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चिकनगुनिया से होने वाले जोड़ों के दर्द का इलाज घरेलू आयुर्वेदिक उपचारों से किया जा सकता हैं। चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है जो मच्छरों द्वारा फैलती है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, मतली और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं। इसकी महामारी कई जगह पर फैली हुई है, यह आम तौर पर घातक नहीं है लेकिन इससे हमारे शरीर के जोड़ों में बहुत अधिक दर्द होता है। यदि चिकनगुनिया का इलाज समय पर नहीं हुआ तो चिकनगुनिया का दर्द आपके शरीर को कमजोर बना सकता है। आइये चिकनगुनिया जोड़ों के दर्द घरेलू उपचार को विस्तार से जानते हैं।
चिकनगुनिया का घरेलू उपचार गाय के दूध के साथ अंगूर – चिकनगुनिया में जोड़ों के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार में गाय का दूध और अंगूर बहुत ही लाभकारी होते हैं। अंगूर में फेनोलिक यौगिक में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल गुण मौजूद होते हैं, जो चिकनगुनिया के गंभीर लक्षणों जैसे दर्द और बुखार से राहत देता है। चिकनगुनिया के लक्षण को कम करने के लिए आप कुछ अंगूर खाएं और साथ में गाय का दूध पियें। आप इसे दिन में एक या दो बार कर सकते हैं।
चिकनगुनिया वायरस क्या है
चिकनगुनिया का कोई इलाज नहीं है और इसके प्रभाव बेहद तकलीफदेह हो सकते हैं। आप चिकनगुनिया जोड़ों के दर्द के घरेलू उपचार के लिए निम्न उपाय को अपना सकते है जो आपको चिकनगुनिया के लक्षण से काफी राहत देंगे।
चिकनगुनिया से होने वाले जोड़ों के दर्द का इलाज और घरेलू उपचार
चिकनगुनिया जोड़ों के दर्द घरेलू उपचार पपीता के पत्ते – चिकनगुनिया और डेंगू जैसे संक्रमणों में रक्त प्लेटलेट्स (blood platelet) संख्या अत्यधिक प्रभावित होती है। पपीते के पत्ते का सेवन रक्त प्लेटलेट्स संख्याओं को बढ़ाने में मदद करता है, इस प्रकार शरीर को संक्रमण से बचाने में सहायता प्रदान करता है। पपीते की पत्ती का अर्क चिकनगुनिया का कारण बनने वाले मच्छरों के लार्वा के खिलाफ लार्विसाइडल गुण भी रखता है। इसका उपयोग करने के लिए आप 7-8 ताजे पपीते के पत्ते लें और इसके बीचे के शिरा को हटा कर पत्तों को धो लें। अब इन पत्तों का पेस्ट बनाये और इसे पतला करने के लिए इसमें थोड़ा पानी मिला लें। अब इस पेस्ट को छान कर लुगदी को हटा दें। शेष बचे रस को आप हर तीन घंटे में दो बड़े चम्मच पिएं। इसे 2-3 दिन तक पीते रहें।
चिकनगुनिया जोड़ों के दर्द का उपचार लहसुन का पेस्ट – लहसुन का इस्तेमाल अक्सर जोड़ों के दर्द से राहत के लिए किया जाता है। जब बाहरी रूप से लगाया जाता है, तो यह दर्द और सूजन को कम करता है और रक्त परिसंचरण में भी सुधार करता है। चिकनगुनिया में जोड़ों के दर्द का उपचार करने के लिए 10-12 लहसुन लौंग को लें और लहसुन को छीलकर काट लें। अब पेस्ट बनाने के लिए इसे पानी के साथ पीस लें। चिकनगुनिया में जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए इस पेस्ट को प्रभावित जोड़ों पर लगाएं और कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। आप दिन में दो बार लहसुन का पेस्ट लगाएं।
चिकनगुनिया का आयुर्वेदिक इलाज हल्दी – हल्दी कई प्रकार के रोगों के लिए प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक हैं। हल्दी भारत में भी एक लोकप्रिय मसाला है। हल्दी में कर्क्यूमिन (curcumin) होता है जो एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लामेट्री गुणों को प्रदर्शित करता है। इसलिए चिकनगुनिया के लक्षणों को ठीक करने के लिए हल्दी को एक प्रभावी घरेलू उपचार माना जाता है। चिकनगुनिया से होने वाले जोड़ों के दर्द का इलाज के लिए आप आधा चम्मच हल्दी पाउडर ले और उसको एक गिलास हल्के गर्म दूध में अच्छी तरह से मिला लें। अब आप एक-एक गिलास इस दूध को सुबह और रात में सोने से पहले पियें।
चिकनगुनिया जोड़ों का दर्द इलाज नारियल पानी – चिकनगुनिया के इलाज के लिए नारियल पानी पीना सबसे अच्छा घरेलू उपचार है क्योंकि यह रोगियों के लिवर को डिटॉक्स करके तेजी से ठीक करने में मदद करता है। नारियल पानी में उपस्थित मैंगनीज जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है क्योंकि यह एक एंटी इन्फ्लामेट्री एजेंट के रूप में कार्य करता है। चिकनगुनिया में जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए दिन में 3-4 गिलास नारियल पानी पिएं। आप इस घरेलू उपचार को कुछ दिनों के लिए दोहराएं।
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