डिप्रेशन हमारे दिमाग का विकार है, जिसके कारण इंसान हमेशा उदासी महसूस करता है और किसी भी काम को करने में उसे रूचि नहीं रहती। डिप्रेशन की समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। आजकल की खराब लाइफस्टाइल और भागदौड़ भरी जिंदगी इसका मुख्य कारण है। डिप्रेशन के कारण इंसान की सोचने और समझने की क्षमता प्रभावित होती है, जिससे कई भावनात्मक और शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। इससे आपको दिन-प्रतिदिन की सामान्य गतिविधियों को करने में भी परेशानी हो सकती है। कभी-कभी आप महसूस करने लगते हैं , जैसे कि जीवन जीने लायक नहीं है। किसी भी उम्र के लोग डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं यानी बूढ़े, जवान से लेकर बच्चे भी इसका शिकार हो सकते हैं। जानते हैं इसके लक्षण और डिप्रेशन के घरेलू उपाय के बारे में।
डिप्रेशन के लक्षण
डिप्रेशन के घरेलू उपाय के बारे में जानने से पहले इसके लक्षणों के बारे में जान लें। डिप्रेशन के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:
- छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना, बेचैनी
- उदासी, अशांति, खालीपन या निराशा की भावना
- सामान्य कार्यों में भी रूचि न होना या खुशी न मिलना
- नींद न आना या बहुत अधिक नींद आना
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- थकावट और ऊर्जा में कमी, छोटे-छोटे कार्यों को करने में अधिक मेहनत लगना
- भूख और वजन में कमी होना या भूख या वजन का बढ़ना
- चिंता, उत्तेजना या बेचैनी
- सोचने, बोलने या कोई भी काम करने में समय लगना
- किसी भी कार्य के लिए अपने आप को अपराधी मानना
- ध्यान केंद्रित करने, निर्णय लेने और चीजों को याद रखने में समस्या होना
- मरने, खुदकुशी के ख्याल आना या खुदकुशी का प्रयास करना
- बिना मतलब के शारीरिक समस्याएं होना जैसे पीठ में दर्द या सिरदर्द
- डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को रोजाना के कार्य करने में समस्या होती है और वो बिना किसी कारण के ही दुखी रहते हैं
बच्चों या किशोरों में डिप्रेशन में लक्षण
बच्चों या किशोरों में डिप्रेशन होने पर इसके क्या लक्षण होते हैं, इसके बारे में जानें।
बच्चों और किशोरों में डिप्रेशन के लक्षण वयस्कों के जैसे ही होते हैं, लेकिन कुछ लक्षण अलग हो सकते हैं। जैसे:
छोटे बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण हैं- उदासी, चिड़चिड़ापन, चिंता, दर्द, स्कूल जाने से मना करना या उनके वजन का कम होना।
किशोरावस्था में यह लक्षण इस प्रकार के हो सकते हैं- उदासी, चिड़चिड़ापन, नकारात्मक होना, बिना मतलब गुस्सा, स्कूल में खराब प्रदर्शन, बेहद संवेदनशील महसूस करना, गैर- कानूनी दवाओं का सेवन या शराब पीना, अधिक खाना या बहुत अधिक सोना, खुद को नुकसान पहुंचाना, सामान्य गतिविधियों में रूचि कम होना या लोगों से मिलने से कतराना आदि।
अवसाद के पीछे क्या कारण हो सकते हैं?
डिप्रेशन या अवसाद के कारण काफी विस्तृत यानी काफी हो सकते हैं। इसके किसी खास या निश्चित कारण के बारे में नहीं कहा जा सकता है। जब भी कोई व्यक्ति किसी एक स्थिति, हालात, व्यक्ति या चिंता के बारे में काफी समय तक सोचता रहता है और उसे परमानेंट मानने लगता है, तो डिप्रेशन का कारण बन सकता है। लेकिन फिर भी एक्सपर्ट के मुताबिक, कुछ कारण डिप्रेशन की समस्या का विकास कर सकते हैं।
आनुवांशिक: अगर आपकी फैमिली में माता-पिता, दादा-दादी, भाई-बहन या किसी अन्य फैमिली मेंबर को डिप्रेशन की समस्या है या कभी हुई है, तो आपको इसके होने का काफी खतरा होता है।
ब्रेन केमिस्ट्री: जो लोग अवसाद के शिकार होते हैं, उनके दिमाग में हॉर्मोनल या कैमिकल बदलाव देखे गए हैं। जिसके कारण उनकी ब्रेन केमिस्ट्री सामान्य लोगों से अलग होती है।
स्थिति: अचानक किसी नकारात्मक या सदमा पहुंचाने वाली स्थिति डिप्रेशन का कारण बन जाती है। जिसमें ब्रेकअप, किसी का धोखा देना, मैरिज प्रॉब्लम्स, फैमिली प्रॉब्लम्स, किसी प्रियजन का खोना, फायनेंशियल इश्यूज आदि मुख्य हो सकते हैं।
डिप्रेशन के घरेलू उपाय
डिप्रेशन के घरेलू उपाय इस प्रकार हैं:
पौष्टिक भोजन
एनीमिया
केले के सेवन से बच्चों में एनीमिया जैसी बीमारियों के होने का ख़तरा बेहद कम हो जाता है। केले में मौजूद आयरन बच्चों के शरीर में हीमोग्लोबिन के निर्माण में अहम भूमिका अदा करता है।
