हमारी दिनचर्या में नींद एक प्राकृतिक और आवश्यक है। यह हमारे शरीर और मस्तिष्क को आराम देती है और हमें ऊर्जा प्रदान करती है जो कि स्वस्थ जीवन जीने के लिये आवश्यक है। गहरी व सम्पूर्ण नींद से हमारे मन और शरीर को सम्पूर्ण विश्राम मिलता है जिससे हम खुद को ताजा एवं ऊर्जावान महसूस करते हैं। अधूरी या गहरी नींद न होने के कारण व्यक्ति में दुख, दुर्बलता, कमजोरी, आलस्य जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
नींद क्या होती है?
आयुर्वेद में व्यक्ति का स्वास्थ्य वात, पित्त और कफ के संतुलन पर निर्भर करता है अत: इन दोषों में आए असंतुलन के कारण ही कोई भी समस्या उत्पन्न होती है। अनिद्रा में मुख्यत: वात दोष का असंतुलन देखा जाता है। वात दोष के कारण सोने की कोशिश करने पर भी व्यक्ति सोने में असमर्थ होता है तथा व्यक्ति का मन लगातार अतीत की घटनाओं के बारे में सोचता और विचार करता रहता है तथा कई तरह की चिंताएं उसके मन में चलती रहती हैं। उसका मन बेचैन एवं अस्थिर रहता है, यह सब वात दोष की असामान्य वृद्धि के कारण होता है। इसके अलावा यदि व्यक्ति में कफ दोष बढ़ जाता है तो वह बहुत देर तक सोने के बाद भी खुद को आलसी और थका हुआ महसूस करता है।
अच्छी नींद के फायदे
रात में सम्पूर्ण और गहरी नींद लेने वाले व्यक्ति अनिद्रा से ग्रस्त लोगों की तुलना में ज्यादा स्वस्थ होते हैं। इसके अलावा और भी फायदे हैं, चलिये इनके बारे में जानते हैं-
-नींद हमारी धमनियों को प्रभावित करती है। पर्याप्त नींद न लेने से ब्लड प्रेशर, तथा हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या होने की अधिक आशंका रहती है और इससे हृदय पर भी बूरा असर पड़ता है। एक वयस्क व्यक्ति के लिए 6-8 घण्टे की नींद लेना आवश्यक है।
-अच्छी नींद न आने से तनाव बढ़ता है तथा उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है। उच्च रक्तचाप दिल के रोगों को जन्म देता है जबकि गहरी नींद व्यक्ति को इन सब से दूर रखती है।
-देर रात तक जाग कर काम करने वालों में ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर की संभावना अधिक होती है। शोध के अनुसार तेज रोशनी से मेलाटोनीन हार्मोन प्रभावित होता है। यह हार्मोन नींद को लाने में मदद करता है। रोशनी और नींद कम होने से ट्यूमर या गांठ का विकास होता है जो कैंसर को जन्म देता है।
-रात की सम्पूर्ण और पर्याप्त नींद के कारण आप स्वयं को ऊर्जावान महसूस करते हैं। भरपूर ऊर्जा से भरे होने के कारण आप बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं और थकावट महसूस नहीं करते।
-पर्याप्त नींद लेने वाले व्यक्तियों की याद्दाश्त अच्छी होती है। वह ज्यादा जल्दी चीजों को समझ कर लम्बे समय तक उन्हें याद रख पाते हैं।
-कम सोने वालों में कईं बार वजन बढ़ने की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। कम सोने के कारण हार्मोन असंतुलन का खतरा रहता है जिससे अधिक भूख लगती है।
-पर्याप्त नींद लेने से व्यक्ति की एकाग्रता बढ़ती है। जो लोग पूरी नींद नहीं लेते वो दिन भर आलस्य और सुस्ती महसूस करते हैं जिससे कोई भी कार्य करने में एकाग्रता नहीं बन पाती।
-सोने पर मस्तिष्क को आराम मिलता है, दिनभर कार्य करने के बाद पर्याप्त नींद हमारे मस्तिष्क के लिए आवश्यक है।
-हमेशा पर्याप्त नींद लेने से व्यक्ति को बुढ़ापा नहीं आता। वे अधिक स्वस्थ व सुन्दर दिखते हैं।
कम नींद होने के दुष्प्रभाव
अच्छी नींद होने जैसे शरीर को अनेक फायदों का लाभ मिलता है उसी तरह कम नींद अनेक नुकसानों को भी सामना करना पड़ता है।
-पर्याप्त नींद न लेने से व्यक्ति तनाव एवं मानसिक रोगों का शिकार हो सकता है।
-नींद पूरी न होने से शरीर और दिमाग को पूरी तरह से आराम नहीं मिल पाता जिसके कारण बदन दर्द, अकड़न और थकावट जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
