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अंजीर एक ऐसा ड्राई फ्रूट है जो डायबिटीज (Diabetes) का खतरा कम करने के साथ ही स्मोकिंग की लत छुड़ाने में भी मददगार होता है. इसके अन्य लाभ और उपयोग की विधि यहां बताई गई है.
अंजीर एक ड्राई फ्रूट यानी सूखा मेवा (Dry fruits) है, जिसका उपयोग सदियों से हमारे पूर्वज शरीर को मजबूत बनाने (Improve Physical Strength) और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने (Increase Immunity) सहित कई बीमारियों के इलाज में भी करते आए हैं. अंजीर शरीर को निरोग रखने में कैसे सहायक है और इसका सेवन कब करना चाहिए (How To Use Fig), कितनी मात्रा में करना चाहिए, जैसे सभी जरूरी प्रश्नों के उत्तर यहां दिए जा रहे हैं…
अंजीर का उपयोग आज की जनरेशन के लिए उतना कॉमन नहीं रह गया है, जितना पुराने समय में दादी-नानी इसको यूज किया करती थीं. अंजीर (Fig) शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए बहुत अधिक प्रभावी होता है. यह एकदम किसी आयुर्वेदिक औषधि की तरह शरीर पर असर दिखाता है.
अंजीर खाने के फायदे
- अंजीर भले ही स्वाद में मीठा होता है लेकिन यह शुगर की बीमारी होने से रोकने में सहायक है. क्योंकि इसमें सॉल्यूबल फाइबर पाए जाते हैं, जो कार्ब्स के पाचन को धीमा करके ब्लड में शुगर की मात्रा को बढ़ने नहीं देते हैं.
- अंजीर में आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसलिए यह महिलाओं के लिए बेहद जरूरी ड्राइफ्रूट है. हर महिला को अंजीर का सेवन करना चाहिए. खासतौर पर प्यूबर्टी की ऐज और पीरियड्स शुरू होने के बाद तो हर बच्ची की डेली डायट में अंजीर जरूर शामिल होना चाहिए.
गिलोय का पाउडर
गिलोय का वैज्ञानिक नाम टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया है और इसे अमरता की जड़ के रूप में जाना जाता है। पौधे की पत्तियां ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में प्रमुख भूमिका निभाती हैं। प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह एक बेहतरीन जड़ी बूटी है। इसके एंटीऑक्सिडेंट गुण हानिकारक मुक्त कणों से लड़ते हैं। यह एक नैचुरल एंटी-डायबिटीज दवा है जो चीनी की लालसा को दबाती है। इसके अलावा, यह अग्न्याशय के बीटा कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाती है। यह रक्त में इंसुलिन और ग्लूकोज को कंट्रोल रखती है। गिलोय पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में भी मदद करता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में महत्वपूर्ण है। आप गिलोय पाउडर या जड़ी बूटी की पत्तियों और छाल को पानी में डालकर सुबह जल्दी पी सकते हैं।
- जिन्हें शारीरिक कमजोरी रहती है, उन्हें भी हर दिन अंजीर का सेवन करना चाहिए. क्योंकि यह पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, कॉपर और ऐंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है.
- अर्ली एजिंग के साइन रोकने में भी अंजीर बहुत प्रभावी है क्योंकि यह शरीर के ऑक्सिडेशन की प्रक्रिया को धीमा करता है. साथ ही विटामिन-ए और ऐंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होने के कारण यह अर्ली एजिंग साइन्स को हावी होने से रोकता है.
- स्मोकिंग की लत को कंट्रोल करने में भी अंजीर बहुत लाभकारी होता है. क्योंकि इसमें क्षारीयता (alkalinity) प्रचुर मात्रा में होती है, जो निकोटिन की ललक को शांत करने में सहायक होती है.
अंजीर खाने की सही विधि क्या है?
- अंजीर की तासीर बहुत गर्म होती है, इसलिए इसका सेवन हमेशा ही दूध के साथ करना चाहिए.
- एक बार में अंजीर के सिर्फ एक ही पीस का सेवन करना चाहिए. बच्चों को इसका आधा पीस ही देना चाहिए.
- वयस्क एक दिन में अधिकतम अंजीर के दो पीस का सेवन करें. खासतौर पर तब जब आप अंजीर अपनी डेली डायट में शामिल करना चाह रहे हैं.
- अंजीर को धोने के बाद इसे आधा से एक घंटे के लिए दूध में भिगोकर रख दें. फिर दूध को अच्छी तरह पकाएं और गुनगुना (Lukewarm) होने पर दूध पी लें और अंजीर को अच्छी तरह चबाकर खाएं.
- अंजीर को सॉफ्ट करने के लिए आप चाहें तो इसे धोने के बाद रात को सोने से पहले दूध में भिगोकर फ्रिज में रख दें और सुबह गर्म करके दूध पिएं और अंजीर का सेवन करें.
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