फूड पॉइजनिंग से काफी सारे लोग परेशान रहते हैं, इसकी वजह से उनके लिए अपने सामान्य काम करना भी मुश्किल हो जाता है।
हालांकि, वे इससे छुटकारा पाने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं, लेकिन फिर उनकी यह परेशानी जड़ से खत्म नहीं हो पाती है।
ऐसे में यह सवाल ज़रूर मन में आता है कि आखिरकार फूड पॉइजनिंग बार-बार क्यों हो जाती है और क्या इसका कारण सही इलाज न कराना है।
यदि आप या आपकी जान-पहचान में कोई शख्स पेट की समस्या से परेशान हैं तो आपको इस लेख को ज़रूर पढ़ना चाहिए क्योंकि इसमें हमने फूड पॉइजनिंग से जुड़ी आवश्यक जानकारी दी है, तो आप सभी के लिए उपयोगी साबित होगी।
क्या है फूड पॉइजनिंग?
फूड पॉइजनिंग से तात्पर्य ऐसी स्थिति है, जो खराब भोजन करने की वजह से होती है। इसे विषाक्त भोजन के नाम से भी जाना जाता है।
कुछ लोगों में यह समस्या जल्द ही ठीक हो जाती है, तो वही कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें इसकी वजह से फिजिकल प्रॉब्लम होती है।
फूड पॉइजनिंग के लक्षण क्या हैं?
किसी भी व्यक्ति को फूड पॉइजनिंग की समस्या हो सकती है, जिसके कुछ लक्षण हो सकते हैं।
अत: यदि किसी व्यक्ति को ये 5 लक्षण नज़र आए तो उसे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि इस समस्या को सही समय को रोका जा सके-
- पेट दर्द होना- फूड पॉइजनिंग की शुरूआत पेट दर्द से होती है।
कुछ लोगों को पहली नज़र में यह सामान्य पेट दर्द लग सकता है लेकिन किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
- बुखार होना- पेट दर्द के अलावा फूड पॉइजनिंग का लक्षण बुखार होना भी हो सकता है। इसी कारण, किसी भी व्यक्ति को इसे नज़रअंदाज़ नहीं कराना चाहिए और तुरंत अपनी सेहत की जांच करानी चाहिए।
- उल्टी होना- यदि किसी शख्स को बार-बार उल्टी होती है, तो उसे इसकी सूचना अपने डॉक्टर को देनी चाहिए क्योंकि यह फूड पॉइजनिंग का लक्षण हो सकता है।
- सिरदर्द होना- फूड पॉइजनिंग के ऐसे बहुत सारे मामले देखने को मिलते हैं, जिनमें इसकी शुरूआत सिरदर्द से होती है।
अत: सभी लोगों के लिए सिरदर्द होने पर डॉक्टर से संपर्क करना लाभदायक साबित होता है। - कमज़ोरी महसूस होना- फूड पॉइजनिंग का अन्य लक्षण कमज़ोरी महसूस होना भी है। यदि किसी व्यक्ति को अचानक से कमज़ोरी महसूस होने लगी है तो उसे इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और इसकी सूचना अपने डॉक्टर को देनी चाहिए।
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फूड पॉइजनिंग के कारण क्या होते हैं?
यदि कोई व्यक्ति निम्नलिखित स्थितियों से पीड़ित है, तो उसे फूड पॉइजनिंग हो सकती है-
- बैक्टीरिया के संपर्क में आना- फूड पॉइजनिंग का प्रमुख कारण बैक्टीरिया के संपर्क में आना है।
हालांकि, इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाइयों के खाने से संभव है, लेकिन फिर भी हम सभी को अपनी सेहत का विशेष ध्यान देना चाहिए।
- खराब भोजन करना- ऐसा माना जाता है कि हमारे खान-पान का हमारी सेहत पर काफी असर पड़ता है।
यह बात फूड पॉइजनिंग पर भी लागू होती है क्योंकि इसके होने का मुख्य कारण खराब भोजन करना भी है।
- पेट संबंधी दिक्कत होना- यदि किसी व्यक्ति को पेट संबंधी कोई दिक्कत जैसे कब्ज, गैस इत्यादि हैं, तो उसे फूड पॉइजनिंग होने की संभावना काफी ज्यादा रहती है।
- कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता का होना- फूड पॉइजनिंग होने की संभावना उस व्यक्ति में काफी ज्यादा रहती है, जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity power) कमजोर होती है।
- जेनेटिक कारण होना- ऐसी बहुत सारी बीमारियाँ हैं, जिनके होने का कारण जेनेटिक होता है।
इनमें फूड पॉइजनिंग भी शामिल है इसलिए यदि किसी व्यक्ति के परिवार में फूड पॉइजनिंग की बीमारी रहती है, तो उसे अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
फूड पॉइजनिंग का इलाज कैसे किया जा सकता है?