-पाचन तंत्र पर नींद का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। पूरी नींद न लेने पर कब्ज की समस्या हो जाती है।
-पूरी नींद न लेने पर व्यक्ति किसी भी कार्य में एकाग्रचित्त नहीं हो पाता और उसकी स्मरणशक्ति कमजोर हो जाती है।
-नींद की कमी के कारण व्यक्ति में चिड़चिड़ापन एवं अवसाद जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। व्यक्ति को छोटी-छोटी बातों पर भी अधिक क्रोध आने लगता है।
-पर्याप्त नींद के अभाव में व्यक्ति को बिना कोई काम किए ही थकान बनी रहती है और सिर हमेशा भारी रहता है।
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अनिद्रा के लक्षण
नींद न आना तो अनिद्रा का सबसे आम लक्षण होता है लेकिन इसके अलावा और भी लक्षण होते हैं-
-सोने की कोशिश करने पर भी नींद न आना।
-नींद आने पर भी थोड़ी देर जागना या बार-बार नींद टूटने की शिकायत होना।
-नींद से उठने के बाद भी खुद को ताजा महसूस न करना और सुस्ती आना।
-आलस्य, अनिद्रा से ग्रस्त लोगों में सबसे आम लक्षण है। व्यक्ति खुद को अस्वस्थ महसूस करता है जो उसके सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन पर बूरा असर डालता है।
-अनिद्रा से ग्रस्त व्यक्ति हमेशा चिड़चिड़ा रहता है और उसे बहुत जल्दी गुस्सा आता है।
-अनिद्रा से ग्रस्त व्यक्ति को चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं जल्दी घेर लेती हैं। वे अजीब तरह से व्यवहार भी कर सकते हैं।
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अनिद्रा से बचने के उपाय
अच्छी नींद के लिए सबसे ज्यादा ज़रूरी जीवनशैली और आहार में बदलाव लाना होता है। वह कौन-कौन से होते चलिये इसके बारे में जानते हैं-
आहार-
-अपने भोजन में बादाम, अखरोट, दूध एवं दलिया का सेवन करें। इससे आपको अच्छी नींद आएगी।
-रात में सोने से पहले दूध पिएं।
-रात के भोजन में सलाद को भी शामिल करें। सलाद खाने से शरीर में लैक्टोकैरियम नामक तत्व उत्पन्न होता है जिससे शरीर आराम महसूस करता है।
-काबुली चना, केला, किवी इन चीजों का रात में सेवन करने से नींद अच्छी आती है।
-रात को सोने से पहले दूध पिएं। दूध में मौजूद एमिनो एसिड ट्रिप्टोफेन दिमाग के रसायन सेरोटोनिन के लिए महत्वपूर्ण होता है। ट्रिप्टोफेन और सेरोटोनिन की मदद से रात में आसानी से नींद आती है।
-अपने भोजन में दूध के साथ दही, पनीर आदि अन्य दूध के उत्पादों को भी शामिल करें।
-फलों में चेरी का सेवन जरूर करें। इसमें अच्छी मात्रा में मेलाटोनिन रसायन पाया जाता है जो हमारे शरीर की बॉडी क्लॉक को नियंत्रित करता है। शोध के अनुसार, सोने से कुछ घण्टे पहले चेरी खाने से अच्छी नींद आती है। अनिद्रा से पीड़ित लोगों को दिन में दो बार एक कप चेरी का जूस पीना चाहिए।
-सुबह के नाश्ते में दूध और केले का सेवन करें। केले में मांसपेशियों को ढीला करने की क्षमता होती है। इसमें मौजूद पोटाशियम और मैग्निशियम से जल्दी सोने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स से भी नींद अच्छी आती है।
-शोध के अनुसार, रात में चावल खाने से नींद अच्छी आती है। चावलों में अधिक मात्रा में ग्लिसेमिक इंडेक्स पाया जाता है। साथ ही इसमें ट्रिप्टोफेन और सेरोटोनिन नामक रसायन सोने में मदद करते हैं।
-शाम को कैफ़िन और एल्कोहल का सेवन बिल्कुल त्याग दें। इसकी बजाय आप हर्बल चाय का सेवन करें।
-प्रतिदिन 8-10 बादाम खाएं। बादाम में अच्छी मात्रा में मैंग्निशियम पाया जाता है जो कि हमारी मांसपेशियों को आराम दिलाता है। शोथ के अनुसार जब शरीर में मैंग्निशियम की मात्रा कम होती है तो सोने में परेशानी होती है। साथ ही बादाम जरूरी मात्रा में प्रोटीन बनाता है जो कि सोते समय ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।