डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आ जाते हैं जैसे वजन बढ़ना, शरीर के कई हिस्से में सूजन, स्किन की रंगत में बदलाव, पेट में दर्द आदि। वहीं, प्रेगनेंसी के बाद शरीर में कुछ टॉक्सिंस रह जाते हैं, जिसकी वजह से पेट की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आज हम आपको एक होममेड चूर्ण के बारे में बताएंगे, जिससे आप प्रसव के बाद होने वाली समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
चूर्ण बनाने की सामग्री:
-अजवाइन
-मेथीदाना
-एक तिहाई कप जीरा
-50 ग्राम हरड़
-एक छोटी कटोरी सौंठ
-एक चम्मच काला
-आधा चम्मच सेंधा नमक
-एक चम्मच हींग
चूर्ण बनाने का तरीका
इसके लिए सबसे पहले एक पैन में जीरा डालकर भूनें और फिर उसे निकालकर अजवाइन को भून लें। इसी तरह मेथीदाना और हरड़ को भी अलग-अलग फ्राई कर लें। अब इन्हें ठंडा होने के लिए साइड पर रख दें।
कैसे खाएं चूर्ण?
डिलीवरी के बाद दिन में दो बार सुबह और शाम गुनगुने पानी के साथ यह चूर्ण लें। 40 दिन तक तर रोजाना गुनगुने पानी का एक चम्मच लेने से आपको फर्क नजर आएगा।
क्यों फायदेमंद है चूर्ण?
इससे ना सिर्फ पेट में दर्द, गैस्ट्रिक, सूजन, वजन घटाने में काफी मददगार है। साथ ही रोजाना इस चूर्ण को लेने से शरीर की सूजन भी कम होती है।
चूर्ण बनाने की विधि
एक कटोरी में काला व सेंधा नमक व हींग पाउडर, भूनी हुई सामग्री को मिक्स करें। इसके बाद सारी सामग्री को पीसकर पाउडर बनाकर छान लें। डिलीवरी के बाद लिऐ जाने वाला चूर्ण बनकर तैयार है।
डायबिटीज में लाभकारी
हल्दी डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभकारी है। इसके लिए हल्दी को एक चम्मच आंवले के रस, एक चम्मच शहद और एक चम्मच गिलोय के रस के साथ मिलाकर पिएं।
दूध के साथ हल्दी का सेवन
हल्दी, मंजिष्ठा, गेरू, मुलतानी मिट्टी, गुलाब जल, एलोवेरा एवं कच्चे दूध को मिलाकर लेप तैयार करें। इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा में निखार आता है। हल्दी वाला दूध पीने से त्वचा में प्राकृतिक चमक पैदा होती है।
यदि आप नजले, जुकाम, खांसी से परेशान हैं, तो गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं, इससे लाभ होगा।
रोज सुबह खाली पेट गुनगुने दूध में हल्दी मिलाकर सेवन करें, तो शरीर के दर्द, पेट के रोग आदि से छुटकारा पा सकते हैं।
रक्त की सफाई करे हल्दी
हल्दी के सेवन से रक्त साफ होता है। इसके सेवन से रक्त में मौजूद विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। अगर चोट लगने पर तेजी से खून बह रहा है, तो आप उस जगह तुरंत हल्दी डाल दें। इससे खून बहना रुक जाएगा।
स्त्रियों के लिए हल्दी का उपयोग
महिलाओं में होने वाले श्वेत प्रदर या ल्युकोरिया जैसे रोगों में हल्दी अत्यंत गुणकारी औषधि है। इसके लिए पांच ग्राम हल्दी और अंजीर के तीन टुकड़े का सेवन करने से लाभ होता है।
’हल्दी, खाने वाला चूना और शहद का लेप बना कर इसे मोच, ऐंठन, चोट या शरीर में आई सूजन वाली जगह पर लगाने से तुरंत लाभ होता है।
’एनीमिया, पीलिया, बवासीर, सांस के रोग और लगातार हिचकी आने की स्थिति में हल्दी और काली मिर्च के धुएं को सूंघने से लाभ होता है।
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पुरुषों की कमजोरी मिटाने के देसी तरीके
मूसली काली और सफेद दो तरह की होती है। सफेद मूसली काली मूसली से अधिक गुणकारी होती है और वीर्य को गाढ़ा करने वाली होती है। मूसली का 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और शरीर में काम-उत्तेजना की वृद्धि होती है।
शरीर की शिथिलता को दूर करने के लिए Norogi Safed Musli Capsule बहुत ही कारगर होती है, इससे हर तरह की कमज़ोरी को दूर किया जा सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल बहुत सारी दवाइयों को बनाने के लिए भी किया जाता है। सफेद मूसली के सेवन से आपको कई सारे फायदे देखने को मिल सकते है।
पुरुषों के लिए सफेद मूसली बहुत ही लाभकारी होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल के सेवन से पुरुषों की शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल को Chlorophytum (क्लोरोफ़ायटम) कहा जाता है। यह एक प्रकार का पौधा है, जिसके अंदर छोटे सफ़ेद फूल होते है। यह विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए लाभदायक होती है जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो और कामेच्छा कम होती है।
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