अलसी का तेल फ्लैक्ससीड ऑयल (Flaxseed Oil) के नाम से जाना जाता है। सेहतमंद रहने और याद्दाश्त बढ़ाने के लिए अलसी के बीज का सेवन किया जाता है। अलसी के तेल के स्वास्थ्य लाभ कई सारे है।
अलसी का तेल बहुत सारे गुणों से भरपूर होता है। अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड, मैग्नीशियम और विटामिन-बी पाया जाता है जो आपके दिमाग के लिए फायदेमंद है।
अलसी के तेल का इस्तेमाल तेजी से वजन घटाने में किया जाता है। अलसी के तेल का सेवन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है। यह पाचन को दुरुस्त रखता है। अलसी का तेल गठिया में फायदेमंद है।
अलसी का तेल के फायदे : सूजन को कम करने में मदद करें: अलसी का तेल शरीर के सूजन को कम करने में मदद करता है। शरीर के अंदर और बाहर किसी भी तरह की सूजन को कम करने के लिए रोजाना अलसी के तेल का सेवन करना चाहिए। अलसी में म्यूसिलेज पाया जाता है जो शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। यह आपके शरीर के सूजन को कम करता है।
गठिया के रोग को दूर करने में फायदेमंद: गठिया रोग हड्डियों से जुडा हुआ होता है तो अलसी के तेल का इस्तेमाल करने के लिए काफी लाभदायक है। अगर आप नियमित तौर पर अलसी के तेल का सेवन करते हैं तो गठिया की बीमारी से राहत मिल सकती है। अलसी के तेल में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो आर्थराइटिस जैसी बीमारी को दूर रखता है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने में फायदेमंद: कोलेस्ट्रॉल के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। अलसी का तेल आपके लिए फायदेमंद है। अलसी के तेल में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए असरदार है। यह बेड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है।
पाचन में है असरदार: हमारे शरीर में ज्यादातर बीमारियाँ हमारे पाचन तंत्र को खराब कर सकता है। अगर आप अलसी के तेल का सेवन रोजाना करते है तो आपका पाचन अच्छा होता है। अलसी के बीज और तेल में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो गैस और कब्ज की समस्या को दूर करता है।
वजन घटाने में मददगार: वजन बढ़ने से काफी परेशानी होती है। अलसी का तेल अच्छा साबित हो सकता है। वजन घटाने के लिए अलसी में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो फैट बर्न करने में मदद करता है। पेट की चर्बी कम करने के लिए अलसी के बीज का तेल फायेदमंद होता है।
बालों के लिए फायदेमंद: बालों के लिए अलसी के बीज फायदेमंद है। स्वस्थ और हेल्दी बालों के लिए विटामिन और खनिज का सेवन करना बहुत जरूरी है क्योंकि अलसी के तेल में काफी मात्रा में तत्व होते है। अलसी के तेल में ओमेगा 3 फैटी एसिड के अलावा विटामिन और खनिज पाए जाते हैं जो बालों को बेहतर बनाता है।
स्तनों का आकार क्यों बढ़ता है?
