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गोक्षुरादि चूर्ण (Gokshuradi Churna) के सेवन से शरीर पुष्टि तथा वीर्य की वृद्धि होती है। यह स्तंभक भी है। गोक्षुरादि चूर्ण के समस्त पदार्थ शरीर पोषक, शोधक (शरीर को शुद्ध करनेवाले), वर्धक, वीर्य उत्पादक, वीर्यस्तंभक, वीर्य में शीत (ठंडा) और पाक में मधुर है। इसके सेवन से मूत्र स्वच्छ और निर्विकार आता है। दुर्बलता दूर होती है। क्षीणता नष्ट होती है और स्तंभनशक्ति बढ़ती है।
मात्रा: 3 से 6 ग्राम सुबह-शाम दूध के साथ।
गोक्षुरादि चूर्ण के नाम से भी जाना जाता है। इस चूर्ण के सेवन से शारीरिक कमज़ोरी जड़ से ठीक हो जाती है और दुबला पतला कमजोर व्यक्ति भी लंबे समय तक बलवान बन जाता है। आयुर्वेद में भी इसके चूर्ण को बड़ा महत्व दिया जाता है। बता दें कि, खिरैटी कई पौष्टिक गुणों से भरपूर होता है, जो हमारे शरीर में होने वाली कई तरह की कमियों की पूर्ति करते हुए हमें तंदुरुस्त रखने में मदद करता है। आमतौर पर यह बीज मध्य प्रदेश के खेतों के आसपास लगा मिल जाता है। इसके अलावा ये बीज आसानी से किसी भी पंसारी की दुकान पर मिल जाता है। आइये जानते हैं खिरैटी से होने वाले फायदों और उन्हें इस्तेमाल करने के तरीके के बारे में…।
-शरीर में शक्ति स्फूर्ति बढ़ाए
शरीर में कम ताकत होने पर खिरैंटी के बीजों को पकाकर खाने से शरीर में ताकत बढ़ जाती है। या खिरैंटी की जड़ की छाल को पीसकर दूध में उबालें। इसमें घी मिलाकर पीने से शरीर में शक्ति का विकास होता है।
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-बवासीर में लाभकारी
अतिबला के पत्तों को पानी में उबालकर उसे अच्छी तरह से मिलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में उचित मात्रा में ताड़ का गुड़ मिलाकर पीयें। इससे बवासीर में लाभ होता है।
-रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
अतिबला के बीज 4 से 8 ग्राम सुबह-शाम मिश्री मिले गर्म दूध के साथ खाने से कमज़ोरी को समाप्त करने में पूरा लाभ होता है।
-पेट की समस्या
अतिबला के पत्तों को देशी घी में मिलाकर दिन में 2 बार पीने से पित्त के उत्पन्न दस्त की समस्या में तेजी से लाभ मिलता है।
-बार-बार पेशाब आना
खरैटी की जड़ की छाल का चूर्ण यदि चीनी के साथ सेवन करें तो पेशाब के बार-बार आने की बीमारी से छुटकारा मिलता है।
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गोक्षुरादि चूर्ण पुरुषों में बढ़ाए लो स्पर्म काउंट
पुरुष निःसंतानता के अंर्तगत आने वाली समस्या लो स्पर्म काउंट को ठीक करने के लिए गोक्षुरादि चूर्ण रामबाण की तरह काम करता है. जो पुरुष लो स्पर्म की समस्या के कारण पिता नहीं बन पाते हैं, उन्हें गोक्षुरादि चूर्ण को दूध के साथ लेने की सलाह आयुर्वेदिक चिकित्सक देते हैं. शतावर और गोखरू को एक साथ लेने से इनफर्टिलिटी की समस्या दूर हो जाती है. इसमें स्पर्म की क्वालिटी और स्पर्म की क्वांटिटी दोनों को ठीक करने का गुण होता है और पुरुषों की शरीरिक क्ति में वृद्धि भी करता है. इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या करे दूर.
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पुरुषों की कमजोरी मिटाने के देसी तरीके
मूसली काली और सफेद दो तरह की होती है। सफेद मूसली काली मूसली से अधिक गुणकारी होती है और वीर्य को गाढ़ा करने वाली होती है। मूसली का 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और शरीर में काम-उत्तेजना की वृद्धि होती है।
शरीर की शिथिलता को दूर करने के लिए Norogi Safed Musli Capsule बहुत ही कारगर होती है, इससे हर तरह की कमज़ोरी को दूर किया जा सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल बहुत सारी दवाइयों को बनाने के लिए भी किया जाता है। सफेद मूसली के सेवन से आपको कई सारे फायदे देखने को मिल सकते है।
पुरुषों के लिए सफेद मूसली बहुत ही लाभकारी होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल के सेवन से पुरुषों की शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल को Chlorophytum (क्लोरोफ़ायटम) कहा जाता है। यह एक प्रकार का पौधा है, जिसके अंदर छोटे सफ़ेद फूल होते है। यह विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए लाभदायक होती है जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो और कामेच्छा कम होती है।
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