आगरा, तनु गुप्ता। थमती, रुकती, उखड़ती सांसे दमा यानि अस्थमा की निशानी हैं। ये वो बीमारी है जो जीने के लिए सबसे महत्वपूर्ण आपकी सांसों पर ही असर डालती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ घरेलू उपाय करके उखड़ती सांसोंं की परेशानी से निजात पाई जा सकती है। जी हां, आयुर्वेद में ऐसा संभव है। बिना दवा के सिर्फ घरेलू औषधियों से दमा का दम निकाला जा सकता है। आयुर्वेदाचार्य डॉ कविता गोयल के अनुसार अस्थमा एक क्रोनिक बीमारी है जो विंडपाइप में सूजन के कारण होती है। इस समस्या के होने पर विंडपाइप संकुचित हो जाती है। यह म्यूकस और सॉफ्ट पॉलेन ग्रेन से भरा होता है, जिससे सांस लेने में मुश्किल होती है। अस्थमा में लक्षणों में चेस्ट भारीपन, खांसी, घरघराहट जैसे लक्षण देखने को मिलते हैंं। आयुर्वेद में मौजूद विभिन्न जड़ी बूटियों से अस्थमा के लक्षणों को ठीक या कम किया जा सकता है। वासा, पुष्करमुला और यस्तीमधु जैसे कुछ जड़ी बूटी अस्थमा रोगियों के लिए फायदेमंद हैं। इसके अलावा दैनिक प्रयोग में भी सात औषधियों का प्रयोग दमा रोगी को करना चाहिए।
आधा चम्मच अदरक और एक चम्मच मुलेठी को मिलाकर चाय बना लें। इसे पीने से अस्थमा के लक्षणों को कम करने में हेल्प मिलती है। मुलेठी का प्रयोग श्वास नली को सुचारू रूप से चलाने, सांस को छोड़ने में होने वाली तकलीफ को दूर करने में किया जाता है। इसके अंदर ग्लिसराइजजिन एसिड की अधिकता होती है। यह अस्थमा के कारण शरीर के भीतर हो रही एलर्जी से बचाव करता है। आप चाहे तो मुलेठी के डंठल को चूस भी सकती हैं।
एक कप पानी में थोड़ी एक चौथाई दालचीनी मिला लें। फिर इस मिश्रण को 10 मिनट तक उबालें। पीने से पहले इसमें एक चम्मच शहद मिला लें। अच्छे परिणामों के लिए इसे दो बार या तीन बार लें।
हल्दी
हल्दी अस्थमा के इलाज में भी बहुत असरकारक होती है। इसमें मौजूद एंटी- बैक्टीरियल तत्व अस्थमा से लड़ने में मदद करते हैं। हल्दी को आप खाने में या दूध के साथ ले सकते हैं या फिर कच्ची हल्दी के रस का सेवन भी किया जा सकता है। अस्थमा के हमलों की आवृत्ति को कम करने के लिए एक गिलास दूध में एक या दो चुटकी हल्दी पाउडर के साथ उबाल लें। इसे दिन में दो बार पीएं।
बादाम-अखरोट- बुजुर्ग लोगों के लिए बादाम-अखरोट को एक बेहद सेहतमंद डाइट माना जाता है. हड्डियों को मजबूत बनाने वाला बादाम प्रोटीन और हेल्दी फैट से भरपूर होता है. बादाम के साथ-साथ अखरोट भी डायट्री फाइबर का एक बेशकीमती स्रोत है, जो फैट कंट्रोल करने वाले जीन्स को एक्टिवेट करता है. हमारे ब्रेन फंक्शन के लिए भी ये एक बेहतरीन फूड है. इस उम्र के लोगों को रोजाना करीब 6 से 10 बादाम और 3 से 5 अखरोट जरूर खाने चाहिए.
चुकंदर– चुकंदर में नाइट्रेट नाम का पोषक तत्व पाया जाता है जो धैर्यशक्ति बढ़ाने के साथ-साथ ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने और दिल को सेहतमंद बनाए रखने का काम करता है. इसमें काफी ज्यादा मात्रा में पोटैशियम होता है जो ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने के साथ-साथ शरीर से नमक की अतिरिक्त मात्रा को बाहर करता है.
ब्लूबैरी या स्ट्रॉबैरी– बैरीज को फाइबर का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है, एक ऐसा पोषक तत्व जो हमारे वजन को भी कंट्रोल रखता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स कोशिकाओं के डैमेज होने की समस्या से लेकर स्किन, ब्लैडर, फेफड़े और गले में होने वाले कैंसर के खतरे से बचा जा सकता है. इसे आप सलाद या यॉगर्ट के साथ खा सकते हैं.
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