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डिप्रेशन के घरेलू उपाय में है पौष्टिक आहार। कहा जाता है कि जो भी हम खाते हैं उसका प्रभाव हमारे तन और मन दोनों पर पड़ता है। प्राकृतिक और अनप्रोसेस्ड भोजन सही से पच जाता है, जो हमारे अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हुए एक संतुलित और स्थिर भावनात्मक जीवन में योगदान देता है। ऐसे में डिप्रेशन से बचने के लिए आप अपने आहार में साबुत अनाज, फल, सब्जियों , प्रोटीन और अच्छे वसा को शामिल करें। इसके साथ ही अधिक मिर्च मसाले, नमक, चीनी, तले-भुने खाने का हमारे दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जिससे चिंता , तनाव या अवसाद की भावना बढ़ती है।
इसके साथ ही आप निम्नलिखित पौष्टिक और एंटीऑक्सीडेंटस युक्त आहार को अपने आहार में शामिल करें:
बीटा-कैरोटीन: ब्रोकली, गाजर, कद्दू, पालक, शकरकंदी आदि।
विटामिन सी: ब्रोकली, कीवी, संतरा, आलू, टमाटर, स्ट्रॉबेरी आदि।
विटामिन ई: मेवे और बीज, वेजिटेबल ऑयल्स आदि।
कार्बोहायड्रेट: कार्बोहायड्रेट को दिमाग के केमिकल सेरोटोनिन से जोड़ा जाता है, जो दिमाग को शांत करता है। इसलिए अपने आहार में कार्बोहायड्रेट्स को भी शामिल करें, जैसे फल, सब्जियां, फलियां आदि।
प्रोटीन: प्रोटीन युक्त आहार जैसे बीन्स, मटर, लो फैट पनीर, मछली, दूध, सोया उत्पाद, दही आदि।
विटामिन B : विटामिन B युक्त आहार जैसे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, मेवे, मछली आदि।
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स : वैज्ञानिकों के मुताबिक जिन लोगों के खाने में ओमेगा 3 कम होता है। वो गंभीर दिमागी विकारों से गुजरते हैं। इसलिए ओमेगा-3 युक्त आहार का सेवन करें, जैसे फैटी फिश, केनोला ऑयल, सोयाबीन ऑयल, अखरोट, हरी सब्जियां आदि।
पर्याप्त नींद : डिप्रेशन के घरेलू उपाय में अगला उपाय है पूरी नींद लेना। स्वस्थ नींद संबंधी आदतें भी डिप्रेशन को दूर करने में प्रभावी है। रोजाना सोने और जल्दी उठने के समय को निर्धारित करें। याद रखें, नींद हमारे लिए आवश्यक है। लेकिन अधिक नींद नहीं। रात को 10 बजे से पहले सोएं और सुबह 6 बजे सूर्य उदय से पहले उठें। सुबह 6:00 बजे से अधिक समय तक सोने के कारण हमारे संचार के साधन अशुद्धियों से भर जाते हैं, जिससे हमारे शरीर में कई समस्याएं होती हैं और मन उदासीनता से भर जाता है।
योग, ध्यान और व्यायाम ध्यान करना डिप्रेशन से बचने का सबसे अच्छा तरीका है। ध्यान के तरीके आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं। इसके साथ ही व्यायाम करने से भी शारीरिक और दिमागी स्वास्थ्य सही रहता है। इससे स्ट्रेस लेवल कम होता है और अगर किसी को डिप्रेशन है, तो उसके लिए भी यह लाभदायक है। कुछ देर रोजाना व्यायाम करने से भी आपको लाभ होगा। आप इसके लिए योग का सहारा भी ले सकते हैं। योग शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है। योग की शुरुआत करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।
एल्कोहॉल या ड्रग्स लेने से बचें
एल्कोहॉल और ड्रग्स से डिप्रेशन के लक्षण बढ़ते हैं। अगर लम्बे समय तक ऐसा ही चलता रहे, तो इसके लक्षण बदतर हो सकते हैं। डिप्रेशन का इलाज मुश्किल हो सकता है। अगर आप एल्कोहॉल या किसी ड्रग का सेवन कर रहे हैं, तो उसे छोड़ दें और डॉक्टर की सलाह लें।
अवसाद दूर करने के लिए प्रियजनों से बात करें
आपके रिश्तेदार,दोस्त और प्रियजन डिप्रेशन की समस्या से आपको बाहर निकालने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसलिए उनके साथ रहें। ऐसे लोगों के साथ रहें, जो सकारात्मक हों। लोगों से मिले जुले। अकेले न रहें क्योंकि अकेले रहने से आपकी यह समस्या और भी बढ़ सकती है। आप किस लिए परेशान हैं, आपके मन और दिल में क्या है, यह बात अपने प्रियजनों या दोस्तों को अवश्य बताएं।
कैल्शियम- कैल्शियम की अच्छी मात्रा ओट्स में पाई जाती है यह बच्चों की हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
युवा हो या बूढ़े-बुजुर्ग हड्डी की कमजोरी किसी के लिए भी मुसीबत बन सकती है। इसके लिए रोजाना Joint Walker कैप्सूल हल्के गरम दूध रात के खाने के 1 घंटे बाद पियें। इससे हड्डियाँ मजबूत बनती हैं और हड्डी के दर्द आदि भी दूर होते हैं।
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वीर्य- स्पर्म बढ़ाने वाले फल
- अनार फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद है। इसके सेवन से वीर्य की गुणवत्ता बढ़ती है।
- केले में ब्रोमेलिन नामक एन्जाइम भी मिलता है जो सेक्स हार्मोन बढ़ाने में मदद करता है।
- तरबूज के सेवन से पुरुषों में फर्टिलिटी बढ़ती है। इसमें मिलने वाला लाइकोपिन फर्टिलिटी बढ़ाने का काम करता है।
- संतरा, मौसमी, किवी, अमरूद (खट्टे फल) विटामिन सी युक्त फल खाने से पुरुषों की फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद मिलती है।
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