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कई बार ऐसा होता है कि बहुत प्रयास करने के बाद भी कोई काम नहीं बनता और यदि बन भी जाता है तो बनते-बनते बिगड़ जाता है। सफलता आते-आते आपके हाथों से फिसल जाती है। आखिर इसके पीछे कुछ तो कारण होगा?
माना जाता है कि पितृदोष, कालसर्प दोष और ग्रह-नक्षत्रों के बुरे प्रभाव के कारण कभी कोई सुख प्राप्त नहीं होता, तो कभी देवी-देवताओं के प्रति किए गए अपराध के चलते भी दुखों और समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह सब ठीक होने के बावजूद कभी-कभी वास्तुदोष के कारण भी व्यक्ति समस्याओं से घिरा रहता है।>
उपरोक्त कारणों के चलते व्यक्ति कर्ज में डूब जाता है, संतान सुख चला जाता है, गृहकलह बढ़ जाती है, धन-समृद्धि भी साथ छोड़ देती है, दरिद्रता पीछे लग जाती है, रोग और शोक भी परेशान करते रहते हैं। इस तरह की अन्य कई समस्याओं से व्यक्ति घिर जाता है।> आपके जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या हो और बिगड़े काम नहीं बन रहे हो तो ज्योतिषियों द्वारा बताए गए अद्भुत उपाय अपनाएं और बिगड़े काम बनाएं। विदेश यात्रा में अड़चन, उन्नति में रुकावट, धन प्राप्ति में कठिनाई, विवाह में विलंब आदि सभी तरह के कार्यों के समाधान के लिए यहां प्रस्तुत हैं ऐसे ही कुछ उपाय या टोटके जिसको करने से सभी तरह की सम्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है।
गाय, कुत्ते, कौवे, पक्षी, चींटी को रोटी खिलाएं : प्रतिदिन गाय, कुत्ते, कौवे, पक्षी व चींटी को रोटी खिलाएं, आपके बिगड़े काम बनने लगेंगे। इससे सभी तरह की समस्याओं का समाधान होगा।
गाय में सकारात्मक ऊर्जा का भंडार होता है। घर के आसपास गाय होने का मतलब है कि आप सभी तरह के संकटों से दूर रहकर सुख और समृद्धिपूर्वक जीवन जी रहे हैं। गाय को प्रतिदिन भोजन कराने से घर में धन-समृद्धि और शांति बढ़ती है। गाय को खिलाने से घर की पीड़ा दूर होगी।
कुत्ता आपको राजा से रंक और रंक से राजा बना सकता है। कुत्ते को खिलाने से दुश्मन आपसे दूर रहेंगे। कुत्ते को प्रतिदिन भोजन देने से जहां दुश्मनों का भय मिट जाता है, वहीं व्यक्ति निडर हो जाता है। कुत्ता पालने से लक्ष्मी आती है और कुत्ता घर के रोगी सदस्य की बीमारी अपने ऊपर ले लेता है। पितृ पक्ष में कुत्तों को मीठी रोटी खिलानी चाहिए।
कौवे को भोजन कराने से सभी तरह का पितृ और कालसर्प दोष दूर हो जाता है। कौवे को भोजन कराने से अनिष्ट व शत्रु का नाश होता है। शनि को प्रसन्न करना हो तो कौवों को भोजन कराना चाहिए।
पक्षी को खिलाने से व्यापार-नौकरी में लाभ होता है, घर में खुशियां बढ़ती हैं और व्यक्ति समृद्धि के द्वार खोल देता है। इसके अलावा चींटी को शकर मिलाकर आटा खिलाने से कर्ज समाप्त होगा और मछली को खिलाने से समृद्धि बढ़ेगी। समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए कबूतरों को चावल डालें, बाजरा शुक्रवार को खरीदें व शनिवार से डालना शुरू करें।
गृहकलह से बचने के लिए : घर के पूजा स्थान पर घी का दीपक जलाएं। कपूर और अष्टगंध की सुगंध प्रतिदिन घर में फैलाएं। गुरुवार और रविवार को गुड़ और घी मिलाकर उसे कंडे पर जलाएं, इससे भी सुगंधित वातावरण होगा।
रात्रि में सोने से पहले घी में तर किया हुआ कपूर जला दें। इसे तनावमुक्ति होगी और गहरी नींद आएगी। शरीर को हमेशा सुगंधित और साफ-सुथरा बनाए रखें।
महीने में 2 बार किसी भी दिन घर में उपले जलाकर लोबान या गूगल की धूनी देने से घर में ऊपरी हवा का बचाव रहता है तथा बीमारी दूर होती है, साथ ही गृहकलह भी शांत हो जाता है।
सुगंध हमारी भावनाओं से जुड़ा हुआ और बहुत हद तक यह हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करता है। सुगंधित वातावरण बना रहने से मस्तिष्क प्रसन्नचित्त और शांत रहता है जिसके चलते घर में गृहकलह नहीं होती है। सुगंध से वास्तुदोष का निवारण भी होता है।