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बवासीर बहुत ही भयंकर रोग है इस रोग को अंग्रेजी में piles या hemorrhoids भी कहा जाता है । इस रोग में व्यक्ति को बहुत अधिक तकलीफ होती है । इसमें व्यक्ति की गुदा के अंदर और बाहर तथा मलाशय के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है तथा व्यक्ति के गुदा के आसपास अंदर या बाहर मस्से बन जाते हैं ।
मल त्याग करते समय तथा बैठते समय इन मस्सो में दर्द भी होता है । यह मैसेज गुदा के अंदर या बाहर रहते हैं । इन मसो में मवाद बन जाता है तथा पस भी आता है । यदि इस रोग का सही समय पर इलाज न किया जाए तो आगे चलकर यह रोग भगंदर (नासूर) बन जाता है जोकि अत्यंत कष्टदायक रोग होता है ।
बवासीर के प्रकार – बवासीर दो प्रकार की होती है – खूनी बवासीर तथा बादी बवासीर ।
खूनी बवासीर – खूनी बवासीर में रोगी को मल त्याग करते समय खून आता है तथा रोगी को ज्यादा कष्ट महसूस नहीं होता है । खूनी बवासीर में मस्से गुदा के अंदर होते हैं जिनसे खून आता है । पहले खून थोड़ा कम आता है तथा बाद में बहुत याद आता है ।
मल त्याग करने के पश्चात यह मस्से अपने आप ही गुदा के भीतर चले जाते हैं । यह मस्से हाथ से दबाने पर भी अंदर चले जाते हैं लेकिन यदि रोग बहुत पुराना हो जाए तो यह मस्से हाथ से दबाने पर भी अंदर नहीं जाते हैं ।
बादी बवासीर – बादी बवासीर खूनी बवासीर की तुलना में ज्यादा कष्टदायक होती है । इस बवासीर में मल त्याग करते समय खून नहीं आता है लेकिन गुदा के बाहर मस्सों को स्पष्ट रूप से देखा जाता है ।
यह मस्से फुल कर मोटे हो जाते हैं तथा इनमें मवाद एवं रक्त भर जाता है । रोगी को मल त्याग करते समय तथा बैठते समय एवं चलते-फिरते समय बहुत अधिक कष्ट होता है ।
बवासीर के घरेलू उपचार – हम जानते हैं की बवासीर के कौन-कौन से घरेलू उपचार हैं जिनसे आप बड़ी आसानी से इस समस्या से निजात पा सकते हैं ।
बवासीर का घरेलू इलाज है एलोवेरा रस – एलोवेरा एक ऐसी जड़ी बूटी है जो अनेकों रोगों में फायदा पहुंचाती है उन्हीं में एक रोग है बवासीर । एलोवेरा रस को आधा कप दिन में दो से तीन बार लेने से बवासीर में बहुत अच्छा आराम मिलता है । एलोवेरा का सेवन करने से आंतों को ताकत मिलती है तथा यह कब्ज को भी दूर करता है । एलोवेरा का सेवन करने से गुदा क्षेत्र के आसपास दर्द, सूजन एवं जलन में बहुत अच्छा आराम मिलता है ।
बवासीर का घरेलू इलाज है तिल के बीज – तिल के बीज भी बवासीर के लिए बहुत लाभदायक होते हैं । तिल के बीज सेवन करने से पाचन तंत्र सही तरीके से काम करता है तथा कब्ज जैसी समस्या में बहुत अच्छा आराम मिलता है । तिल के बीज में सूजन एवं दर्द को कम करने के गुण मौजूद होते हैं ।
तिल के बीज गुदा क्षेत्र में व गुदा के आसपास होने वाली खुजली एवं जलन को भी दूर करने में मददगार होते हैं । तिल के बीजों का सेवन करना बहुत आसान है । सबसे पहले आप तिल के बीजों को पानी में उबाल लें तथा इसके पश्चात इनका पेस्ट बना लें । इस पेस्ट में थोड़ी सी मात्रा में मक्खन मिलाएं व चटनी की तरह प्रयोग करें ।
