पीरियड्स के दौरान औरतों को कई तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है. मांसपेशियों में खिंचाव, मरोड़, दर्द, भारीपन और चक्कर आना इन दिनों की आम समस्या है.
पीरियड्स के दौरान हर महिला की स्थिति अलग होती है. किसी को ज्यादा दर्द होता है तो किसी को कम. पीरियड्स की तकलीफ और पीरियड्स के दिन हर महिला के लिए अलग-अलग होते हैं. ऐसे में किसी एक की स्थिति के आधार पर दूसरे की कंडिशन का आंकलन नहीं किया जा सकता है.
पीरियड्स के दर्द को कम करने के लिए कई तरह के घरेलू उपाय हैं. कुछ औरतें तो दवाई भी लेती हैं लेकिन दर्द के उपाय करने के साथ ही इस दौरान खानपान का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए. डाइट में कोई भी ऐसी चीज नहीं लेनी चाहिए, जिससे तकलीफ बढ़ जाए. ऐसे में ये जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि पीरियड्स के दौरान क्या खाने से तकलीफ बढ़ सकती है.
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पीरियड्स के दौरान इन चीजों से करें परहेज:
1. कैफीन से बढ़ जाएगी तकलीफ
पीरियड्स के दौरान कैफीन लेना खतरनाक हो सकता है. बहुत अधिक चाय, कॉफी या फिर सॉफ्टड्रिंक्स पीना नुकसानदेह हो सकता है. इससे मरोड़ की तकलीफ बढ़ सकती है.दिन में एक या दो बार ऑर्गेनिक चाय पीना फायदेमंद हो सकता है लेकिन बहुत अधिक कैफीन आपकी परेशानी बढ़ा देगी.
2. एल्कोहल को हाथ भी न लगाएं
पीरियड्स के दौरान एल्कोहल लेने से तकलीफ बढ़ सकती है. पीरियड्स में एल्कोहल लेने से पेट का निचला हिस्सा फूल जाता है.
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3. चॉकलेट खाने से भी बचें
चॉकलेट में कैफीन होता है, जिसकी वजह से क्रैंपिंग की प्रॉब्लम बढ़ सकती है. कैफीन की वजह से मांस-पेशियां सिकुड़ जाती हैं, जिसकी वजह से दर्द बढ़ सकता है.
4. रेड मीट खाने से बचें
रेड मीट खाने से पीरियड्स के समय होने वाला दर्द बढ़ जाता है. रेड मीट में मौजूद एसिड्स प्रोस्टेट ग्लैंड्स को बहुत एक्टिव कर देते हैं. जिसकी वजह से पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द बढ़ जाता है.
5. अचार से बनाएं दूरी
पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक खट्टी चीजें खाना खतरनाक हो सकता है. खासतौर पर नमकीन और अचार. दरअसल, इन चीजों में सोडियम की भरपूर मात्रा पायी जाती है, इसकी वजह से दर्द बढ़ जाता है.
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम को आम भाषा में (PCOS) कहते हैं. इसे पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (PCOD) भी कहा जाता है. पिछले कुछ सालों में ये समस्या महिलाओं में तेजी से बढ़ी है. सिंतबर का महीना PCOS जागरूकता के रूप में मनाया जाता है. PCOS एक गंभीर हार्मोनल समस्या है जिसकी वजह मेटाबॉलिक और प्रजनन संबंधी समस्या आती है. PCOS समस्या कई महिलाओं और लड़कियों में पाई जाती है लेकिन इसके बारे में बहुत कम लोगों को ही पता है.
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PCOS क्या होता है- PCOS में महिलाओं के शरीर में सामान्य की तुलना में बहुत अधिक हार्मोन्स बनते हैं. हार्मोन में इस असंतुलन की वजह से एक ओवुलेशन होता है जिसकी वजह से पीरियड्स नियमित नहीं रहते हैं. आगे चलकर इससे प्रेग्नेंसी में भी समस्या आ जाती है. 20 से 30 साल की उम्र में ये समस्या ज्यादा पाई जाती है. PCOS का ओवरी पर बुरा असर पड़ता है जिसकी वजह से महिलाओं के प्रजनन अंग प्रभावित होते हैं. प्रजनन अंग ही शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बनाता है जो पीरियड्स को संतुलित रखता है.
