ब्रुक्सिज्म दांतों का एक ऐसा विकार है जिसमें दोनों जबड़ों के दांत आपस में पिसते या रगड़ खाते हैं। यह समस्या आमतौर पर रात के समय होती है। इसे हिंदी में दांत पीसना कहा जाता है। ब्रुक्सिज्म सामान्य विकार है, जो तनाव या चिंता और शरीर में पसीना आने जैसे कारणों द्वारा 31% से अधिक वयस्कों को प्रभावित कर रहा है। यह रोग कुछ न्यूरोलॉजिकल (मानसिक) विकारों से भी संबंधित है। दांत पीसना कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट या दंत चिकित्सा के नाकारात्मक प्रभाव के कारण भी हो सकता है।
जब दांत पीसने का विकार पुराना हो जाता है, तब इसके कारण दांतों में दर्द होना शुरू हो सकता है। इससे दांतों की ऑक्लुसल सतह (दांतों की पीसने या चबाने वाली सतह) के कमजोर होने के साथ-साथ दांतों की प्रतिरक्षा शक्ति में कमी आ सकती है। दांत पीसने का रोग जबड़े के दर्द को भी जन्म दे सकता है, जब ऐसा होता है, तो दांतों से चबाने की क्षमता या चबाने की ताकत में कमी आ जाती है। इस रोग की वजह से स्लीप पैटर्न (नींद के समय) में गड़बड़ी और चेहरे पर दर्द होने की संभावना बढ़ जाती है।
तनाव प्रबंधन, शराब पीने से छुटकारा और धूम्रपान को रोकना ब्रुक्सिज्म से बचने के कुछ उपाय हैं। दांत पीसने की स्थिति में दर्द को कम करने और चिंता का प्रबंधन करने के लिए इंट्राओरल डिवाइसेस, स्प्लिंट थेरेपी, ऑर्थोडॉन्टिक ट्रीटमेंट, पेशेंट एजुकेशन (मरीज को शिक्षा) और फ़ार्माकोलॉजिकल थेरेपी की मदद से इसका इलाज किया जा सकता है।
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दांत पीसने के कारण – Bruxism (Teeth Grinding) Causes in Hindi
ब्रुक्सिज्म क्यों होता है?
निचले जबड़े पर ऊपर से नीचे की ओर सीधा और एक साइड से दूसरी साइड पर जरूरत से ज्यादा बल लगना ब्रुक्सिज्म का प्राथमिक कारण है। भोजन चबाने और निगलने के दौरान, निचले जबड़ों पर भोजन चबाने वाले बल आमतौर पर ऊपर से नाचे की ओर सीधी दिशा में होता है जो दांतों के काम करने के अनुसार होता है। लेकिन ब्रुक्सिज्म रोग के दौरान, इन बलों की स्थिति में वृद्धि होती है और वे एक साइड से दूसरी साइड पर लगने लगते हैं। जब दांतों पर लगने वाला बल ऊपर से नीचे होने के साथ ही एक साइड से दूसरी साइड में सामान्य स्थिति से ज्यादा शिफ्ट हो जाता है, तो इन बलों को पीरियडोंटल फाइबर (एक समय के बाद दांतों के ठहरने की स्थिति) द्वारा सहन नहीं किया जाता और पीरियडोंटल फाइबर खत्म हो जाता है जिससे दांतों में गति (पीसना) जैसे लक्षण पैदा होते हैं।
इसके अलावा ब्रुक्सिज्म के दौरान, चबाने वाली मांसपेशियों का निरंतर संकुचन होता है, जो प्रभावित क्षेत्र में रक्त के प्रवाह और ऑक्सीजन को कम करता है, इससे दर्द होना शुरू होता है। क्लेंचिंग के दौरान, जबड़े के सुरक्षात्मक न्यूरोमस्कुलर बलों पर भी प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण मांसपेशियां प्रभावित होती हैं। मांसपेशियों के सिकुड़ने से दांतों में निम्नलिखित प्रभाव हो सकते हैं:
एक्युट ट्रामा:
यह जबड़े पर झटका या चोट के रूप में होगा, जो दुर्घटना या गिरने के कारण हो सकता है।
