एल्कोहल इंटॉक्सिकेशन (Alcohol Intoxication) एक ऐसी स्थिति को कहते हैं जो अधिक शराब के सेवन की वजह से होती है। किसी भी व्यक्ति द्वारा शराब का अधिक मात्रा में सेवन उसे एल्कोहल इंटॉक्सिकेशन की स्थिति में ले जा सकता है। ज्यादा शराब पीने की वजह से पैदा होने वाली यह समस्या जानलेवा होती है, इस स्थिति में उचित इलाज न मिलने पर व्यक्ति की जान भी जा सकती है। शराब के सेवन वैसे भी स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है लेकिन अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने से जान जाने की भी नौबत आ सकती है। लंबे समय से ज्यादा शराब पीने वाले लोगों को अक्सर एल्कोहल इनटॉक्सिकेशन का शिकार होते देखा गया है। एल्कोहल इंटॉक्सिकेशन की स्थित में शरीर का तापमान बढ़ जाना, ह्रदय की गति का रुकना और सांस लेने में दिक्कतें पैदा होती हैं जिसकी वजह से व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं एल्कोहल इनटॉक्सिकेशन के बारे में।
एल्कोहल इंटॉक्सिकेशन ऐसी स्थिति है जब ज्यादा शराब पीने की वजह से शराब का नशा बेकाबू हो जाता है। ऐसी स्थिति को डॉक्टर मेडिकल इमरजेंसी भी मानते हैं, एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस स्थिति में अगर उचित समय पर सही इलाज नही मिला तो व्यक्ति कोमा में जा सकता है या फिर उसकी मौत भी हो सकती है। एल्कोहल इंटॉक्सिकेशन जहरीली या नकली शराब पीने से भी हो सकता है। जब कोई भी व्यक्ति अधिक मात्रा में शराब का सेवन करता है तो उसके शरीर में इथेनॉल के अणु इकट्ठा होने लगते हैं जो शरीर के अंगों और कोशिकाओं को गंभीर नुकसान पहुचाते हैं।
एल्कोहल इंटॉक्सिकेशन के लक्षण
कम समय में शराब का ज्यादा नशा होना एल्कोहल इंटॉक्सिकेशन कहलाता है। आमतौर पर यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब कोई व्यक्ति ज्यादा शराब पी लेता है। किसी भी व्यक्ति द्वारा अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन करने पर यह स्थिति पैदा होती है और इसे जानलेवा भी माना जाता है। वैसे तो अलग-अलग व्यक्तियों में इसके लक्षण भी अलग-अलग ही होते हैं, लेकिन एल्कोहल इंटॉक्सिकेशन के कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।
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- बोलने में परिवर्तन
- आत्मविश्वास में वृद्धि
- अति उत्साह
- मेमोरी लॉस
- नजर का कमजोर होना
- बेहोशी
- शारीरिक संतुलन खोना
- आक्रामकता
- तेजी से उल्टी का होना
- दिल का दौरा
- चेहरे का रंग बदलना
- कुछ मामलों में मृत्यु जैसी स्थिति
एल्कोहल इंटॉक्सिकेशन के कारण
शराब में इथेनॉल (एथिल एल्कोहल) के रूप में मौजूद होता है, कम समय में ज्यादा शराब पीने से इथेनॉल पेट और आंतों से होकर खून में मिल जाता है। किसी भी व्यक्ति द्वारा खाली पेट अधिक मात्रा में शराब पीने पेर एथिल एल्कोहल तेजी से शरीर में फैलता है और यह इथेनॉल गामा-अमीनोब्यूट्रिक एसिड की मात्रा शरीर में बढ़ाने का काम करता है। शरीर में गामा-अमीनोब्यूट्रिक एसिड की मात्रा बढ़ने से मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर का संतुलन बिगड़ जाता है। इसकी वजह से शरीर पर दिमाग का कंट्रोल धीरे-धीरे कम हो जाता है। कम समय में शराब का अधिक सेवन ऐसी स्थिति पैदा करता है, उदहारण के लिए अगर 1 घंटे के भीतर कोई भी व्यक्ति 3-4 गिलास शराब का सेवन कर लेता है तो ऐसी स्थिति उत्पन्न होने का ख़तरा बढ़ जाता है। शराब का अधिक सेवन दिमाग में न्यूरोट्रांसमीटर के संतुलन को बिगाड़ने का काम करता है और फिर शरीर में तमाम तरह के बदलाव दिखने शुरू हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में शरीर का संतुलन, ह्रदय गति, ब्लड प्रेशर, बोलने की क्षमता, प्रजनन आदि प्रभावित होते हैं। कुछ लोगों को शराब तेजी से असर करती है वहीं कुछ लोग इससे धीरे-धीरे प्रभावित होते हैं, इसके पीछे कई कारण माने जाते हैं।
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- शराब में एल्कोहल की मात्रा
- दवाओं के साथ शराब का सेवन
- शराब पीने की क्षमता
एल्कोहल इंटॉक्सिकेशन का इलाज
एल्कोहल इंटॉक्सिकेशन एक ऐसी स्थिति है जिसमें उचित समय पर इलाज न मिलने की वजह से व्यक्ति कोमा में जा सकता है या फिर उसकी मृत्यु भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में चिकित्सक सलाह देते हैं कि व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए। इस स्थिति से जुड़े तमाम घरेलू उपचार के मिथ भी हैं लेकिन एल्कोहल इंटॉक्सिकेशन की स्थिति में उचित इलाज ही एकमात्र बचाव माना गया है। डॉक्टर्स के मुताबिक अगर किसी भी व्यक्ति को शराब का अधिक नशा हो गया है तो चिकित्सक के पास ले जाने से पहले उसे पानी पिलाने की कोशिश करनी चाहिए। अगर व्यक्ति होश में है तो उसका हौसलाअफजाई भी करना चाहिए अन्यथा ऐसी स्थिति में डर की वजह से व्यक्ति को अटैक भी आ सकता है। डॉक्टर्स ऐसे व्यक्ति का ट्रीटमेंट लक्षणों के आधार पर करते हैं। शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए सबसे पहले पीड़ित व्यक्ति को तरल पदार्थ या पानी का डोज भी शरीर में दिया जाता है। शरीर से शराब को निकालने के लिए उल्टी आदि भी कराई जाती है। उचित समय पर सही इलाज मिलने से व्यक्ति जल्दी स्वस्थ हो जाता है।
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हमें उम्मीद है कि एल्कोहल इंटॉक्सिकेशन (Alcohol Intoxication) के कारण, लक्षण और उपचार पर आधारित इस आर्टिकल से आपको महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी। शराब के अधिक सेवन से बचें, एल्कोहल इंटॉक्सिकेशन से सम्बंधित कोई भी लक्षण दिखने पर चिकित्सक से जरूर संपर्क करें। इस मामले में लापरवाही जानलेवा हो सकती है।
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