सवाल – मेरी बेटी 12वीं के बाद टीचिंग का कोर्स करना चाहती है. लेकिन मेरे पति खुद डाक्टर होने के कारण उस पर भी डाक्टर बनने का दबाव डाल रहे हैं. वह तनाव में है और किसी से भी बात नहीं कर रही. मैं अपनी बेटी को ऐसी स्थिति में नहीं देख सकती?
जवाब – आजकल मातापिता बच्चों पर जरूरत से ज्यादा कैरियर बनाने का दबाव बना रहे हैं. इस कारण वे तनावग्रस्त हो कर आत्महत्या जैसे कठोर कदम उठाने में भी देर नहीं लगाते. बच्चों को वही करने दें जिस में उन की रुचि हो, न कि पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहे प्रोफैशन को उन पर थोपें. वैसे शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत प्रतियोगिता है और अच्छी नौकरी मिलनी मुश्किल है. अभी बेटी छोटी है और डाक्टरी की पढ़ाई से भयभीत है, उसे समझाना जरूरी है.
1. दालचीनी- अनियमित पीरियड्स को नियमित करने के लिए एलोपैथिक दवाओं की ओर रुख करने से अच्छा है अपनी किचन में ही इसका इलाज ढूंढा जाए। डायटिशियन अनिता लांबा बताती हैं कि रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री से ही पीरियड्स को नियमित किया जा सकता है। किचन में रखी दालचीनी इसमें रामबाण साबित हो सकती है। पीरियड्स को रेगुलर करने के साथ-साथ इस दौरान होने वाले दर्द से भी बचाने में लाभदायक है। इतना ही नहीं, इसमें मौजूद हाइड्रोऑक्सिचलकोन पीरियड्स के दौरान इन्सुलिन के स्तर को बनाए रखता है।
यूं करें शामिल- आधा चम्मच ताजा पीसी दालचीनी एक गिलास दूध में मिलाएं और इसे नियमित रूप से अपने रूटीन में शामिल करें। अगर आप दूध में डालकर नहीं पी सकते, तो इसे कई दूसरे तरीकों से भी शामिल किया जा सकता है। जैसे- चाय, खाने में ऊपर से डालकर या इसकी लकड़ी को चबा कर अपना रूटीन बना सकते हैं।
2. अदरक या सूखा अदरक (सौंठ)- सौंठ या सूखा अदरक भी पीरियड्स को नियमित करने में सहायक माना जाता है। यह पीरियड्स के फ्लो को सही करने और दर्द को कम करने में लाभदायक होती है। आप इसे कच्चा भी खा सकते हैं या फिर इसका जूस पी सकते हैं। दोनों ही उपाय आपके पीरियड्स समय पर लाने में मदद करेंगे। आप अदरक चाय में डालकर भी अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं।
यूं करें शामिल- अदरक को कद्दूकस करके उसे स्टील के बाउल में रखें। उसमें थोड़ा-सा पानी डालकर गैस पर रखें। इसमें थोड़ी चीनी डालकर पांच मिनट बाद गैस बंद कर दें। गर्मा-गर्म पीएं और ऐसा नियमित रूप से करें।
3. कच्चा पपीता- स्ट्रेस और मोनोपोस के कारण पीरियड्स में होने वाली अनियमितता को दूर करने का रामबाण इलाज कच्चा पपीता है। इसमें मौजूद पौष्टिक तत्व जैसे आयरन, कौरोटीन, कौल्शियम, विटामिन ए और सी गर्भाश्य की सिकुड़ी हुई मांसपेशियों को फाइबर पहुंचाने का काम करते हैं। कुछ महीने तक कच्चा पपीता खाएं या उसका जूस पीएं और खुद देखें कच्चे पपीते का जादू।
यूं करें शामिल– पीरियड्स आने से कुछ दिन पहले, कच्चा पपीता खाना शुरू कर दे्ं। एक बाउल में पपीते के छोटे टुकड़े काट लें। इसके ऊपर एक चम्मच दही डालें और ब्रेकफास्ट में शामिल करें। कोशिश करें कि इसे नियमित तौर पर ब्रेकफास्ट स्नैक की तरह लें।
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पुरुषों की कमजोरी मिटाने के देसी तरीके
मूसली काली और सफेद दो तरह की होती है। सफेद मूसली काली मूसली से अधिक गुणकारी होती है और वीर्य को गाढ़ा करने वाली होती है। मूसली का 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और शरीर में काम-उत्तेजना की वृद्धि होती है।
शरीर की शिथिलता को दूर करने के लिए Norogi Safed Musli Capsule बहुत ही कारगर होती है, इससे हर तरह की कमज़ोरी को दूर किया जा सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल बहुत सारी दवाइयों को बनाने के लिए भी किया जाता है। सफेद मूसली के सेवन से आपको कई सारे फायदे देखने को मिल सकते है।
पुरुषों के लिए सफेद मूसली बहुत ही लाभकारी होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल के सेवन से पुरुषों की शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल को Chlorophytum (क्लोरोफ़ायटम) कहा जाता है। यह एक प्रकार का पौधा है, जिसके अंदर छोटे सफ़ेद फूल होते है। यह विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए लाभदायक होती है जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो और कामेच्छा कम होती है।
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