पंचारिष्ट का आयुर्वेदिक फॉर्मूला है जो पाचन शक्ति को मजबूत करता है और इसकी वजह से बार-बार की एसिडिटी, गैस और पेट के अन्य तकलीफों से काफी हद तक राहत मिलती है.
पाचन संबंधी समस्याएं सभी आयु वर्ग में सबसे आम तौर पर पाई जाने वाली स्वास्थ्य समस्या है. आज के दौर में, जब दुनियाभर में जीवन शैली संबंधित रोग बढ़ते जा रहे हैं, अगर कोई अपने परिवार, दोस्तों या फिर अपने सहकर्मियों में ढूंढे तो उसे एसिडिटी, गैस, बदहज्मी इत्यादि जैसी किसी पाचन संबंधी समस्या से परेशान व्यक्ति आराम से मिल जाएगा.
क्या आपने कभी सोचा है कि आज के दौर में एसिडिटी, गैस, बदहज्मी इत्यादि जैसी पाचन संबंधी समस्याएं इतने आम तौर पर क्यों मौजूद हैं? इसका सीधा सा जवाब हैः लापरवाह जीवन शैली. भाग-दौड़ वाली जिंदगी, ऊट-पटांग खाना, और बेवक्त और अस्वस्थ खाने की आदतें पाचन संबंधी समस्याओं को बढ़ावा देती हैं. जब बार-बार एसिडिटी, गैस और बदहज्मी की शिकायत रहने लगे तो समझिए कि चेतावनी की घंटी बज रही है. अनियमित जीवन शैली और बढ़ती उम्र के कारण, पाचन शक्ति कमजोर पड़ जाती है, उसका संतुलन बिगडऩे लगता है, जिससे पेट कमजोर पड़ जाता है.
आयुर्वेद के अनुसार, खाना सही ढंग से पचने के लिए पाचन अग्नि का संतुलित रहना बहुत जरूरी है. आयुर्वेद में अग्नि मूल तत्व माना जाता है, इस पाचन अग्नि की तुलना ज्वलित अग्नि के साथ की जा सकती है. अगर अग्नि कम हो जाए, तो खाना पचने में समय लगता है, और अगर अग्नि ज्यादा हो जाए तो खाना समय से जल्दी पच जाता है.
डायबिटीज एक बहुत आम बीमारी है जो किसी को भी हो सकती है. हालांकि बदलते लाइफस्टाइल की वजह से ये बीमारी अब लोगों में तेजी से बढ़ रही है जो कि चिंता का विषय है. डायबिटीज की दर हर साल बढ़ती जा रही है और मौजूदा हालात में लोगों को अपनी सेहत पर बहुत ध्यान देने की जरूरत है. डायबिटीज तब होता है जब अग्न्याशय ब्लड शुगर को सही रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता है.
इंसुलिन ना बन पाने की वजह से ब्लड शुगर कोशिकाओं में स्टोर नहीं हो पाता है जिसकी वजह से बॉडी में इसका लेवल अनियमित रूप से बढ़ने लगता है. डायबिटीज बढ़ने की मुख्य वजह जरूरत से ज्यादा मीठा खाना है. इसके अलावा और भी कई वजह हैं जो डायबिटीज को बढ़ाने का काम करती हैं. इसे कम करने के लिए जरूरी है कि आप अपनी डाइट में उन फलों को शामिल करें जो डायबिटीज को कम करने में मदद करते हैं.
अमरूद एक ऐसा फल है जो डायबिटीज को कंट्रोल रखने में मदद करता है. अमरूद में एक खास तरह को पोषक तत्व पाया जाता है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. आइए जानते हैं कि आखिर अमरूद किस तरह से ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का काम करता है.