सनाय पत्ती बवासीर में लाभदायक – स्नाय पत्ती ऐसी जड़ी बूटी है जो बहुत ही अच्छी विरचक होती है । यह जड़ी बूटी कब्ज वाली औषधियों में प्रयोग की जाती है । पंचसाकर चूर्ण में सनाय पत्ती का प्रयोग किया जाता है । यह जड़ी बूटी पाचन तंत्र पर अपना सकारात्मक प्रभाव डालती है ।
इस जड़ी बूटी का सेवन करने से पाचन तंत्र सही रहता है तथा बवासीर में लाभ मिलता है । यदि आप सनाए पत्ती का सेवन नहीं कर पा रही हैं तो आप त्रिफला चूर्ण या पंचसकार चूर्ण का सेवन भी कर सकता है ।
बवासीर का प्राकृतिक उपाय है बेल फल – बेल फल में कब्ज को दूर करने, पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने तथा दर्द एवं सूजन को दूर करने के गुण मौजूद होते हैं । यह एक ऐसा फल है जो बवासीर के रोगियों को लगातार अपने रूटीन में प्रयोग करना चाहिए ।
बेल फल में पर्याप्त मात्रा में फाइबर मौजूद होता है । फाइबर पाचन संस्थान को स्वस्थ रखने में बहुत अच्छी भूमिका निभाता है । यह एक बहुत अच्छा रेचक भी होता है तथा बिना किसी दर्द के मल को निष्कासित करने में मदद करता है । गर्मियों में आप बेल का जूस भी पी सकते हैं ।
बवासीर के लिए लाभदायक जिमीकंद – जिमीकंद को बवासीर का दुश्मन माना जाता है । जिमीकंद का सेवन करने से पाचन तंत्र बहुत ज्यादा मजबूत हो जाता है तथा कब्ज, पेट गैस एवं अन्य पाचन समस्याओं में आराम मिलता है । यह गुदा क्षेत्र के आसपास बहुत अच्छा प्रभाव दिखाता है । इसको प्रयोग करना भी बहुत सरल है । 5 ग्राम जिमीकंद पाउडर को प्रतिदिन छाछ के साथ सेवन किया जा सकता है ।
बवासीर के लिए लाभदायक बर्फ से सिकाई – यदि बवासीर के कारण गुदा क्षेत्र में बहुत अधिक दर्द, खाज एवं जलन हो रही है तो इस स्थान पर बर्फ को रगड़ने से बहुत जल्दी आराम मिलता है ।
बवासीर का घरेलू उपाय है अरंडी का तेल – अरंडी का तेल बवासीर में बहुत अच्छा लाभ पहुंचाता है । इस तेल को रात को सोते समय दूध में एक चम्मच मिलाकर लेने से आराम हो जाता है तथा सुबह के समय आसानी से निष्कासित हो जाता है जिससे कब्ज की समस्या में आराम मिलता है तथा बवासीर में भी सकारात्मक लाभ पहुंचता है ।
पाइल्स का घरेलू उपचार है सूखे अंजीर – सूखे अंजीर बवासीर अर्थात पाइल्स में सकारात्मक प्रभाव दिखाते हैं । सूखे अंजीर को खाने का तरीका भी बहुत आसान है । 8 से 10 सूखे अंजीर को रात भर पानी में भिगोकर रख दें तथा सुबह उठकर इन्हें खा ले साथ में गर्म दूध भी पी सकते हैं । यह पाचन तंत्र को फायदा पहुंचाता है तथा बवासीर को दूर करने में मदद करता है । सूखे अंजीर आप 3 से 4 महीने तक लगातार खा सकते हैं ।
बवासीर में लाभदायक आम के बीज का चूर्ण – आम बीज के चूर्ण में बवासीर को दूर करने के गुण मौजूद होते हैं । इसके लिए आप आम के गुठली के भीतर से बीजों को निकाल ले । इन्हें धूप में अच्छी तरह सुखा कर पीस लें तथा कपड़ छन कर लें ।
इसके पश्चात आधा से एक चम्मच पाउडर को शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करें । इस पाउडर का सेवन करने से खूनी बवासीर एवं बादी बवासीर दोनों में ही आराम मिलता है । गुदा क्षेत्र के आसपास होने वाली खुजली, जलन, सूजन एवं दर्द में इस चूर्ण का सेवन करने से आराम मिलता है ।
