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जोड़ों में लंबे समय से है दर्द, आयुर्वेद से जुड़े इन टिप्स को करें फॉलो
आजकल जोड़ों में दर्द ( Joints pain in youths ) की समस्या युवाओं में भी दिखने लगी है. इसके पीछे खराब खानपान, ( Wrong eating habits ) सीटिंग जॉब और फिजिकल एक्टिविटी न होना कारण हो सकते हैं. जोड़ों में दर्द की समस्या का इलाज वक्त रहते न किया जाए, तो ये आगे चलकर उम्र बढ़ने पर ये बड़ी समस्या बन सकती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस दिक्कत को नजरअंदाज करने से एक समय पर गठिया जैसी गंभीर समस्या हमें अपनी चपेट में ले लेती है. जोड़ों में दर्द के दौरान आपको दर्द ( Pain in joints ) के अलावा अचानक हिलने-ढुलने और जकड़न आदि महसूस हो सकती है. वहीं आयुर्वेद के मुताबिक इसके पीछे शरीर में विषाक्त पदार्थ के जमा होने पर ऐसा होता है.
कहते हैं कि लंबे समय तक शरीर में विषाक्त पदार्थों के जमा होने पर जॉइंट में दर्द होने लगता है. हालांकि, कुछ आयुर्वेदिक टिप्स को अपनाकर जोड़ों में दर्द की समस्या को काफी हद तक कम या खत्म किया जा सकता है. हम आपको इन्हीं आयुर्वेदिक टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं.
नमक का कम करें सेवन
भले ही नमक खाने का स्वाद दोगुना कर देता हो, लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन जोड़ों में दर्द ही नहीं शरीर में अन्य कई दिक्कतों को पैदा कर सकता है. कई लोगों की आदत होती है कि वे सब्जी या सालन में ऊपर से नमक डालकर खाते हैं. ऐसे लोगों को ज्यादा नमक खाना पसंद होता है. कुछ ऐसे भी होते हैं, जिन्हें खट्टी चीजों का अधिक मात्रा में सेवन करना बहुत पसंद होता है. ये तरीके ज्वाइंट्स में पेन का कारण बनते हैं. आयुर्वेद ही क्या एलोपैथिक डॉक्टर भी कम नमक खाने की सलाह देते हैं.
खराब लाइफस्टाइल
आयुर्वेद के मुताबिक अगर लाइफस्टाइल खराब है, तो ये जोड़ों में दर्द का कारण बन सकता है. आहार और विहार सही न होने पर शरीर में कई अन्य समस्याएं भी होने लगती है. आयुर्वेद के मुताबिक आपको बासी खाना बिल्कुल नहीं खाना है. कई लोगों को रात का खाना दिन में खाने की आदत होती है, जो उन्हें बहुत नुकसान पहुंचाती है. वहीं विहार की बात की जाए, तो इसमें देर तक जागना और फिर घंटों सोना जैसी बुरी आदतें शामिल हैं. ऐसी आदतों को तुरंत बदले, जो आपके आहार और विहार दोनों को प्रभावित करती हैं.
हेल्दी फैट लें
बाहर की चीजों को खाने से परहेज करने के अलावा ऐसी चीजों को खाएं, जिनमें हेल्दी फैट हो. इसमें घी, तिल का तेल और ऑलिव ऑयल शामिल हैं. इनसे बनने वाली चीजों को सीमित मात्रा में खाएं. हेल्दी फैट, जोड़ों को फिर से मजबूत बना सकता है. आप चाहे तो पैरों की मालिश भी कर सकते हैं. आयुर्वेद में मालिश को बहुत कारगर बताया गया है. इसके लिए आप तिल के तेल के अलावा अरंडी का तेल भी इस्तेमाल में ले सकते हैं. मालिश करने से हमारे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार आता है. ये तेल आपको रसोई में आसानी से मिल जाएंगे और इनसे की हुई मालिश आपको राहत दे सकती है.
अधिक जानकारी के लिए हमारे संपर्क सूत्र पर सम्पर्क करें- 74558 96433
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