हालांकि, फूड पॉइजनिंग कुछ समय गंभीर रूप ले लेती है और इसकी वजह से लोगों को हेल्थ संबंधी काफी सारी परेशानियां भी होती है, लेकिन इसके बावजूद राहत की बात यह है किसी भी अन्य बीमारी की तरह फूड पॉइजनिंग का भी इलाज संभव है।
यदि कोई व्यक्ति फूड पॉइजनिंग से पीड़ित है, तो वह इसके लिए इन 4 तरीकों को अपना सकता है-
- दवाई लेना- फूड पॉइजनिंग का इलाज कराने का सबसे आसान तरीका दवाई लेना है।
ये दवाइयां इसे जल्द से जल्द ठीक करने में सहायक साबित होती हैं।
- ओ.आर.एस पीना- दवाई लेने के अलावा फूड पॉइजनिंग के इलाज में ओ.आर.एस पीना भी लाभदायक साबित हो सकता है।
चूंकि, फूड पॉइजनिंग के दौरान मानव-शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसी कमी को दूर करने में ओ.आर.एस सहायता करता है। - सादा भोजन खाना- फूड पॉइजनिंग होने का प्रमुख कारण खराब भोजन या मसालेदार भोजन करना है।
इसी कारण, फूड पॉइजनिंग से पीड़ित व्यक्ति को इस तरह के भोजन से परहेज करना चाहिए और सादा भोजन ही करना चाहिए। - वीन कराना- जैसा कि हम सभी यह जानते हैं कि फूड पॉइजनिंग के होने पर हमारे शरीर से तरल पदार्थ काफी अधिक मात्रा में निकल जाता है, जिसकी वजह से हमें काफी कमज़ोरी महसूस होती है।
इस स्थिति को सुधारने में वीन (vein) सहायक साबित होता है, जिससे हमें थोड़ी राहत मिलती है और हम फूड पॉइजनिंग से जल्दी ठीक हो जाते हैं।
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फूड पॉइजनिंग में कौन-से घरेलू नुस्खे अपनाने चाहिए?