कई महिलाऐं स्तन के आकार को बढ़ाने के लिए ब्रेस्ट इम्प्लांट सर्जरी करवाती हैं। लेकिन, कुछ महिलाओं के स्तन नैचुरली बढ़ते है। किसी शारीरिक विषमता की वजह से स्तन का आकार बढ़ सकता है। स्तनों का आकार बढ़ने के लिए कुछ कारक जिम्मेदार है।
हार्मोनल बदलाव: हार्मोनल बदलाव स्तनों के बढ़ने का एक कारण है, जिसका परिणाम स्तनों के आकार का बढ़ना है। जब अंडाशय (Ovary) परिपक्व होते हैं और एस्ट्रोजेन का स्राव ज्यादा होता है तब स्तनों का आकार बढ़ता है। हार्मोनल अस्थिरता के कारण मासिक धर्म चक्र(Menstrual Cycle), गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति (Menopause) के दौरान स्तनों के आकार में वृद्धि होती है, या यदि आप महिलाओं से संबंधित समस्याओं जैसे पी.सी.ओ.एस. आदि से पीड़ित है तब भी स्तनों का आकार बढ़ सकता है। एस्ट्रोजन युक्त गर्भ निरोधकों का नियमित सेवन करने से भी स्तनों का आकार बढ़ सकता है।
वजन बढ़ना: वजन बढ़ना भी स्तनों के आकार को बढ़ाने का कारण हो सकता है क्योंकि स्तन केवल फैटयुक्त टिश्यू से बने होते हैं क्योंकि वजन बढ़ने से रोकने के लिए स्वस्थ आहार का सेवन करें और नियमित रूप से व्यायाम करें।
जेनेटिक कारण: ऐसी महिलाऐं, जिनकी हिस्ट्री में स्त्रियों के स्तन बड़े होते है, उनके स्तन बड़े आकार के हो सकते हैं, क्योंकि इन मामलों में जीन अहम भूमिका निभाते है। स्तन का आकार किसी भी तरफ से वंशानुगत हो सकता है।
गाँठ: गाँठ बनने पर स्तन एक आकार से बड़े हो सकते हैं। यह गाँठ हानिकारक अथवा हानिरहित दोनों हो सकते है।
अदरक वाली चाय : अदरक की चाय खांसी और जुकाम ठीक करती है। यह आपकी मेटाबॉलिक दर को तेज भी करती है। जो आपके स्तन के आकार को कम करता है।
अदरक की चाय बनाने की विधि: अदरक का एक छोटा टुकड़ा पीसें। इसे एक कप पानी में उबालें। इसे छानकर एक चम्मच शहद मिलाए। इसे गुनगुना करके पिएँ। इसे दिन में दो-तीन बार पिएँ।
यह मेटाबॉलिक दर बढ़ाने में मदद करें। जिसके परिणामस्वरूप फैट कम होने लगता है। स्तन ज्यादातर फैटयुक्त टिश्यू से बनते है, जिससे फैट को कम करने से स्तन का आकार कम होता है।
ग्रीन-टी: ग्रीन टी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और यह वजन घटाने में सहायक होते है।
ग्रीन-टी बनाने की विधि: सबसे पहले एक कप पानी उबालें फिर गैस को बंद करके उसमे एक चम्मच ग्रीन-टी डालें। 2-3 मिनट के लिए इसे ढक्कन से ढकें। फिर इसे छाने और इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं।
अलसी के बीज: अलसी के बीज स्तन के आकार को कम करने में मदद करते हैं। यह शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं जिससे वजन घटता है और यह आपके स्तन के आकार को भी कम करता है।
अलसी के बीज का इस्तेमाल कैसे करें: सबसे पहले एक चम्मच अलसी पीसें फिर एक गिलास पानी उबालें इसमें पीसी हुई अलसी मिलाए और इसे पी लें। आप पानी में 1-2 चम्मच अलसी का तेल मिलाकर भी पी सकते है। आप इसे रोज सुबह खाली पेट लें सकते है।
नीम और हल्दी का काढ़ा: यह आपके स्तन के आकार को कम करने में मदद करता है।
नीम और हल्दी का काढ़ा बनाने की विधि: नीम की पत्तियों को धोकर उन्हें 4-5 कप पानी में उबालें। और तब तक उबालें जब तक पानी आधा ना हो जाए। इसे छाने और 2 चम्मच हल्दी पाउडर और 1 चम्मच शहद मिलाकर पिएँ। इसे 2-3 महीनों तक लगातार पिएँ।
मैथी दाना:
मेथी में औषधीय गुण होने के अलावा, यह आपकी त्वचा को सुद्रण करने में मदद करता है।
मैथी दाने का इस्तेमाल कैसे करें: मैथी के दानों को 5-6 घंटे के लिए भिगोएं फिर इसे थोड़ा पानी मिलाकर पीसें और इसका पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को अपने स्तनों पर लगाएं। इसे सूखने दें। कुछ देर बाद इसे धोएं।
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