताए कि आपकी तो दिल का पंप फेल (कार्डियक फेल्योर) होने से आंतों तथा लिवर पर सूजन आ जाने के कारण भूख खत्म थी, और आप टॉनिक पीकर बस बीमारी बढ़ाते रह गए! जी हां, भूख न लगना एकदम सामान्य, अस्थाई सा लक्षण हो सकता है और कैंसर से लेकर किडनी फेल्योर तक की निशानी भी
भूख न लगे तो हमारा ध्यान सबसे पहले पेट पर ही जाता है. जो एक दो दिन कभी भूख न लगे तो यह ‘पाचन तंत्र’ की ऊंच नीच से भी हो सकता है. पर यह कभी लंबा नहीं चलेगा. लेकिन यह भी सच है कि यदि पेट के कारण ही भूख गड़बड़ हो रही है तब भी डॉक्टर को कारण की तलाश तो करनी होगी. और यदि भूख खत्म हुए लंबा समय हुआ है, या यह एकदम ही खत्म है तो यह कोई सामान्य बात नहीं.
आपका पाचन तंत्र अमाशय से आंतों तक फैला है. फिर इसमें पाचन रस मिलाने वाले अंग लिवर, पित्राशय (gall bladder) और पेंक्रियाज भी महत्वपूर्ण हैं. इन सभी अंगों में खून पहुंचाने वाली नलियां हैं. इनसे रस ले जाने वाली नलियां भी हैं. पाचन रस न बने, बने पर रुकावट के कारण नलियां इसे पहुंचा न सकें, पहुंचे पर आंतों में ही कोई बीमारी पल रही हो तो भूख तो चली ही जाएगी.
अमाशय सूख रहा हो (जिसे हम क्रॉनिक गेस्ट्राइटिस कहते हैं) तो खाना पचाने का एसिड ही ठीक से नहीं बनेगा. खाना खाओगे और पाचन की बिस्मिल्लाह ही नहीं होगी. उम्र बढ़ जाने पर, दारू के आदी लोगों को या अन्य कारण से (जैसे कि विटामिन बी-12 की कमी से) अमाशय की कोशिकाएं सूखने लगती हैं. उनसे पाचन के लायक एसिड ही नहीं बनता. दो कौर खाते ही पेट भरा लगने लगता है. कभी अमाशय में कैंसर पल रहा हो, तब भी यह सब हो सकता है. डॉक्टर्स ऐसी स्थिति में प्रायः ‘इंडोस्कोपी’ कराने की सलाह देते हैं. यह बस पंद्रह मिनट की जांच होती है. सो घबराएं नहीं. ‘मुंह से नली डालेंगे तो बड़ा कपट होगा’- ये न सोचें. आजकल तो बहुत कोमल किस्म के इंडोस्कोप आ गए हैं. डॉक्टर इंडोस्कोपी की सलाह दे तो जरूर करा लीजिए.
प्रायः इंडोस्कोपी तथा पेट के अल्ट्रासाउंड से बहुत सारी बीमारियों का पता चल जाता है. यदि भूख लंबे समय से बंद है, यदि साथ में वजन भी गिर रहा है, या पेट दर्द भी रहता है- तब तो ये सारी जांचें कराने को आपका डॉक्टर कहेगा ही, तो अवश्य करा लें
एनर्जी हो जाती है खत्म
हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि ठंडा पानी पीने से बॉडी में मेटाबॉलिज्म स्लो काम करने लगते हैं और शरीर में ज्यादा काम करने की क्षमता नहीं रह जाती है। इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि ठंडा पानी शरीर से फैट को रिलीज नहीं कर पाता है, जिस वजह से शरीर सुस्त रहता है और एनर्जी लेवल डाउन हो जाता है।
कब्ज की हो सकती हैं शिकायत
अगर आपके कब्ज की समसया है तो आपको बिलकुल ही ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। ठंडा पानी पीने से आपकी कब्ज की समस्या और भी बढ़ सकती है। दरअसल ठंडा पानी पेट में पहुंच कर मल को कठोर बनाता है और जब आप वॉशरूम में लू के लिए जाती हैं तो आपको दिक्कतों का सामना करना होता है। इसलिए अगर आपको कब्ज की समस्या पहले से है तो आप ठंडे पानी को हाथ भी न लगाएं और अगर आपको यह समस्या नहीं है तो कोशिश करें कि न ज्यादा ठंडा और न ज्यादा गर्म पानी पीएं।