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फूलों में नेक्टर नाम का एक मीठा द्रव बनता है जो बहुत पोष्टिक होता है। मधुमक्खियाँ इस नेक्टर को चूस कर उसे Regurgitation नामक प्रक्रिया से शहद में परिवर्तित कर देती है।
इसे वे छत्ते पर बने छेदों में इकठ्ठा कर लेती है । ये शहद उनके लार्वा के लिए और संकट के समय और उनके खुद के लिए खाने में काम आता है। मधु को छत्ते में रखकर मधुमक्खी इसे मोम से ढक देती है। मधु कई सालों तक ख़राब नहीं होता। शहद की ये एक अलग ही विशेषता है।
शहद के गुण और पोषक तत्व
शहद में कॉपर , कैलशियम , मैगनीज , पोटेशियम , फास्फोरस , मैग्नेशियम , सोडियम और जिंक आदि खनिज तत्व होते है। इससे कई प्रकार के विटामिन भी मिलते है।
मधु को कई तरह से मीठे स्वाद के लिए शक्कर की जगह काम लिया जा सकता है। इसमें लगभग 70% ग्लूकोस और फ्रूक्टोस होते है जिसके कारण ये मीठा होता है। और ये शक्कर की तरह नुकसानदेह भी नहीं होता।
एक चाय के चम्मच Shahad में लगभग 22 कैलोरी होती है। शहद का कार्बोहाइड्रेट बड़ी आसानी से हजम होकर ग्लूकोज़ में बदल जाता है। अतः तुरंत शक्ति देने में शहद बहुत सक्षम होता है ।
शहद एक्सरसाइज करने वालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ये रक्त में शर्करा की मात्रा को बैलेंस रखता है। मांसपेशियों की शक्ति पुनः लौटाता है। ग्लाइकोजेन की क्षति पूर्ति करता है , तुरंत शक्ति देता है।
Shahad में एंटीमाइक्रोबिअल , एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होने के कारण कई दवाओं में इसका उपयोग होता है। घाव के भरने में शहद बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इस पर दुनिया भर में और रिसर्च जारी है।
शहद की विशेषता
Shahad सिर्फ मीठा और स्वादिष्ट ही नहीं होता। इसमें बहुत से औषधीय गुण होते है। मधु की सबसे अच्छी विशेषता ये है की इसका उपयोग करना बहुत सरल होता है।
इसे सीधे ही ऐसे ही खा लो , चाहे जैम की तरह ब्रेड या रोटी पर लगा लो , पानी दूध या अन्य में घोलकर पी लो। साथ ही कई चीजों में मधु को मिलाकर कमाल के असरदार घरेलु नुस्खे बनाये जा सकते है ।
मधु का उपयोग हजारों सालों से होता आ रहा है। पहले शहद को जंगलों से प्राकृतिक रूप से बने छत्तों से इकठ्ठा किया जाता था। परन्तु अब मधुमक्खी का पालन करके Shahad का बड़े स्तर पर व्यवसायिक उत्पादन होता है। जो विभिन्न तरीके से खाने में और दवाओं में काम आता है। विश्व में शहद का सर्वाधिक उत्पादन चीन में होता है।
शहद कब और कैसे नहीं खाना चाहिए
— एक साल से छोटे बच्चों को शहद नहीं खिलाना चाहिए। इससे उन्हें बोटुलिस्म नामक बीमारी हो सकती है।
— जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो उन्हें Shahad का उपयोग नहीं करना चाहिए।
— शहद और घी को कभी भी समान मात्रा में नहीं मिलाना चाहिए।
— शहद को गर्म करके उपयोग में नहीं लेना चाहिए।
— यदि आप ब्लड प्रेशर , डायबिटीज , कोलेkस्ट्रॉल आदि के लिए दवा ले रहे है या यदि आप अधिक मोटापे से ग्रस्त है तो आपको मधु या मीठा नहीं लेना चाहिए।
— अधिक मात्रा में मधु का उपयोग हानिकारक हो सकता है। अतः बहुत अधिक मात्रा में इसे नहीं लेना चाहिए।
— शहद की तासीर गर्म होती है। अतः गर्मी के मौसम में कम मात्रा में ही लें।
शहद के घरेलु उपाय
— माइग्रेन के सिर दर्द में जिस तरफ दर्द हो रहा है उसके दूसरी तरफ के नथुने में Shahad की एक बूँद डालने से आराम मिलता है। कुछ समय लगातार भोजन के साथ दो चम्मच मधु खाने से आधासीसी या माइग्रेन का सिरदर्द मिट जाता है।
— दो चम्मच शहद और दो चम्मच प्याज का रस रोजाना कुछ दिन लेने से फेफड़ों के रोग और दमा में बहुत लाभ होता है। इस प्रयोग से खांसी , गले की खराश और कफ के कारण साँस लेने में दिक्कत आदि भी ठीक होते है।
