सुबह खाली पेट मौसंबी का जूस नहीं पीना चाहिए। मौसंबी जूस सुबह के समय नाश्ते के साथ, दोपहर लंच के 2-3 घंटे बाद या शाम को पीना चाहिए। रात के भोजन के बाद या सोने के पहले जूस नहीं पीना चाहिए।
मौसंबी जूस ताजा ही पीना चाहिए क्योंकि ज्यादा देर तक रखने पर इसके स्वाद में कुछ कड़वाहट आ जाती है। बीमार होने पर मौसम्बी जूस पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये विटामिन सी और एंटीओक्सिडेंट से भरपूर होता है। ये रस हमारी रोगों से लड़ने की शक्ति मजबूत करता है और शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने की ताकत देता है।
मौसंबी जूस पीने के फायदे
1) पुरुषों के लिए फायदे – नियमित मुसम्मी जूस पीने से भूख बढ़ती है और रक्त शुद्ध होता है। मौसंबी जूस से पुरुषों में शुक्राणु की संख्या और क्वालिटी में वृद्धि होती है।
2) जिम जाने वालों के लिए मौसंबी जूस – खिलाड़ियों, शारीरिक मेहनत करने वाले, जिम में वर्क आउट करने वाले बॉडीबिल्डर को मौसमी का जूस जरुर पीना चाहिए। इससे वो मसल्स की जकड़न से बचे रहेंगे।
3) फीवर, खांसी, सर्दी-जुकाम में मौसंबी जूस –
सर्दी और जुकाम ठीक करने के लिए एक गिलास मौसंबी जूस में 1-2 चुटकी नमक, 5-6 बूँद अदरक का रस डालकर पीयें। अगर खांसी आ रही है तो मौसंबी, संतरा जैसे खट्टे फल का जूस नहीं पीना चाहिए। डेंगू बुखार, वायरल फीवर, सामान्य बुखार में मौसंबी जूस पीना फायदा करता है।
खट्टे फल के जूस को दवाई के साथ नहीं पीना चाहिए क्योंकि कुछ दवाइयाँ जैसे एंटीबायोटिक आदि मौसंबी जूस के साथ रिएक्शन कर सकते हैं। दवा लेने के 2-3 घंटे बाद जूस पी सकते हैं।
4) स्किन के लिए – मौसम्बी में Vitamin C खूब होता है। इसलिए मौसमी का जूस पीने से स्किन में चमक आ जाती है और स्किन टाइट होती है।
5) शुगर रोगी के लिए मौसंबी जूस
शुगर के रोगी को मौसमी के जूस में आंवला का रस और शहद मिलाकर सुबह खाली पेट पीना चाहिए। इस तरह मौसंबी जूस पीने से ब्लड शुगर लेवल कण्ट्रोल में रहता है। मौसंबी का Glycemic index कम होता है इसलिए यह शुगर लेवल को एकदम से बढ़ने नहीं देता है। मौसंबी के अलावा संतरा, पपीता और सेब का भी Glycemic index कम होता है इसलिए ये फल भी संतुलित मात्रा शुगर रोगी खा सकते हैं।
6) मौसंबी का जूस प्रेग्नन्सी में
मौसम्बी का जूस गर्भावस्था (Pregnancy) में पीना बहुत अच्छा होता है क्योंकि इससे मिलने वाला Calcium और Potassium बच्चे के विकास के लिए फायदेमंद है। मौसंबी जूस पाचन सही रखता है इसलिए गर्भवती स्त्री को कब्ज आदि की समस्या नहीं होती है। विटामिन सी से युक्त यह जूस शरीर में Vitamin C की कमी भी पूरी करता है।
अगर आपको जुकाम-खांसी है तो जूस बहुत ठंडा या जूस में बर्फ नहीं होनी चाहिए। फ्रिज में रखा हुआ ठंडा जूस तुरंत नहीं पीना चाहिए, थोड़ी देर रुक कर जब वो सामान्य टेम्परचर पर आ जाए तब पीना चाहिए।
इस बात का ध्यान रखें कि जूस साफ तरीके से निकाला गया हो जिससे कि जूस में कोई गंदगी न हो। आप घर में भी मौसमी जूस निकालने की मशीन से साफ-सुथरा जूस तैयार कर सकते हैं।
7) मोटापा कम करे – वजन घटाने और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए मौसम्बी जूस (Sweet lime juice) के साथ एक गिलास हल्का गर्म पानी और शहद पीयें।
8) बालों के लिए – विटामिन और हेल्दी तत्वों से भरपूर मौसम्बी जूस पीना बालों की समस्याएँ दूर करके बाल मजबूत बनाता है। जिससे बाल तेजी से बढ़ते हैं और चमकदार बनते हैं।
9) हार्ट के लिए मौसमी का जूस – रोजाना एक गिलास मौसम्बी जूस दिल को स्वस्थ रखता है और कोलेस्ट्रॉल कम करता है।
10) पेट के लिए अच्छा है – मुसम्मी जूस पाचन तंत्र सुधारता है और कब्ज दूर रखता है।
