कई बार हम खांसी की समस्या को शुरुआत में नजरअंदाज कर देते हैं। बाद में यह समय के साथ-साथ गंभीर हो जाती है, जिसे पुरानी खांसी भी कहा जाता है। यह समस्या हमारे आसपास के वातावरण और खान पान के कारण उत्पन्न हो सकती है। इसका समय रहते इलाज न करवाने पर कई अन्य खतरनाक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसलिए, ऐसी खांसी को कुछ घरेलू उपायों के मदद से ठीक किया जा सकता है। बेशक, ये उपाय कारगर हैं, लेकिन ये बीमारी को जड़ से खत्म नहीं कर सकते। ये सभी समस्या के लक्षणों को कम कर सकते हैं। इसलिए, अगर किसी को पुरानी खांसी की समस्या है, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए। पुरानी खांसी के कारण व पुरानी खांसी के लक्षण व पुरानी खांसी का घरेलू उपचार जानने के लिए स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
यह श्वसन संबंधी समस्या है। अगर किसी को 3 सप्ताह से ज्यादा समय तक तेज खांसी रहती है, तो इसे पुरानी खांसी माना जाता है। किसी को पुरानी खांसी की समस्या है और यह अचानक गंभीर हो जाए, तो नीचे बताए जा रहे घरेलू उपचार की मदद से इससे कुछ समय के लिए राहत पाई जा सकती है।
पुरानी खांसी की समस्या विभिन्न श्वसन या गैर-श्वसन स्थितियों के कारण हो सकती है। इनमें ये कारण और जोखिम कारक शामिल हो सकते हैं
- दमा
- एलर्जी
- क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी)
- गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी)
- धूम्रपान
- गले के विकार, जैसे छोटे बच्चों में ऊपरी श्वसन प्रणाली का संक्रमण (क्रुप)
- कुछ दवाएं
अब हम पुरानी खांसी में नजर आने वाले लक्षणों की बात करेंगे।
- पुरानी सूखी खांसी
- सीने में जलन
- उल्टी
- नाक का बहना
- गले में खराश
- घरघराहट
- सांस लेने में परेशानी
- एंटीहिसटामाइन– पुरानी खांसी की दवा के रूप में एंटीहिसटामाइन को लिया जा सकता है। यह दवा खांसी की समस्या से निपटने में मददगार साबित हो सकती है। यह दवाई खांसी को दबाने का काम करती है, जिससे खांसी कम हो सकती है।
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड- अस्थमा के उपचार में इस दवाई का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दवाई अस्थमा से होने वाली खांसी से राहत दिलाती है और श्वसन नलियों की अतिसक्रियताको कम करती है। ब्रोन्कियल हाइपरस्प्रेसनेंसी का संबंध अस्थमा से होता है।
- एंटीबायोटिक्स- अगर पुरानी खांसी का कारण बैक्टीरिया, फंगल या माइकोबैक्टीरियल संक्रमण है, तो डॉक्टर इसे दूर करने के लिए एंटीबायोटिक दवा दे सकते हैं।
पुरानी खांसी के लक्षणों को घरेलू उपचार की मदद से कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आप इन घरेलू सामग्रियों का उपयोग कर सकते हैं।
सामग्री:
- दो चम्मच शहद
- एक चम्मच नींबू का रस
- सबसे पहले शहद और नींबू के रस को अच्छे से मिला लें।
- फिर इसे पी लें।
- इस मिश्रण को दिन में तीन बार पी सकते हैं।
पुरानी से पुरानी खांसी का इलाज शहद का उपयोग कर किया जा सकता है। शहद के सेवन से खांसी में कुछ कमी आती है, जिससे मरीज चैन की नींद सो सकता है। इस काम में शहद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुण मदद करते हैं। एंटीमाइक्रोबियल गुण संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने में भी मदद कर सकता है। इससे होने वाले अन्य जोखिम से बचा जा सकता है ।
सामग्री:
- एक चम्मच बारीक कटा हुआ अदरक
- आधा चम्मच सूखा पुदीना
- दो चम्मच शहद
- एक गिलास पानी
उपयोग की विधि:
- एक बर्तन में पानी डालकर उसमें अदरक और पुदीना मिला लें।
- फिर इसे कुछ मिनट तक उबालें।
- उसके बाद हल्का गुनगुना होने पर इसमें शहद मिलाएं।
- फिर इस मिश्रण को पीने के लिए उपयोग करें।
- इसे दिन में दो से तीन बार पी सकते हैं।
पुरानी खांसी का घरेलू उपचार अदरक के जरिए किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन से पता चलता है कि खांसी और श्वसन संक्रमण (रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन) के इलाज में अदरक का लाभकारी प्रभाव नजर आ सकता है। । ऐसे में कहा जा सकता है कि अदरक पुरानी खांसी की दवा के तौर पर काम कर सकता है।
सामग्री:
- एक चम्मच काली मिर्च पाउडर
- दो चम्मच शहद
- एक गिलास पानी
उपयोग की विधि:
- सबसे पहले पानी को हल्का गर्म करें और उसमें काली मिर्च पाउडर व शहद को मिलाएं।