क्रोनिक ट्रामा:
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क्रॉनिक आघात जबड़े पर बार-बार लगने वाली बलों यानि दांतों के लगातार आपस में पीसने के कारण होता है, इससे दांतों का आपस में सामान्य स्थिति की तुलना में जल्दी- जल्दी एक-दूसरे के संपर्क में आने से कुछ दांतों की जगह बदल जाती है।
मनोवैज्ञानिक कारक:
नींद में कमी के सबसे सामान्य कारणों में से एक भावनात्मक तनाव या आघात की उपस्थिति है। ऐसे व्यक्ति जो चिंता या अवसाद के से पीड़ित हैं, उनमें दूसरों की तुलना में ब्रुक्सिज्म होने की संभावना अधिक होती है।
दांत पीसने का उपचार – Bruxism (Teeth Grinding) Treatment in Hindi
लक्षणों की सही जानकारी न होने के कारण ब्रुक्सिज्म लंबे समय तक रहता है, इसमें मरीज को सुबह को जबड़े में दर्द या सिरदर्द जैसे मामूली लक्षणों का भी अनुभव होता है। ऐसी स्थिति में यह अनुमान लगाया जाता है कि आप जल्द से जल्द दंत चिकित्सक की तलाश करें और आपका दंत चिकित्सक निम्नलिखित उपचारों की मदद से स्थिति का प्रबंधन कर सकता है:
समय के साथ-साथ की जाने वाली एडजस्टमेंट (Occlusal adjustments):
ब्रुक्सिज्म के लक्षणों से संबंधित किसी भी तरह के विकारों का जल्द से जल्द उपचार किया जाना चाहिए। समय से पहले जबड़े की स्थिति में दांतों के संपर्क को रोकने के लिए आपके डेंटिस्ट द्वारा कोरोनोप्लास्टी की जा सकती है।
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इंट्राओरल स्प्लिंट डिवाइसेस (Intraoral splint devices):
स्प्लिन्ट डिवाइसेस का उपयोग आमतौर पर दांत पीसने से रोकने के लिए किया जाता है। दांतों की संरचना को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए इन उपकरणों को भोजन चबाने वाली सतह पर पहना जाता है। आमतौर पर, ब्रुकिज्म के प्रबंधन के लिए पहले नरम स्प्लिन्ट और फिर उसके ऊपर हार्ड स्प्लिन्ट का उपयोग किया जाता है। स्प्लिंट डिवाइस हटाने योग्य हैं और दांतों की सतह को सही रखने के लिए रात के समय भी उपयोग किया जाता है। यह बढ़ी हुए मांसपेशियों की टोन को प्रबंधित करने वाली मैस्टिकेटरी (चबाने वाली) मांसपेशियों में तनाव को कम करता है। दिन की ग्राइंडिंग (पीस) को रोकने के लिए इंट्राओरल स्प्लिंट डिवाइस को दिन के समय में भी पहना जा सकता है।
दांत पीसने के नुकसान – Bruxism (Teeth Grinding) Complications in Hindi
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यदि दांत पीसना (ब्रुकसिज्म) को बिना इलाज किए छोड़ दिया जाए या फिर उपचार में देर की जाए तो यह मुंह की गंभीर समस्याओं, पीरियडोंटाइटिस (दांतों में प्रोटीन की कमी से संबंधित विकार) या दांत दर्द जैसी स्थितियों को जन्म दे सकता है। इसका सही समय पर इलाज न करने से दांतों का टूटना, दांत में दरारें और दांतों की संवेदनशीलता प्रभावित हो सकती है। समय के साथ ब्रुक्सिज्म जबड़े के दर्द, ऑर्थोडोंटिक (दांतों के फैलाव संबंधी) समस्याओं और टेम्पोरोमैंडिबुलर जोड़ों की समस्याओं (दांतो के जोड़ों/जबड़ों में दर्द संबंधी समस्या) का कारण भी बन सकता है।