टैबलेट्स के ज़रिए डायबिटीज़ को नियंत्रित करने की कोशिश में लोग अक्सर कुछ ऐसे वैकल्पिक हर्बल उपचार की तलाश करते हैं, जिससे कि वो रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को कम कर सकें. वो भी पेट की परेशानी जैसे गैस, डायरिया और वज़न को बढ़ाए बिना जैसा कि दवाओं के खाने से होता है.
सही डाइट प्लान, घेरलू उपायों और व्यायाम की मदद से आप डायबिटीज़ को कंट्रोल कर सकते हैं. यहां हम कुछ शोध-समर्थित घरेलू उपाय बता रहे हैं, जिनके इस्तेमाल से आपको फ़ायदा हो सकता है.
मेथी के दाने
आपकी रसोई में अक्सर नज़र आने वाले मेथी के दाने उच्च रक्त शर्करा के स्तर (हाई ब्लड शुगर) को कम करने में रामबाण साबित हो सकते है.
मेथी के दाने फ़ाइबर युक्त और सैपोनिन (saponin) में समृद्ध होते है; जो कार्बोहाइड्रेट के पाचन और अवशोषण दोनों को धीमा करने में मदद करता है.
कैसे इस्तेमाल करें:
रिसर्च बताती है कि दिन में 4 बार खाना खाने से 20 मिनट पहले 5 ग्राम मेथी के दाने लेने से ब्लड शुगर को कम किया जा सकता है. अगर आप डायबिटीज़ को लेकर किसी तरह की टैबलेट खा रहे हैं, तो ये सुनिश्चित करें कि आप दवा और मेथी के दाने खाने के बीच 2 घंटे का गैप रखें.
चेतावनी:
डायबिटीज़ से ग्रसित गर्भवती महिलाएं मेथी के दानों का इस्तेमाल न करें क्योंकि इससे प्रसव पीड़ा बढ़ सकती है.(3)
जामुन
जामुन के बीजों का पारंपरिक तौर पर मधुमेह (डायबिटीज़) के लिए इस्तेमाल होता आया है.(4)
यह कैसे मदद करता है:
रिसर्च के मुताबिक़ जामुन के बीज में जम्बोलिन और जंबोसिन जैसे यौगिक तत्व (कम्पाउंड) होते हैं जो कि स्टार्च को चीनी में परिवर्तित करने की दर को धीमा कर देती है.
ये भी माना जाता है कि जामुन के बीज पैनक्रियाज़ (अग्न्याशय) से इंसुलिन को स्रावित करने (निकालने) में मदद करते हैं या उसे कम होने से रोकते हैं.
यदि आप हर दिन लगभग 10 ग्राम जामुन के बीज का पाउडर बनाकर खाते हैं, और अपना आहार नियंत्रित रखने के साथ ही नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, तो इससे आप (ब्लड शुगर लेवल) रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकते हैं.
कैसे इस्तेमाल करें:
वैद्या जगजीत सिंह, बीएएमएस, की सलाह के मुताबिक़ 250 ग्राम पके हुए जामुन को 500 मिली.लीटर पानी में उबाल लें और इसी पानी में उसे मसल लें, फ़िल्टर करने के बाद इसे दिन में दो बार पिएं.
चेतावनी
अगर आपको खांसी की शिकायत है या फिर आप गर्भवती हैं, तो आपको जामुन के सेवन से बचना चाहिए.
दालचीनी
यदि आप दालचीनी के स्वाद को पसंद करते हैं, तो ये आपके लिए फ़ायदे का सौदा साबित हो सकता है, क्योंकि अध्ययन में पाया है कि यह मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करती है.
यह कैसे मदद करती है:
दालचीनी से कोशिकाएं ग्लूकोज़ को आसानी से अवशोषित करती हैं. दालचीनी में इंसुलिन गतिविधि उत्तेजक द्वारा रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने की क्षमता है और ये इंसुलिन रिसेप्टर गतिविधि को बेहतर बनाती है.
नतीजे ये दिखाते हैं कि दालचीनी टाइप 2 डायबिटीज़ में फ़ास्टिंग वाले ब्लड ग्लूकोज को कम करने में सहायक होती है.
कैसे इस्तेमाल करें:
आप इसका फ़ायदा देखने के लिए आधा चम्मच से लेकर 3 चम्मच दालचीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं. आप इसे या तो ख़ाली पेट या फिर पानी के साथ उबाल कर दिन में कई दफ़ा पी सकते हैं.
चेतावनी
इसका असर पोस्ट मेनोपॉज़ वाली महिलाओं पर नहीं देखा जाता(10) इसके अलावा, दालचीनी लीवर (यकृत) की समस्याएं बढ़ा सकती है, इसलिए अगर आप लीवर की समस्या का सामना कर रहे हों तो दालचीनी के इस्तेमाल के दौरान सावधान रहें. सुनिश्चित करें कि आप सिलोन दालचीनी का इस्तेमाल कर रहे हों न कि कैसिया दालचीनी का. कैसिया दालचीनी में कॉमरिन पाया जाता है जिसका अधिक मात्रा में लेना नुक़सान कर सकता है.
