ज्यादातर महिलाओं को पीरियड्स के दौरान तेज दर्द और चिड़चिड़ेपन की शिकायत रहती है. इस दर्द की वजह से किसी भी काम में मन नहीं लगता है और पूरी दिनचर्या बिगड़ जाती है. कुछ उपायों से इस दर्द से राहत पाई जा सकती है. आइए जानते हैं इनके बारे में.
हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें- ज्यादातर लोगों को लगता है कि पीरियड्स होने पर सिर्फ लेटने से ही आराम मिल सकता है लेकिन ये सही नहीं है. एक्सपर्ट का कहना है कि पीरियड्स के दौरान हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए. इससे शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन बनता है जो दर्द को प्राकृतिक तरीके से कम करके मूड को अच्छा बनाता है. इस समय योगा करना सबसे अच्छा होता है.
हीट थेरेपी लें- हीट थेरेपी पीरियड्स के दर्द में बहुत असरदार होता है. दर्द महसूस होने पर आप पीठ के निचले हिस्से या पेट पर हीटिंग पैड या गर्म पानी की थैली रखें, इससे आपको बहुत आराम मिलेगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि हीट ट्रीटमेंट ठीक पेनकिलर टेबलेट्स की तरह ही काम करता है.
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खूब पानी पिएं- पीरियड्स के दौरान खूब सारा पानी पिएं. इस दौरान शरीर में पानी की कमी से पेट में और दर्द होता है. इसके अलावा आप ऐसे फल और सब्जियां भी खाएं जिसमें पानी होता हो जैसे खीरा और तरबूज. इससे शरीर में पानी की कमी नहीं महसूस होगी.
मसाज थेरेपी- एसेंशियल ऑयल से पेट के चारों तरफ हल्के हाथ से मालिश करें. इससे पीरियड्स के दर्द में आराम मिलता है. पीरियड्स के दर्द में एसेंशियल ऑयल के इस्तेमाल पर 2012 में एक स्टडी भी की जा चुकी है. इसमें बताया गया है कि एसेंशियल ऑयल से मसाज करने वाली महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दर्द का अनुभव नहीं हुआ.
रक्त की सफाई करे हल्दी
हल्दी के सेवन से रक्त साफ होता है। इसके सेवन से रक्त में मौजूद विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। अगर चोट लगने पर तेजी से खून बह रहा है, तो आप उस जगह तुरंत हल्दी डाल दें। इससे खून बहना रुक जाएगा।
स्त्रियों के लिए हल्दी का उपयोग
महिलाओं में होने वाले श्वेत प्रदर या ल्युकोरिया जैसे रोगों में हल्दी अत्यंत गुणकारी औषधि है। इसके लिए पांच ग्राम हल्दी और अंजीर के तीन टुकड़े का सेवन करने से लाभ होता है।
’हल्दी, खाने वाला चूना और शहद का लेप बना कर इसे मोच, ऐंठन, चोट या शरीर में आई सूजन वाली जगह पर लगाने से तुरंत लाभ होता है।
’एनीमिया, पीलिया, बवासीर, सांस के रोग और लगातार हिचकी आने की स्थिति में हल्दी और काली मिर्च के धुएं को सूंघने से लाभ होता है।
अनियमित पीरियड्स- अनियमित या लंबे समय तक दर्द के साथ पीरियड्स का रहना PCOS का सबसे आम संकेत है. जैसे, साल में 9 पीरियड्स से कम होना, दो पीरियड्स के बीच में 35 दिनों से ज्यादा का अंतराल और असामान्य रूप से बहुत ज्यादा पीरियड होना.
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पुरुषों की कमजोरी मिटाने के देसी तरीके
मूसली काली और सफेद दो तरह की होती है। सफेद मूसली काली मूसली से अधिक गुणकारी होती है और वीर्य को गाढ़ा करने वाली होती है। मूसली का 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और शरीर में काम-उत्तेजना की वृद्धि होती है।
शरीर की शिथिलता को दूर करने के लिए Norogi Safed Musli Capsule बहुत ही कारगर होती है, इससे हर तरह की कमज़ोरी को दूर किया जा सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल बहुत सारी दवाइयों को बनाने के लिए भी किया जाता है। सफेद मूसली के सेवन से आपको कई सारे फायदे देखने को मिल सकते है।
पुरुषों के लिए सफेद मूसली बहुत ही लाभकारी होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल के सेवन से पुरुषों की शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल को Chlorophytum (क्लोरोफ़ायटम) कहा जाता है। यह एक प्रकार का पौधा है, जिसके अंदर छोटे सफ़ेद फूल होते है। यह विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए लाभदायक होती है जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो और कामेच्छा कम होती है।
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