अश्वगंधा के फायदे
1) अश्वगंधा एंटीओक्सीडेंट का एक अच्छा श्रोत है ये चयापचय की प्रक्रिया के दौरान उत्पन मुक्त कण को साफ निस्कृय करने मे बहुत प्रभारी है।
2) अश्वगंधा थायराइड ग्रनती को उत्तेजित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके प्रभाव पर एक अधयन मे पता चला है की इसकी जड़ो का एक्सट्रेक्ट,अगर एक दैनिक आधार पर लिया जाए तो थायराएड हार्मोन के श्राव मे विरधि होगी।
3) अश्वगंधा कद बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। अगर आपका हाइट समय से पहले बढ़ाना रुक गया हो तो आप अश्वगंधा का प्रयोग कर सकते है। एक ग्लास दूध में 2 चमच्च अश्वगंधा और एक चमच्च चीनी मिलाकर रोज रात को सोने से पहले पिये।
4) अश्वगंधा में एंटीजनिक गुण होता है जिससे ये कैंसर कोशिकाओ को नहीं रक्त वाहिकाओ के निर्माण से रोकती है जिससे कैंसर का इलाज करने मे मदद मिलती है। कैंसर रोग को फेलने मे कैंसर सेल का काफी हद तक ज़िम्मेवार होता है जो तेजी से बढ़ती है और अश्वगंधा इन सेल्स को रोकने मे मदद करती है।
5) आज कल की व्यस्त जीवन मे अक्सर देखा गया है की हमारी नींद गायब हो जाती है,हम टेंशन मे रहने लगते है। काम काज के प्रैशर से होने वाली अनिंद्रा एवं टेंशन को दूर करने के लिए अश्वगंधा बहुत ही साहयक माना गया है,इसके चूर्ण या कैप्सुल लेने से ऐसे ऊर्जा का निर्माण हमारे मस्तिस्क मे होता है जो हमे जल्दी सोने मे मदद करती है।
6) अश्वगंधा के सेवन से सेक्स पावर बढ़ती है वीर्य की गुणवत्ता बढ़ती है और वीर्य ज्यादा मात्र मे बनता है साथ ही आप अगर संभोग के दोरान जल्दी थक जाते है तो अश्वगंधा एक प्रभावशाली ओषधि है।
7) अश्वगंधा पुरुषो के लिए तो लाभदायक होता ही है साथ ही महिलाओ के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके पोधों के जड़ो में एंटीबाक्टेरियाल और एंटीफ़ंगल होता है जिससे ज़्यादातर इन्फ़ैकशन को ख़तम करने मे असरदर माना जाता है।महिलाओ मे इन्फ़ैकशन होना आम बात है। गर्भासय के सूजन को भी कम करने में ये आयुर्वेद हेर्ब माना जाता है। जिन महिलाओ की योनि में से सफ़ेद चिपचिपा प्रदार्थ निकलता है उन्हे भी अश्वगंधा खाने से बहुत फाइदा मिलता है।
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पुरुषों की कमजोरी मिटाने के देसी तरीके
मूसली काली और सफेद दो तरह की होती है। सफेद मूसली काली मूसली से अधिक गुणकारी होती है और वीर्य को गाढ़ा करने वाली होती है। मूसली का 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और शरीर में काम-उत्तेजना की वृद्धि होती है।
शरीर की शिथिलता को दूर करने के लिए Norogi Safed Musli Capsule बहुत ही कारगर होती है, इससे हर तरह की कमज़ोरी को दूर किया जा सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल बहुत सारी दवाइयों को बनाने के लिए भी किया जाता है। सफेद मूसली के सेवन से आपको कई सारे फायदे देखने को मिल सकते है।
पुरुषों के लिए सफेद मूसली बहुत ही लाभकारी होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल के सेवन से पुरुषों की शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल को Chlorophytum (क्लोरोफ़ायटम) कहा जाता है। यह एक प्रकार का पौधा है, जिसके अंदर छोटे सफ़ेद फूल होते है। यह विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए लाभदायक होती है जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो और कामेच्छा कम होती है।
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