PCOS के लक्षण: मेयो क्लिनिक के अनुसार, पीसीओएस के लक्षण पहले मासिक धर्म के समय के आसपास विकसित होते हैं. कभी-कभी ये समस्या एक उम्र के बाद भी हो सकती है. जैसे कि उम्र के साथ वजन बढ़ने से भी यह समस्या हो सकती है. पीसीओएस के लक्षण हर महिलाओं में अलग-अलग होते हैं.
अनियमित पीरियड्स- अनियमित या लंबे समय तक दर्द के साथ पीरियड्स का रहना PCOS का सबसे आम संकेत है. जैसे, साल में 9 पीरियड्स से कम होना, दो पीरियड्स के बीच में 35 दिनों से ज्यादा का अंतराल और असामान्य रूप से बहुत ज्यादा पीरियड होना.
अतिरिक्त एण्ड्रोजन- महिलाओं में कई बार हार्मोन के असंतुलन (पुरुषों वाले हार्मोन के ज्यादा निकलने) की वजह से चेहरे और शरीर पर जरूरत से ज्यादा बाल आने लगते हैं और कभी-कभी चेहरे पर बहुत मुंहासे होने लगते हैं. कभी-कभी गंजेपन की भी समस्या भी आ सकती है. ये सारे PCOS के संकेत हो सकते हैं.
पॉलिसिस्टिक ओवरी- इस स्थिति में ओवरी यानी अंडाशय बढ़ने लगते हैं जिसके वजह से एग के चारों तरफ फॉलिकल की संख्या बढ़ने लगती है और ओवरी सही से काम नहीं कर पाती है. मोटे लोगों में ये समस्या ज्यादा गंभीर हो जाती है.
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शरीर में इंसुलिन का ना बनना- इंसुलिन एक ऐसा हार्मोन है जो शरीर में पाचन तंत्र को खाने से मिलने वाले शुगर को बनाने में मदद करता है. PCOS होने पर महिलाओं में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है जिसकी वजह से शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है. इस दबाव की वजह से ओवरी पुरुषों वाले हार्मोंस निकालना शुरू कर देती है.
अनुवाशिंक- PCOS कोई नया सिंड्रोम नहीं है, इसे आसानी से पहचाना जा सकता है. अगर परिवार में किसी को मोटापे और डायबिटीज की समस्या है तो PCOS होने की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा मोटापे की वजह से शरीर में होने वाली सूजन भी इसका एक कारण है.
PCOS की वजह से आने वाली मुख्य समस्या इनफर्टिलिटी होती है. कई बार मिसकैरिएज और प्रीमैच्योर बर्थ जैसी गंभीर दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है. इसके अलावा महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर, स्ट्रोक, दिल संबंधी बीमारी, गर्भाशय का कैंसर और शरीर में होने वाले बदलावों की वजह से डिप्रेशन की समस्या आ सकती है.
घर पर कैसे करें इलाज- लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर इसे घर पर ही ठीक किया जा सकता है. PCOS पर नियंत्रण पाने के लिए लो कार्बोहाइड्रेट डाइट अपनाएं, वजन कम करें और रोज कम से कम 30 मिनट तक एक्सरसाइज करें. वजन कम करने से डायबिटीज और दिल की बीमारी का खतरा भी कम होता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी सही होता है.
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पुरुषों की कमजोरी मिटाने के देसी तरीके
मूसली काली और सफेद दो तरह की होती है। सफेद मूसली काली मूसली से अधिक गुणकारी होती है और वीर्य को गाढ़ा करने वाली होती है। मूसली का 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और शरीर में काम-उत्तेजना की वृद्धि होती है।
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पुरुषों के लिए सफेद मूसली बहुत ही लाभकारी होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल के सेवन से पुरुषों की शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल को Chlorophytum (क्लोरोफ़ायटम) कहा जाता है। यह एक प्रकार का पौधा है, जिसके अंदर छोटे सफ़ेद फूल होते है। यह विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए लाभदायक होती है जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो और कामेच्छा कम होती है।
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