बवासीर के लिए लाभदायक ईसबगोल की भूसी – ईसबगोल की भूसी में फाइबर बहुत अधिक मात्रा में मौजूद होता है । जिस कारण यह पेट में जाकर फूल जाती है तथा मलको नरम कर देती है । इस औषधि का सेवन करने से कब्ज की समस्या दूर होती है तथा बवासीर में भी आराम मिलता है ।
बवासीर का घरेलू उपाय हैं बदाम एवं बदाम का तेल – बदाम एवं बदाम का तेल दोनों ही बादी बवासीर के लिए लाभदायक होते हैं । आप रात को सोते समय तीन से चार बदाम पानी में भिगोकर रख दें तथा सुबह उठकर इनका छिलका उतारकर खूब अच्छी तरह चबा चबा कर खा जाए, इससे बवासीर में लाभ मिलता है । गुदा क्षेत्र में जहां दर्द, खुजली एवं जलन है वहां भी बवासीर के तेल को लगाने से आराम मिलता है ।
बवासीर का घरेलू उपाय है पपीता – पपीता एक ऐसा फल है जो पोस्टिक है तथा अनेक रोगों में लाभ पहुंचाता है । पपीते में पोपैं एंजाइम मौजूद होता है जो पाचन संस्थान के लिए बहुत ही लाभदायक होता है । पपीते में विटामिन एवं खनिज भी प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं । पपीता कब्ज एवं खूनी बवासीर को दूर करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है । पपीते को आप प्रतिदिन अपने नाश्ते में ले सकते हैं ।
बवासीर का घरेलू उपाय है लहसुन – लहसुन में दर्द नाशक एवं एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं । लहसुन का प्रतिदिन सेवन करने से शरीर में मौजूद दर्द अकड़आहट एवं सूजन दूर होती है । लहसुन पाचन संस्थान पर भी बहुत अच्छा प्रभाव दिखाता है । यह शरीर में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है । आप भोजन में लहसुन खा सकते हैं या कच्चा लहसुन खा सकते हैं ।
बवासीर के घरेलू उपाय हैं काला जीरा – काले जीरे को बवासीर में घरेलू जड़ी बूटी के रूप में प्रयोग किया जाता है । यह ज्यादातर भारत एवं एशिया महाद्वीप में इस्तेमाल होने वाला खाद्य पदार्थ है । इसको इस्तेमाल करने की विधि भी बहुत आसान है । थोड़ा सा जीरा ले तथा पानी डालकर उसका पेस्ट बना लें तथा गुना क्षेत्र में जहां दर्द एवं सूजन है वहां इस पेस्ट को 15 से 20 मिनट के लिए लगा कर रखें, उसके पश्चात साफ पानी से गुदा को धो लें ।
पाइल्स का घरेलू उपाय है मूली – मूली को भी पाइल्स के घरेलू उपचार के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है । मूली सर्दियों के मौसम में ही बाजार में मिलती है, इसलिए इसे लगातार सेवन नहीं किया जा सकता । सर्दियों के मौसम में बाजार से ताजी मूलिया लाय तथा इसका रस निकाल लें । आधा गिलास में थोड़ा सा नमक डालकर दिन में दो से तीन बार पी ले । शहद के साथ मूली का पेस्ट बनाकर भी दर्द एवं सूजन वाले स्थान पर लगाने से आराम मिलता है ।
बवासीर का घरेलू उपाय है छाछ – बवासीर के घरेलू उपाय में यदि छाछ को शामिल ना किया जाए तो बात अधूरी से रह जाती है । क्योंकि छाछ बवासीर के लिए सर्वश्रेष्ठ घरेलू उपाय हैं । एक गिलास छाछ में स्वाद अनुसार नमक तथा एक चौथाई चम्मच भुनी हुई अजवाइन को डालकर दिन में दो से तीन बार पीने से बवासीर में लाभ मिलता है । छाछ हृदय रोगियों को भी लाभ पहुंचाता है ।
जिन लोगों को ये तीन समस्यायें हों,*
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