11) पीलिया या जॉन्डिस में – पीलिया के रोगी को मौसमी जूस पीना चाहिए। यह पीलिया के लक्षणों को कम करता है और लिवर की कार्यप्रणाली ठीक करता है। इसीलिए डॉक्टर भी पीलिया के मरीज को ये जूस पीने की सलाह देते हैं।
12) खून साफ करे – मौसमी का जूस खून साफ़ करता है जिससे चेहरे की त्वचा के दाग-धब्बे, झुर्रियाँ, पिम्पल, बढ़ती उम्र के असर कम होते हैं।
13) गर्मी के मौसम में जरूर पियें – गर्मियों में लू, धूप लगने से बचने के लिए मौसमी जूस पीयें। यह Dehydration दूर करता है और शरीर में एल्क्ट्रोलाइट्स, मिनरल्स की कमी पूरी करता है।
14) दिमाग और नर्वस सिस्टम के लिए – मौसम्बी जूस (Sweet lime juice) की तासीर ठंडी होती है इसलिए यह Mind और Nervous system के लिए बहुत अच्छा होता है। यह मानसिक थकान दूर करके मूड ठीक करता है।
15) सांस के रोग में कैसे पिए – अस्थमा और सांस की अन्य बीमारियों से राहत पाने के लिए मौसंबी जूस में जीरा और सोंठ पाउडर मिलाकर पीना चाहिए।
16) शरीर डीटाक्स करे – मौसम्बी जूस प्रदूषण, स्ट्रेस, तनाव के हानिकारक बुरे प्रभावों को दूर करता है। मुसम्मी का जूस शरीर से जहरीले टाक्सिन तत्व बाहर निकालता है। इसलिए मौसम्बी जूस एक बढ़िया हैं।
17) शरीर की सफाई करे – कम करने के लिए मौसम्बी जूस कारगर माना गया है। यह शरीर में इकठ्ठा हुए फालतू यूरिक एसिड को बाहर करता है और फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करता है।
18) पेट या मुंह के छाले – मुसम्मी जूस पेट के अल्सर को ठीक करता है। इसमें पाए जाने वाले लिमोमिन ग्लूकोसाइड नामक फ्लावोनोइड पेट और मुंह दोनों प्रकार के Ulcer को ठीक करने में असरदार होता है।
19) मौसंबी के छिलके के फायदे – मौसंबी का छिलका पीसकर चेहरे पर लगाने से पिम्पल दूर होते हैं। अगर आपकी स्किन धूप में ज्यादा रखने की वजह से डार्क कलर की हो गई है तो आप यह उपाय करें। मौसंबी के छिलके पीस लीजिए और इसमें 2-3 चुटकी हल्दी और 1 छोटा चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर पेस्ट बना लीजिए। इसे चेहरे और स्किन पर लगाकर 5 मिनट सूखने दीजिए फिर पानी से धो लीजिए। हफ्ते में 2 बार यह उपाय करने से धूप से काला हुआ रंग दूर हो जाएगा।
20) हर रोज एक गिलास मुसम्मी का जूस पीना नींद न आने की समस्या और थकान दूर करता है।
आंखों की समस्या में फायदेमंद – नीम के पत्तों आंखों से जुड़ी समस्या में फायदेमंद माने जाते हैं। नीम के पत्तों को पानी में उबाल कर इसके पानी को ठंडा करके रख लें और इस पानी से आंखों को धोने से जलन, आंखों के लाल होने में फायदा होता है।
रूसी दूर करने में उपयोगी – नीम के पत्तों को उबालकर उसके पानी से बाल धुलने से रूसी और बालों की गंदगी साफ़ करने में सहायता मिलती है। रूसी को दूर करने के लिए यह बेहद फायदेमंद माना जाता है।
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घाव भरने में फायदेमंद – नीम के पत्तों का पेस्ट घाव या कटे हुए जगह पर लगाने से इन्फेक्शन का ख़तरा कम होता है और घाव भरने में फायदा होता है।
मुहांसों को दूर करने में उपयोगी – नीम के पत्तों का उपयोग मुहांसों को भी दूर करने के लिए किया जाता है। मुहांसों पर नीम के पत्तों का पेस्ट रोजाना लगाने से मुहांसों की समस्या से निजात मिलती है।
कान के फोड़े फुंसी में फायदेमंद – कानों में फोड़े या फुंसी होने की स्थिति में नीम के पत्तों का उपयोग बेहद फायदेमंद होता है। नीम के पत्तों का रस निकालकर उसमें कुछ बूंदे शहद की मिलाएं और इसे कान में डालने से फोड़े फुंसी की समस्या से निजात मिलती है।
इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार – नीम के पत्तों का रोज़ाना सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है। नीम के पत्तों को लेकर उसे धों ले और सुबह नियमित रूप से इसका सेवन करें। इससे इम्यूनिटी बूस्ट होती है।
स्किन से जुड़ी समस्या – नीम के पत्तों का उपयोगी त्वचा विकारों के लिए बेहद उपयोगी माना गया है।
संक्रमण से बचाव – नीम के पत्तों का रोजाना उपयोग हमें संक्रमण से दूर रखता है।
नीम की पत्तियों की चाय बनाने का तरीका
तमाम बीमारियों में फायदेमंद नीम का उपयोग कई तरीकों से किया जाता है। नीम के पत्तों, फल, फूल, और टहनी या छाल का उपयोग बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। नीम के पत्तों का उपयोग नीम की चाय बनाने में करते हैं। नीम के पाटों की चाय का सेहत के लिए अनोखे फायदे हैं। भले ही नीम के पत्तों की चाय स्वाद में कड़वी हो लेकिन इसके अनेकों मीठे फायदे हैं। अनेकों औषधीय गुणों से युक्त नीम के पत्तों की चाय बनाने का आसान तरीका ये है।
आवश्यक सामग्री
- नीम के साफ और हरे पत्ते
- शहद या नींबू
- उबालने के लिए एक गहरे आकर का बर्तन
- आधा लीटर पानी
सबसे पहले नीम के ताजे हरे पत्तों को लेकर उन्हें साफ़ कर लें, इसके बाद एक गहरे आकार के बर्तन में लगभग आधा लीटर पानी डालें और तेज आंचा पर इसे उबाले। पानी उबलना शुरू हो जाए तो इसमें कुछ नीम की पत्तियां डाल दें और मध्यम आंच पर इसे उबलने दें। इससे पूरी तरह से उबल जाने के बाद छानकर इसमें शहद या नींबू का रस मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।
नीम की चाय से होने वाले फायदे
नीम की चाय का स्वाद बहले ही बेहद कड़वा हो लेकिन इसके तमाम मीठे फायदे हैं। नीम के पेड़ को आयुर्वेदिक चिकित्सा में बेहद उपयोगी माना जाता है। नीम के पत्तों की चाय शरीर को बैक्टीरियल संक्रमण से दूर रखती है, तमाम बीमारियों को जड़ से ख़त्म करने में भी नीम की चाय असरदार शाबित होती है। खून की सफाई से लेकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में नीम की चाय बेहद उपयोगी मानी जाती है। नीम की चाय के सेवन से होने वाले कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार से हैं।
एंटीऑक्सीडेंट – नीम में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट के गुण शरीर को संक्रमण और बैक्टीरिया से लड़ने में सहयता प्रदान करते हैं। नीम की चाय के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है और इसके एंटीऑक्सिडेंट गुण कैंसर जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने में बेहद सहायक होते हैं।
एंटी इंफ्लेमेटरी – नीम के पत्तों में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो शरीर को कई समस्याओं से दूर रखने में मददगार होते हैं।
बीमारियों से लड़ने में सहायक – नीम के पत्तों की चाय का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है। नीम में पाए जाने वाले एंटिफंगल और एंटीमाइरियल गुण तमाम रोगों से लड़ने में सहायक होते हैं।
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खून को साफ़ रखने में फायदेमंद – नीम के पत्तों की चाय का सेवन करने से शरीर को खून साफ़ रखने में मदद मिलती है। यह स्किन को भी साफ़ रखने में फायदेमंद माना जाता है।
कब्ज और पेट की गड़बड़ी दूर करे- नीम के पत्तों की चाय कब्ज और पेट से जुड़ी समस्याओं में भी फायदेमंद मानी जाती है। इसके नियमित सेवन से कब्ज और पेट संबंधी दिक्कतें ख़त्म होती है।
बुखार से बचाव – नीम के पत्तों का उपयोग बुखार जैसी समस्या को दूर करने में बेहद फायदेमंद माना जाता है। नीम के पत्तों से बनी चाय का उपयोग करने से निमोनिया और वायरल बुखार जैसी समस्या होने का ख़तरा बेहद कम हो जाता है।
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