सर्दियों में जोड़ों के दर्द की समस्या आम सुनने को मिलती हैं। खासकर बढ़ती उम्र के लोगों में यह परेशानी ज्यादा सुनने को मिलती है। जोड़ों का दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। यह दर्द घुटनों, कोहनियों, गर्दन, बाजूओं और कूल्हों पर हो सकता है। लंबे समय तक किसी एक जगह पर ही बैठे रहने, सफर करने से घुटनें अकड़ जाते हैं और दर्द करने लगते हैं। इसी को जोड़ों का दर्द कहते हैं। अगर सही समय पर इसका इलाज ना किया जाए तो यह गठिया का रूप भी ले सकता है। जोड़ दर्द होने की वजह गलत खान पान ही है। हड्डियों में मिनरल्स की कमी और बढ़ती उम्र भी इसकी एक वजह से हो सकती है।
जोड़ दर्द होने के लक्षण
खड़े होने, चलने और हिलने जुलने समय दर्द
सूजन और अकड़न
चलते समय जोड़ों पर अटकन लगना
सुबह के समय जोड़ों का अकड़ाव होना
जोड़ों का दर्द का इलाज जोड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए आपको बहुत सारे मसाजर, तेल आदि मार्कीट में मिल जाएंगे लेकिन पैसे की खूब बर्बादी करने के बाद भी जोड़ों के दर्द से राहत नहीं मिलती। इसकी जगह पर अगर आप कुछ घरेलू नुस्खे अपनाएंगे तो इस दर्द से आपको जल्द राहत मिलेंगी। इन नुस्खों को अपने चिकित्सक की परामर्श के बिना ना अपनाएं।
इन नुस्खों का करे इस्तेमाल
सामग्रीः
10ग्राम- काली उड़द दाल
4 ग्राम -अदरक (पिसा हुआ)
2 ग्राम -कपूर (पिसा हुआ)
50 मि.ली.- सरसों का तेल
विधिः काली साबुत उड़द दाल, अदरक, कपूर को सरसों के तेल में 5 मिनट तक गर्म करें फिर तीनों चीजों को छानकर तेल से बाहर निकाल लें। इस गुनगुने तेल से जोड़ों की मसाज करें। जल्द ही जोड़ों के दर्द से राहत मिलेगी। ऐसा दिन में 2 से 3 बार करें।
इसके अलावा आप इन नुस्खों को भी अपना सकते हैं
अमरूद की 4-5 कोमल पत्तियों को पीसकर उसमें थोड़ा सा काला नमक मिलाकर रोजाना खाएं। इससे दर्द से राहत मिलेगी।
काली मिर्च को तिल के तेल में जलने तक गर्म करें और ठंडा होने पर उसी तेल से जोड़ों की मालिश करें।
गाजर को पीसकर इसमें थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर रोजाना सेवन करें।
दर्द वाले स्थान पर अरंडी का तेल लगाकर, उबाले हुए बेल के पत्तों को गर्म गर्म बांधे इससे भी तुरंत राहत मिलेगी।
2 चम्मच बड़े शहद और 1 छोटा चम्मच दालचीनी पाऊडर सुबह शाम एक गिलास गुनगुने पानी से लें।
सुबह के समय सूर्य नमस्कार और प्राणायाम करने से भी जोड़ों के दर्द से छुटकारा मिलता है।
1 चम्मच मेथी के बीच रातभर पानी में भिगोकर रखें। सुबह पानी निकाल दें और मेथी के बीजों को अच्छे से चबाकर खाएं।
गठिए के रोगी 4-6 लीटर पानी पीने की आदत डाल लें। इससे मूत्रद्धार के जरिए यूरिक एसिड बाहर निकलता रहेंगा।
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