आमतौर पर, किसी भी बीमारी के लिए घरेलू नुस्खों को सबसे बेहतर विकल्प समझा जाता है क्योंकि इनका मानव-शरीर पर कोई साइड-इफेक्ट्स नहीं पड़ता है।
यह बात फूड पॉइजनिंग पर भी लागू होती है इसलिए इससे पीड़ित व्यक्ति निम्नलिखित घरेलू नुस्खों को अपनाकर इससे निजात पा सकता है-
- सिरके का इस्तेमाल करना- फूड पॉइजनिंग के इलाज में सिरके का इस्तेमाल करना काफी अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
कुछ अध्ययनों से यह बात स्पष्ट है कि सिरके से फूड पॉइजनिंग में आराम मिलता है।
- अदरक का रस पीना- अक्सर, फूड पॉइजनिंग का इलाज अदरक का रस पीकर भी किया जा सकता है।
- दही का इस्तेमाल करना- यदि कोई व्यक्ति फूड पॉइजनिंग से परेशान है, तो उसे दही का इस्तेमाल करना चाहिए।
दही उसके पेट में ठंढक पहुँचाकर इस बीमारी को जल्दी से ठीक करने में सहायता करती है।
- नींबू पानी पीना- दही का इस्तेमाल करने के अलावा फूड पॉइजनिंग में नींबू पानी पीना भी बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
- केला खाना- केले को पेट के लिए अच्छा माना जाता है।
अत: फूड पॉइजनिंग के इलाज में केला खाना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
आज के दौर में, शुद्ध भोजन और साफ पानी मिलना काफी मुश्किल होता है।
इसकी वजह से हम सभी को न चाहते हुए मिलावटी भोजन और पानी पीना पड़ता है, जिसकी वजह से काफी सारी बीमारियों के होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
इनमें फूड पॉइजनिंग सबसे प्रमुख बीमारी है, जिसमें लोगों को पेट संबंधी समस्याओं जैसे दस्त या डायरिया इत्यादि का सामना करना पड़ता है।
यदि फूड पॉइजनिंग का इलाज समय तक न किया जाए तो यह पाचन तंत्र को खराब कर सकता है।
इस प्रकार, हमें उम्मीद है कि आपके लिए इस लेख में दी गई जानकारी फायदेमंद साबित होगा।
बार-बार पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)
Que 1. फूड पॉइजनिंग में किस तरह का भोजन करना चाहिए?
Ans – यदि किसी व्यक्ति को फूड पॉइजनिंग है, तो उसे सादा भोजन जैसे दलिया, खिचड़ी इत्यादि का ही सेवन करना चाहिए।
Que 2. फूड पॉइजनिंग की रोकथाम कैसे की जा सकती है?
Ans – फूड पॉइजनिंग की रोकथाम निम्नलिखित कदमों से संभव है – खान-पान का ध्यान रखना, एक्सराइज़ करना, हेल्थचेकअप कराना, इत्यादि
Que 3. इस बात का कैसे पता लगाया जा सकता है कि हमें फूड पॉइजनिंग है या फिर पेट वायरस?
Ans – हालांकि, पेट वायरस के लक्षणों को पनपने में थोड़ा लग सकता है और फूड पॉइजनिंग के लक्षण जल्द ही नज़र आ जाते हैं।
लेकिन, फूड पॉइजनिंग जल्द ही ठीक हो जाता है, लेकिन पेट वायरस काफी लंबे समय तक रहता है।
इसी कारण, यदि किसी व्यक्ति को काफी लंबे समय तक पेट दर्द है, जो किसी भी दवाई लेने से ठीक नहीं होता है, तो उसे इसकी सूचना अपने डॉक्टर को देनी चाहिए।
Que 4. फूड पॉइजनिंग से ठीक होने में कितना समय लगता है?
Ans – आमतौर पर, फूड पॉइजनिंग से पूरी तरह से ठीक होने में 1 से 5 दिनों का समय लग सकता है। लेकिन, बच्चे, गर्भवती महिला, 60 साल से अधिक लोग इत्यादि को फूड पॉइजनिंग से काफी परेशानी हो सकती हैं।
इसी कारण, इन लोगों को इस दौरान अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
Que 5. क्या फूड पॉइजनिंग से सिरदर्द हो सकता है?
Ans – चूंकि, फूड पॉइजनिंग से व्यक्ति को कमज़ोरी या शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
इसी कारण, फूड पॉइजनिंग सिरदर्द का कारण बन सकता है।
इसके अलावा, यदि किसी व्यक्ति को उल्टी या डायरिया है, तो उसे सिरदर्द हो सकता है।
Que 6. फूड पॉइज़निंग के कारण क्या है?
Ans – फूड पॉइज़निंग मुख्य रूप से खराब खान-पान करने, बैक्टीरिया के संपर्क में आने, जेनेटिक कारण इत्यादि की वजह से हो सकता है।
Que 7. फूड पॉइज़निंग का इलाज कैसे किया जा सकता है?
Ans – फूड पॉइज़निंग का इलाज ओ.आर.एस का सेवन करके, दवाई खाकर, अधिक मात्रा में पानी पीकर, सादा भोजन करके इत्यादि के द्वारा किया जा सकता है।
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