आयुर्वेद में तुलसी का बहुत महत्व है, इसमें तो कोई संदेह नहीं है। लेकिन इसके सेवन का सही तरीका क्या है यह प्रश्न बार-बार उठता है। हम बता रहे हैं तुलसी के सेवन का सबसे फायदेमंद तरीका।
तुलसी आज से नहीं, बल्कि सदियों से पूजा जाने वाला पौधा है, भारतीय संस्कृति और सभ्यता में तुलसी के पौधे को पूजनीय दर्जा दिया गया है। यह तो बात हुई संस्कृति और सभ्यताओं की- अब तुलसी का उपयोग पूजा पाठ के अलावा आयुर्वेदिक रूप से तथा बीमारियों से बचने के लिए भी किया जाता है।
ब्लड शुगर लेवल से लेकर इम्युनिटी तक, तुलसी से असंख्य फायदे हैं। लेकिन उसके साथ ही तुलसी चबाने के कुछ नुकसान भी होते हैं।
तुलसी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जिसके कारण सर्दी-जुकाम से बचने के लिए तुलसी का उपयोग सदियों से होता आया है।
· तुलसी के यही एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुण तुलसी को सांसों की बदबू भगाने में भी कारगर बनाते हैं।
· तुलसी कार्ब्स और फैट के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है जो आपके ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है।
· पाचनतंत्र के लिए भी तुलसी बहुत फायदेमंद है। तुलसी एसिड रिफ्लक्स को संतुलित कर आपके पाचन को दुरुस्त करती है।
· इतना ही नहीं, विभिन्न स्टडीज में पाया गया है कि तुलसी का सेवन कैंसर की सम्भावना को कम करता है। खासकर ओरल और ब्रेस्ट कैंसर को काबू करने में तुलसी का बड़ा योगदान है।
लेकिन तुलसी चबाने के कुछ साइड इफेक्ट भी हाल ही के शोधों में सामने आये हैं, जिन पर एक नजर डालना आवश्यक है।
1. दांतों को पहुंचा सकती है नुकसान
तुलसी का सेवन चबा कर करने से दांतो के रंग पर असर पड़ता है। कई वैज्ञानिकों के अनुसार तुलसी की पत्तियों में मामूली मात्रा में आर्सेनिक होता है। अगर आप तुलसी को चबाते हैं, तो यह मुंह में मौजूद लार के तत्वों में घुल जाता है।
इनके कारण हमें दांतों में सड़न, मसूड़ों में परेशानी जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
2. गर्भवती महिलाओं को पहुंचाती है नुकसान
अगर आप गर्भवती है या स्तनपान करा रही है, तो तुलसी का सेवन बिलकुल न करें। हिमाचल फार्मेसी कॉलेज की स्टडी के अनुसार अगर आप तुलसी का सेवन करतीं हैं, तो आपके गर्भाशय में ऐस्ट्रागॉल की मात्रा बढ़ जाती है जिससे संकुचन की स्थिति पैदा हो जाती है और गर्भपात तक का भी खतरा हो सकता है।
3. लिवर पर दुष्प्रभाव पड़ता है
WHO के अनुसार जो व्यक्ति एस्टामिनोफेन जैसी दवाईयों का सेवन करते हैं साथ ही तुलसी का भी सेवन करते है तो इस आपके लिवर पर असर पड़ता है, जो आपके लिवर को नुकसान पहुंचता है।
4.फर्टिलिटी पर भी पड़ता है असर
तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से महिलाओं और पुरुषों में फर्टिलिटी यानी बच्चा पैदा करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है जिस कारण बांझपन आज सामान्य समस्या के रूप में उभर कर सामने आई है। तुलसी में प्रजनन संबंधी हॉर्मोन्स को कम करने की क्षमता होती है।
तुलसी का सेवन करना का सही तरीका
1. तुलसी की चाय
अदरक, इलायची की चाय तो सब ने पी होगी, परन्तु क्या आपने पी है तुलसी की चाय? तुलसी को चबाना विशेषज्ञों के अनुसार खतरनाक माना गया है। ऐसे में आप तुलसी का सेवन चाय के साथ करें। यह आपके स्वास्थ के लिये अति लाभकारी होगा और आपके इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करेगा।
2. तुलसी का काढ़ा