— दिन भर काम करने के बाद जब थककर चूर हो जाते है तो एक गिलास पानी में दो चम्मच मधु घोलकर पीने से सारी थकान मिट जाती है।
— यदि मुंह सूखा-सूखा रहता हो या प्यास अधिक लगती हो तो एक चम्मच मधु मुंह में भर लें। दस मिनट रखकर थूंक दें और कुल्ली कर लें। इससे मुंह का सूखापन दूर हो जायेगा।
— दो चम्मच Shahad और एक चम्मच नागकेसर मिलाकर सुबह शाम लेने से पित्ती का बार बार निकलना बंद हो जाता है।
— सर्दी , खांसी और हल्का बुखार होने पर एक चम्मच शहद में दो चुटकी पिसी हुई पीपल मिलाकर सुबह शाम लेने से आराम आ जाता है।
— त्वचा पर दाग धब्बे होने पर तथा चेहरे पर झाइयाँ या झुर्रिया आदि होने पर एक चम्मच शहद में चौथाई चम्मच नींबू का रस मिलाकर लगा लें। आधे घंटे बाद धो लें। तीन सप्ताह तक ये प्रयोग करने पर दाग मिट जाते है। झाइयाँ ठीक हो जाती है।
— एक चम्मच Shahad और एक चम्मच प्याज का रस मिलाकर चाटने से हिचकी आनी बंद हो जाती है।
— चार चम्मच मधु और एक चम्मच पिघला हुआ पीला मोम मिलाकर मलहम बना लें। किसी भी घाव पर इस मलहम को लगाने से जल्द आराम आ जाता है।
— सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में एक चम्मच मधु और एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।
— आधा चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच मधु मिलाकर चाटने से खांसी ठीक हो जाती है।
— सुबह और रात को सोते समय एक गिलास पानी में मधु मिलाकर पीने से कब्ज में आराम मिलता है।
— दालचीनी को बारीक पीस कर शहद में मिला लें। तम्बाकू की तलब लगने पर इसे चाटने से तलब शांत हो जाती है। इस तरह तम्बाकू छोड़ने में मदद मिलती है।
— सिर में गंजापन हो या आईब्रो में बाल कम हों तो शहद और प्याज का रस मिलाकर कुछ दिन लगाने से बाल घने हो जाते है। बाल गिरने कम होजाते है।
— जलने से त्वचा पर बने सफ़ेद धब्बे पर शहद लगाकर लगातार पट्टी करने से इस तरह के दाग मिट जाते है।
— किसी कारण से गला बैठ गया हो तो गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर गरारे करने से ठीक हो जाता है।
— पीलिया होने पर दिन में तीन बार एक गिलास पानी में एक चम्मच Shahad मिलाकर पीने से फायदा होता है। इसे छाछ के साथ भी ले सकते है।
— दो चम्मच दही में एक चम्मच Shahad मिलाकर लेने से पेट के कीड़े मल के साथ बाहर निकल जाते है।
— शहद के उपयोग से पेट के अल्सर में बहुत आराम मिलता है।
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पुरुषों की कमजोरी मिटाने के देसी तरीके
मूसली काली और सफेद दो तरह की होती है। सफेद मूसली काली मूसली से अधिक गुणकारी होती है और वीर्य को गाढ़ा करने वाली होती है। मूसली का 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और शरीर में काम-उत्तेजना की वृद्धि होती है।
शरीर की शिथिलता को दूर करने के लिए Norogi Safed Musli Capsule बहुत ही कारगर होती है, इससे हर तरह की कमज़ोरी को दूर किया जा सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल बहुत सारी दवाइयों को बनाने के लिए भी किया जाता है। सफेद मूसली के सेवन से आपको कई सारे फायदे देखने को मिल सकते है।
पुरुषों के लिए सफेद मूसली बहुत ही लाभकारी होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल के सेवन से पुरुषों की शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल को Chlorophytum (क्लोरोफ़ायटम) कहा जाता है। यह एक प्रकार का पौधा है, जिसके अंदर छोटे सफ़ेद फूल होते है। यह विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए लाभदायक होती है जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो और कामेच्छा कम होती है।
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