करेला
करेले को बेशक आप इसके कड़वेपन के लिए याद करते हों लेकिन क्या आप जानते हैं कि करेला डायबिटीज़ से लड़ने में काफ़ी कारगर साबित होता है.
यह पाया गया है कि करेले का जूस पीने से फ़ास्टिंग और फ़ास्टिंग के बाद के रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर में काफी कमी आ जाती है.
ये कैसे मदद करता है:
करेले में इंसुलिन जैसा पदार्थ मौजूद होता है जिसे पॉलीपेप्टाइड-पी कहते हैं, ये आपकी भूख महसूस करने की प्रवृति को भी कम करता है.
कैसे इस्तेमाल करें:
आप हर दिन 50-100 मिली लीटर तक का करेले का जूस पी सकते हैं इससे ज़्यादा पीने पर आपको जुलाब हो सकते हैं.
चेतावनी:
गर्भवती महिलाओं को करेला नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे गर्भपात और ब्लीडिंग होने की संभावना बन सकती है.
इन घरेलू उपायों को पढ़कर अगर आप भी डायबिटीज़ के ख़िलाफ़ इन्हें इस्तेमाल में लाना चाहते हैं तो ज़रूर ऐसा कीजिये, लेकिन इससे पहले कुछ बातों को जान लें.
चमत्कार की उम्मीद न करें
ये मानकर मत चलिए कि हर्बल उपचार का प्रयोग करने से आप डायबिटीज़ को नियंत्रित करने वाली दूसरी दवाओं को इससे बदल लेंगे.
बेंगलुरु स्थित के.आरपुरम के संजीविनी आयुर क्लिनिक में आयुर्वेदिक फिज़ीशीयान डॉ ए. कलारंजनी, बीएएमएस के मुताबिक़, “मुझे इस बात पर काफ़ी संशय है कि डायबिटीज़ से ग्रसित लोगों पर ये हर्बल उपचार के किसी तरह के जादुई परिणाम पेश करेंगे. ख़ासकर उन लोगों पर जो कंट्रोल्ड डाइट और नियमित व्यायाम पर किसी तरह का ध्यान नहीं देते. घरेलू उपचार सिर्फ़ आपकी एंटी डायबिटिक दवाओं के पूरक के तौर पर काम कर सकते हैं, ये कभी भी आपकी दवाओं का विकल्प नहीं हो सकते”.
साथ ही इस बात को लेकर भी सचेत रहें कि ये जड़ी-बूटियां, मधुमेह से जुड़ी आपकी दवाओं के साथ गुलमिल सकती है। कुछ मामलों में जड़ी-बूटी आपकी दवाओं के प्रभाव को बढ़ा सकती है और संभवतः आगे चलकर आप डॉक्टर की निगरानी में अपनी मधुमेह को नियंत्रित करने वाली दवा की खुराक में कटौती करने में सक्षम हो सकते हैं.
हालांकि, इस बात की भी उतनी ही संभावना है कि आप मधुमेह के लिए जो दवा लेते हैं और उसके साथ ही जिन घेरलू उपायों को अपनाते हैं दोनों के मिलने से उसके दुष्प्रभाव या प्रतिकूल प्रभाव होने का खतरा भी बना रहता है.
दुर्भाग्य से जड़ी बूटी और दवा के बीच के इस मेल पर अब तक विस्तार से किसी तरह का कोई अध्ययन नहीं हुआ है इसलिए बहुत सा डेटा उपलब्ध नहीं हैं. दूसरे शब्दों में डायबिटीज़ को नियंत्रित करने के लिए इन घरेलू नुस्खों को आज़माने से पहले अपने फ़िज़ीशियन से बात ज़रूर करें.
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पुरुषों की कमजोरी मिटाने के देसी तरीके
मूसली काली और सफेद दो तरह की होती है। सफेद मूसली काली मूसली से अधिक गुणकारी होती है और वीर्य को गाढ़ा करने वाली होती है। मूसली का 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और शरीर में काम-उत्तेजना की वृद्धि होती है।
शरीर की शिथिलता को दूर करने के लिए Norogi Safed Musli Capsule बहुत ही कारगर होती है, इससे हर तरह की कमज़ोरी को दूर किया जा सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल बहुत सारी दवाइयों को बनाने के लिए भी किया जाता है। सफेद मूसली के सेवन से आपको कई सारे फायदे देखने को मिल सकते है।
पुरुषों के लिए सफेद मूसली बहुत ही लाभकारी होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल के सेवन से पुरुषों की शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल को Chlorophytum (क्लोरोफ़ायटम) कहा जाता है। यह एक प्रकार का पौधा है, जिसके अंदर छोटे सफ़ेद फूल होते है। यह विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए लाभदायक होती है जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो और कामेच्छा कम होती है।
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