इस कोरोना काल में खुद को स्वस्थ रखना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, ऐसे में तुलसी का काढ़ा आपके स्वास्थ के लिए सबसे अधिक लाभकारी होगा।
किसी भी चीज की अति हमेशा नुकसानदायक होती है। ऐसे में तुलसी का अधिक सेवन आपके स्वास्थ के लिए हानिकारक हो सकता है और आपके पाचन शक्ति को भी कमजोर कर सकता है।
वज़न बढ़ान के लिए डायट में शामिल करें यह चीज़ें – हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डायट में कुछ खास चीज़ों को शामिल करने से वज़न आसनी से और हेल्दी तरीके से बढ़ाया जा सकता है।
केला – आपने अपने आसपास भी देखा होगा कि दुबले-पतले लोग जिन्हें वज़न बढ़ाना होता है वह केले और दूध का सेवन अधिक करते हैं वह इसलिए क्योंकि इससे शरीर को एनर्जी मिलती है और इसके नियमित सेवन से वज़न बढ़ता है। केले और दूध का एकसाथ सेवन करने से शरीर को ढेर सारे पोषक तत्वों की भी आपूर्ति होती है।
अंडा- आपने अक्सर देखा होगा कि जिम जाकर बॉडी बनाने वाले लोग अंडे का सेवन अधिक करते हैं। वह इसलिए क्योंकि अंडे में फैट और कैलोरी की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसमें प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में होता है। लेकिन उबला अंडा ही खाएं, कच्चा अंडा न खाएं।
किशमिश- किशमिश भी वज़न बढ़ाने में मदद करता है। आप चाहे तो किशमिश और अंजीर को रातभर पानी में भिगोकर भी खा सकते हैं। इससे वज़न जल्दी बढ़ेगा साथ ही आपको ढेर सारे पोषक तत्व भी मिलेंगे।
बादाम- रोजाना बादाम खाने से दिमाग तो तेज़ होता ही है साथ ही यह वज़न बढ़ाने में ङी सहायक है। 4-5 बादाम को रातभर भिगो लें और सुबह इसे पीसकर दूध में मिलाकर पीएं।
आलू- वज़न कम करने वालों को जहां आलू से परहेज़ करने की ज़रूरत है, वहीं जो लोग वज़न बढ़ाना चाहते हैं उन्हें अपनी डायट में आलू को ज़रूर शामिल करना चाहिए, लेकिन डायबिटीज़ के पेशेंट आलू से दूर ही रहें। आलू में कार्बोहाइड्रेट्स और कॉम्प्लेक्स शुगर का मात्रा अधिक होती है। इसले इसे रोजाना खाने से वज़न बढ़ाने में मदद मिलती है, लेकिन ध्यान रहे आलू को तलकर न खाएं इसकी जगह बेक्ड, ग्रिल या उबले आलू का सेवन करें।
वज़न बढ़ाने के लिए डायट और एक्सरसाइज़ के साथ ही सही समय पर सोना और समय पर नाश्ता और भोजन करना भी ज़रूरी है।
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पुरुषों की कमजोरी मिटाने के देसी तरीके
मूसली काली और सफेद दो तरह की होती है। सफेद मूसली काली मूसली से अधिक गुणकारी होती है और वीर्य को गाढ़ा करने वाली होती है। मूसली का 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और शरीर में काम-उत्तेजना की वृद्धि होती है।
शरीर की शिथिलता को दूर करने के लिए Norogi Safed Musli Capsule बहुत ही कारगर होती है, इससे हर तरह की कमज़ोरी को दूर किया जा सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल बहुत सारी दवाइयों को बनाने के लिए भी किया जाता है। सफेद मूसली के सेवन से आपको कई सारे फायदे देखने को मिल सकते है।
पुरुषों के लिए सफेद मूसली बहुत ही लाभकारी होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल के सेवन से पुरुषों की शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल को Chlorophytum (क्लोरोफ़ायटम) कहा जाता है। यह एक प्रकार का पौधा है, जिसके अंदर छोटे सफ़ेद फूल होते है। यह विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए लाभदायक होती है जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो और कामेच्छा कम होती है।
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