खाने में नमक ज़्यादा हो जाए तो खाने का मज़ा खराब हो जाता है और यही नमक अगर शरीर में ज़्यादा हो जाए तो सेहत का सत्यानाश कर डालता है. तेज़रफ़्तार महानगरीय जीवन में कामकाजी लोग घर से बाहर अधिक समय व्यतीत करते हैं. ऐसे में बाहर का खाना एक मजबूरी बन गया है. होटल-रेस्टोरेंट के खाने में नमक और मसाला हमेशा तेज़ ही होता है. रेहड़ी-पटरी वालों के छोले-भठूरे, चाट-पापड़ी, गोलगप्पे, चाउमीन, ब्रेडपकोड़ा जैसी चीज़ों पर भी ऊपर से नमक और मसाला छिड़क कर दिया जाता है.
पहले ये चीज़ें कभी-कभी का शौक होता था, मगर अब रोज़ का मामला हो गया है. लंच टाइम में ब्रेडपकोड़ा या चाउमीन मंगवा ली, छोले भठूरे ख़ा लिए या रेस्टोरेंट से थाली आर्डर कर दी. शाम के वक़्त गोलगप्पे और चाट पापड़ी के ठेलों पर लगी भीड़ देखिए, लोग चटपटा खाने पर टूटे पड़ते हैं. भैया, मसाला ज़रा तेज़ रखना . भैया, नमकीन चटनी तो डालो. मोटी-मोटी औरतें और युवतियां गोलगप्पे वाले से नमकीन चटपटा पानी अलग से पिलाने की गुहार लगाती दिखाई देती हैं, बिना ये सोचे कि आप चटपटा पानी नहीं बल्कि ज़हर पी रही हैं
जब उन्हें इस बात का अंदाजा हो जाएगा कि उन के कारण उन के बच्चों की जान को भी खतरा है तो शायद तब वे जरूरी एहतियात बरतें. वे भीड़भाड़ वाली जगह पर काम करते हैं तो उन से कहिए कि वे हर समय मास्क पहने रखें और हाथ सैनिटाइज करते रहें. उन्हें यह भी सलाह दीजिए कि हो सके तो अलग बैठ कर खाना खाएं और जिन लोगों के साथ काम करते हैं उन्हें भी ये बातें बताएं व थोड़ी दूरी बना कर रखें.
काला जीरा खाने से मुंह से आने वाली बदबू भी कम हो जाती है। काला जीरा शरीर के किसी भी हिस्से के दर्द के लिए उपयोगी होता है।ये मौसम बदलने के दौरान होने वाले सर्दी-जुकाम में भी फायदेमंद है। ये मौसम में आए बदलाव के साथ शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। सर्दी-खांसी, नाक बंद होना और सांस लेने में होने वाली तकलीफ के दौरान काले जीरे का सेवन करने से फायदा होता है।काले जीरा से पाचन तंत्र की बीमारियों जैसे पेट के कैंसर या कैंसर की रोकथाम में इलाज संभव है।
जीरे में आयरन भरपूर मात्रा में होता है जिससे यह खून की कमी यानी एनीमिया को दुरुस्त करता है और रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है।
यह शरीर में ऑक्सीजन का सभी हिस्सों में पहुंचना सुचारु करता है। दमे के मरीजों को इसके भरपूर लाभ मिलते हैं। इसमें थायमोक़्यीनॉन नामक एक खास तत्व होता है जो दमे को रोकने बहुत कारगर है।
हमारे शरीर में विभिन्न कारणों से गंदगी आ जाती हैं जिन्हें शरीर पसीने और फुंसियों के रूप में बाहर निकालता है। जीरे का नियमित इस्तेमाल शरीर की शोधन करने की प्रक्रिया को तेज करता है और गंदगी मुंहासों और फुंसियों के तौर पर बाहर नहीं आती। आपकी त्वचा साफ और सुंदर बनी रहती है।
जीरे में विटामिन ई भरपूर मात्रा में होता है जिससे यह त्वचा को स्वस्थ रखने में बहुत कारगर होता है। इसमें प्राकृतिक तेल होने के साथ साथ एंटी फंगल गुण होते हैं जिनसे त्वचा इंफेक्शन से बची रहती है। इसमें त्वचा संबंधी बीमारियों जैसे एग्ज़िमा और सोराइसिस को ठीक करने के गुण होते हैं। जीरा पाउडर को आप अपने फेसपैक में भी मिला सकते हैं। इसमें पाया जाने वाला विटामिन ई त्वचा पर होने वाले उम्र के असर को कम करता है।
जीरे के उपयोग से बना फेसपैक बहुत फायदेमंद होता है। इसे हल्दी के साथ मिक्स करके बनाया जाता है। जीरा पावडर और हल्दी को शहद के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर सूखने तक रखना होता है। इससे त्वचा नर्म और उजली बनती है। जीरे के उपयोग से रूसी से भी छुटकारा पाया जा सकता है। इसे आप अपने तेल में थोड़ा गर्म करके इस गुनगुने तेल से सिर पर मसाज कीजिए और रूसी से छुटकारा पा लीजिए।
ये गर्भवती महिलाओं में प्रसव पूर्व स्वास्थ्य में सुधार लाने में अत्यधिक सहायक होता है. काला जीरा उच्च आयरन कंटेंट होने की वजह से दूध उत्पादन प्रदान करके स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए उपयोगी है.
काला जीरा सांस की बीमारियों जैसे ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है.
काला जीरा दस्त और कब्ज के समय पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है
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पुरुषों की कमजोरी मिटाने के देसी तरीके
मूसली काली और सफेद दो तरह की होती है। सफेद मूसली काली मूसली से अधिक गुणकारी होती है और वीर्य को गाढ़ा करने वाली होती है। मूसली का 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और शरीर में काम-उत्तेजना की वृद्धि होती है।
शरीर की शिथिलता को दूर करने के लिए Norogi Safed Musli Capsule बहुत ही कारगर होती है, इससे हर तरह की कमज़ोरी को दूर किया जा सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल बहुत सारी दवाइयों को बनाने के लिए भी किया जाता है। सफेद मूसली के सेवन से आपको कई सारे फायदे देखने को मिल सकते है।
पुरुषों के लिए सफेद मूसली बहुत ही लाभकारी होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल के सेवन से पुरुषों की शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल को Chlorophytum (क्लोरोफ़ायटम) कहा जाता है। यह एक प्रकार का पौधा है, जिसके अंदर छोटे सफ़ेद फूल होते है। यह विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए लाभदायक होती है जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो और कामेच्छा कम होती है।
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