पेट की समस्या कोई नयी समस्या नहीं है बल्कि हर घर में अधिकतर व्यक्ति इससे परेशान होते हैं। पेट की मुख्य समस्याओं में कमजोर पाचन तंत्र, कब्ज, गैस बनना हो सकता है। इनके लिए डॉक्टरी इलाज करने के साथ ही आप इन घरेलू नुस्खों को भी अपना सकते हैं। आज हम आपको पेट की आम समस्याओं के लिए इलाज के लिए घरेलू चीजों से बनने वाले 4 चूर्ण के बारे में बता रहे हैं। इनके इस्तेमाल से आपकी कई समस्याओं का खात्मा हो सकता है। आइए जानते हैं इनके बारे में
सामग्री
- 10 ग्राम सेंधा नमक
- 10 ग्राम हींग
- 10 ग्राम सज्जीखार ( शुद्ध )
- 10 ग्राम हरड़ छोटी
- 10 ग्राम अजवायन
- 10 ग्राम काली मिर्च
विधि
इस चूर्ण को बनाने के लिए आपको ज्यादा मेहनत की कोई आवश्यकता नहीं है बल्कि बस आप सारी सामग्री को इक्कठा करें और अच्छी तरह पीस लें। ध्यान रहें कि पाउडर महीन बनाना है। जब पाउडर बन जाए तो उसे किसी बारीक कपड़े या छन्नी से छान लें और फिर सुरक्षित किसी कांच की शीशी में भरकर रख लें।
पेट के रोग से हर कोई परेशान रहता है। किसी को खाना नहीं हजम होता है तो कोई गैस और एसिडिटी से परेशान है। आज हम आपको ऐसा चूर्ण बनाने की विधि बताएंगे, जिसे आप पेट के सभी रोग दूर करने के लिए भोजन के बाद खा सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे बनाया जाता है आयुर्वेदिक पाचन चूर्ण।
सामग्री
- जीरा 120 ग्राम
- सेंधानमक 100 ग्राम
- धनिया 80 ग्राम
- कालीमिर्च 40 ग्राम
- सोंठ 40 ग्राम
- छोटी इलायची 20 ग्राम
- पीपर छोटी 20 ग्राम
- नींबू सत्व 15 ग्राम
- खाण्ड देशी 160 ग्राम
विधि
नींबू और खाण्ड को छोड़ कर बाकी की सभी सामग्रियों को पीस कर चूर्ण तैयार करें। फिर उसमें नींबू निचोड़े और खाण्ड मिलाएं। इस मिश्रण को 3 घंटे के लिये एक कांच के बरतन में रख दें। फिर इसका सेवन खाना खाने के बाद 2 से 5 ग्राम करें।
अनियमित खानपान और जीवनशैली की वजह से लोग पेट की कई तरह की समस्याओं से पीड़ित हैं। इनसे निपटने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करने के साथ ही आप यहां बताए जा रहे चूर्ण को भी आजमा सकते हैं। इसके सेवन से आप कब्ज, एसिडिटी, पेट के मरोड़ और गैस से जड़ से छुटकारा पा सकते हैं। इस चूर्ण को बनाना बहुत आसान है।
सामाग्री
- जीरा
- अजवाइन
- काला नमक
- मेथी
- सौंफ
- हींग
विधि
सबसे पहले जीरा, अजवाइन, मेथी और सौंफ को अलग-अलग धीमी आंच पर भून लें। भूनने के बाद इन्हें अलग-अलग बारीक पीस लें। इसके बाद एक बर्तन में काला नमक और आधा चम्मच हींग लें। अब इसमें जीरा, सौंफ, अजवाइन का पाउडर डाल लें। इन तीनों से कम मात्रा में मेथी पाउडर डालें। इस मिश्रण को अच्छी तरह मिला लें। ध्यान ये रखना है कि जीरा, अजवाइन और सौंफा की मात्रा समान होनी चाहिए। इसको अच्छी तरह से मिक्स करने के बाद किसी डिब्बे में रख लें।
खाना खाने के बाद कई लोगों को बदहजमी हो जाती है। कभी-कभी तो पेट दर्द बर्दाशत से बाहर हो जाता है। आज हम आपको एक ऐसा हाजमे का चूर्ण बताएंगे, जिससे पाचन क्रिया भी ठीक रहती है। यह चूर्ण खाने वाले का जायका भी बढ़ाते हैं।
सामग्री
- अनारदाना 10 ग्राम
- छोटी इलायची 10 ग्राम
- दालचीनी 10 ग्राम
- सौंठ 20 ग्राम
- पीपल 20 ग्राम
- कालीमिर्च 20 ग्राम
- तेजपत्ता 20 ग्राम
- पीपलामूल 20 ग्राम
- नींबू का सत्व 20 ग्राम
- धनिया 40 ग्राम
- सेंधा नमक 50 ग्राम
- काला नमक 50 ग्राम
- सफेद नमक 50 ग्राम
- मिश्री की डली 350 ग्राम
विधि
सेंधा नमक, काला नमक, सफेद नमक, मिश्री और नींबू का सत्व को छोड़कर सभी सामान को कड़ी धूप में 2-3 घण्टे सुखा लें। फिर इसे मिक्सी में डालकर बारीक पीस लें।
इसके बाद बाकी सामान को अलग से बारीक पीस लें और फिर सभी सामानों के इस पाउडर को अच्छे से मिला लें। अब इसे किसी कांच की शीशी भरकर रख लें।
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पुरुषों की कमजोरी मिटाने के देसी तरीके
मूसली काली और सफेद दो तरह की होती है। सफेद मूसली काली मूसली से अधिक गुणकारी होती है और वीर्य को गाढ़ा करने वाली होती है। मूसली का 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और शरीर में काम-उत्तेजना की वृद्धि होती है।
शरीर की शिथिलता को दूर करने के लिए Norogi Safed Musli Capsule बहुत ही कारगर होती है, इससे हर तरह की कमज़ोरी को दूर किया जा सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल बहुत सारी दवाइयों को बनाने के लिए भी किया जाता है। सफेद मूसली के सेवन से आपको कई सारे फायदे देखने को मिल सकते है।
पुरुषों के लिए सफेद मूसली बहुत ही लाभकारी होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल के सेवन से पुरुषों की शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल को Chlorophytum (क्लोरोफ़ायटम) कहा जाता है। यह एक प्रकार का पौधा है, जिसके अंदर छोटे सफ़ेद फूल होते है। यह विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए लाभदायक होती है जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो और कामेच्छा कम होती है।
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