- फिर उसे लगभग 5 से 10 मिनट के लिए ढक दें।
- इसके बाद चाय को कप में छान कर पी सकते हैं।
- इस चाय को प्रतिदिन दो बार पिया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद:
पुरानी खांसी के उपाय में काली मिर्च को हर्बल दवा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस बात की पुष्टि करने के लिए किए गए एक शोध में बताया गया है कि काली मिर्च स्वास्थ्य सुधार के लिए प्राकृतिक दवाई के रूप में काम करती है, जो कई शारीरिक समस्या से छुटकारा दिला सकती है। इनमें खांसी की समस्या भी शामिल है। इसके अलावा, यह सर्दी और गले के रोग को भी ठीक कर सकती है, जो खांसी का कारण बन सकती है। खांसी की समस्या से निजात दिलाने में काली मिर्च में पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुण अहम भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे में इस अध्ययन के आधार पर काली मिर्च को पुरानी खांसी का आयुर्वेदिक इलाज माना जा सकता है।
सामग्री:
- एक चम्मच हल्दी
- एक गिलास दूध
उपयोग की विधि:
- सबसे पहले दूध को हल्का गर्म करें, फिर उसमें हल्दी पाउडर मिला लें।
- हल्दी के दूध में अच्छे से मिलने के बाद इसे पी सकते हैं।
- इसे हर रात को सोने से पहले पी सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद:
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, हल्दी में करक्यूमिन होता है। इसलिए, हल्दी और दूध के मिश्रण को खांसी व श्वास संबंधी रोगों के लिए एक अच्छा इलाज माना जा सकता है । वहीं, एक दूसरे वैज्ञानिक शोध में दिया हुआ है कि हल्दी में खांसी को ठीक करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सकीय (थेराप्यूटिक) प्रभाव पाया जाता है। इसलिए, कहा जा सकता है कि पुरानी खांसी के उपाय में हल्दी भी शामिल है। फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध की जरूरत है, ताकि पता चल सके कि यह किस तरह काम करता है।
खांसी की समस्या में कुछ चीजों से बचना चाहिए। ये खांसी की समस्या को बढ़ा सकती है।
अगर किसी को खांसी की समस्या है, तो उन्हें इन चीजों को करने से बचना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो इससे खांसी की समस्या बढ़ सकती है।
- धूम्रपान से दूर रहें।
- रात के समय ठंडे फल का सेवन न करें।
- खांसी की समस्या होने पर मीठी चीजों के सेवन से बचें।
- इस दौरान आइसक्रीम या कोल्डड्रिंक का सेवन न करें।
- अधिक मसालेदार या तले हुए भोजन का सेवन न करें।
- खांसी की समस्या में कुछ गर्म खाने के बाद तुरंत ठंडा पानी न खाएं।
नीचे और जानकारी है
अब हम आपको पुरानी खांसी की परेशानी रात में क्यों बढ़ जाती है, इसके बारे में बताएंगे।
अधिकतर मामलों में रात के समय खांसी वाले रोगियों में खांसी की समस्या बढ़ जाती है। इसका कारण यह है कि रात के समय गले में ज्यादा सूखापन महसूस होता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि दिन के समय हमारा शरीर ज्यादा सक्रीय होता है, जिस कारण कफ जमा नहीं हो पता। साथ ही अगर कफ बनता भी है, तो उसे आसानी से बाहर निकाल दिया जाता है। वहीं, रात को सोते समय ऐसा नहीं होता, जिस कारण खांसी की समस्या बढ़ जाती है। फिलहाल, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
आइए, जानते हैं कि पुरानी खांसी के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए।
अगर खांसी से पीड़ित व्यक्ति में नीचे दी गई कोई भी समस्या नजर आए, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें
- सांस लेने में तकलीफ होने पर।
- चेहरे व गले में सूजन या निगलने में तकलीफ महसूस होने पर।
- खांसी के साथ मुंह से खून निकलने पर।
- दिन प्रतिदिन खांसी के बढ़ने पर।
- खांसी के साथ-साथ बुखार का आना।
- मुंह से निकलने वाले कफ के रंग में परिवर्तन के साथ ही गाढ़ा और दुर्गंध आना।
अगर किसी को खांसी की समस्या है, तो उसके पुरानी खांसी बनने तक इंतजार न करें। इसलिए, खांसी का जल्द से जल्द इलाज करवाएं। इस लेख में ऊपर बताए गए घरेलू नुस्खे खांसी को ठीक करने में काम आ सकते हैं। अगर आपके आसपास किसी को पुरानी खांसी है, तो उनके साथ इस आर्टिकल को जरूर शेयर करें। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे इस लेख में बताई गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
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