पुराने जमाने में आपसी राज्यों में संधि बनाए रखने के लिए और अपना पुरुषत्व दिखाने के लिए राजा महाराजा कई कई शादियां करते थे। सभी रानियों के साथ वैवाहिक जीवन अच्छे से गुजरे इसलिएअपनी शारीरिक ऊर्जा को बरकरार रखने के लिए अपने खास वैद्य और हकीम द्वारा बनाए गए कई तरह के आर्युवेदिक नुस्खों का इस्तेमाल करते थे। हालांकि उनके वैद्य और हकीम आयुर्वेदिक ग्रंथों के आधार पर प्राचीन जड़ी-बूटियों, रसायनों और सोना, चांदी, मोती भस्म जैसी धातुओं से शारीरिक दुर्बलता दूर करके शारीरिक ताकत बढ़ाने वाली औषधी तैयार करते थे। वो औषधियां बहुत गुणों से भरपूर होती थी।
इसलिए आज हम इस आर्टिकल में आपको बता रहे हैं कि राजा-महाराजाओं द्वारा शारीरिक दुर्बलता को दूर कर कामोत्तेजना को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उन प्राचीन नुस्खों के बारे में जिनमें से कुछ आज भी आसानी से मिल जाते हैं। जिनकी मदद से आप भी अपनी कामेच्छा बढ़ाने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
1- शिलाजीत शिलाजीत एक तार जैसा पद्वार्थ है जो गर्मियों के समय में हिमालय की चट्टानों से निकलता है। इसे अमृत और ” कमजोरी विनाशक” के नाम से भी जाना जाता है। शीरीरिक दुर्बलता को दूर करने और कामोत्तेजना को बढ़ाने के लिए आज भी कई लोग शिलाजीत का इस्तेमाल करते हैं. इससे कमजोरी, एनर्जी की कमी, खराब इम्युनिटी, असमय बुढ़ापा,इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी समस्याएं दूर होती हैं। शिलाजीत को चावल के दाने के बराबर एक चम्मच गाय के घी या शहद के साथ लेना चाहिए।
2- अश्वगंधा अश्वगंधा एक चमत्कारी गुणों वाली औषधि है, आर्युवेद में अश्वगंधा का विशेष स्थान है, इसे भारत में कई स्थानों पर भारतीय गिनसेंग भी कहा जाता है। इसकी जड़ों का इस्तेमाल कई प्रकार की दवाओं को बनाने में किया जाता है। कमजोरी, थकान, लो स्पर्म काउंट, इम्युनिटी की समस्या को दूर करने के लिए प्राचीन समय से ही अश्वगंधा का इस्तेमाल किया जा रहा है. सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ एक चम्मच अश्वगंधा पावडर का सेवन करना पुरुषों के लिए काफी फायदेमंद बताया जाता है।
3- सफेद मूसली सफेद मूसली एक शक्तिवर्धक जड़ी बूटी है जो कि ज्यादातर यौन क्षमता को बढ़ाने के लिये प्रयोग की जाती है। मगर ऐसा नहीं है कि इसका केवल एक ही काम हो, यह अन्य औषधीय गुणों से भी भरी हुई होती है। विश्व बाजार में इसकी बहुत मांग बढ़ी है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, इन्फर्टिलिटी, स्पर्म की कमी, कमजोरी और कमजोर इम्युनिटी की समस्या को दूर करने के लिए सफेद मूसली का सेवन प्राचीन समय से किया जाता रहा है। बेहतर परिणाम के लिए मिश्री और दूध के साथ एक चम्मच मूसली पावडर का सेवन सुबह और शाम को करना चाहिए।
पुरुषों की कमजोरी मिटाने के देसी तरीके
मूसली काली और सफेद दो तरह की होती है। सफेद मूसली काली मूसली से अधिक गुणकारी होती है और वीर्य को गाढ़ा करने वाली होती है। मूसली का 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और शरीर में काम-उत्तेजना की वृद्धि होती है।
शरीर की शिथिलता को दूर करने के लिए Norogi Safed Musli Capsule बहुत ही कारगर होती है, इससे हर तरह की कमज़ोरी को दूर किया जा सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल बहुत सारी दवाइयों को बनाने के लिए भी किया जाता है। सफेद मूसली के सेवन से आपको कई सारे फायदे देखने को मिल सकते है।
पुरुषों के लिए सफेद मूसली बहुत ही लाभकारी होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल के सेवन से पुरुषों की शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल को Chlorophytum (क्लोरोफ़ायटम) कहा जाता है। यह एक प्रकार का पौधा है, जिसके अंदर छोटे सफ़ेद फूल होते है। यह विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए लाभदायक होती है जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो और कामेच्छा कम होती है।
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4- शतावरी परंपरागत रूप से शतावरी को महिलाओं की जड़ी बूटी माना गया है, हांलाकि यह पौधा पुरुषों के हार्मोन लेवल को बढ़ा कर उनकी कामुकता में भी इजाफा कर सकता है। पुरुषों में इन्फर्टिलिटी, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, थकान, कमजोरी, लो स्पर्म काउंट और यूरिन की समस्या को दूर करने के लिए शतावर के प्राचीन नुस्खे का इस्तेमाल आज भी किया जाता है। बेहतर परिणाम के लिए एक चम्मच मिश्री और गाय के घी के साथ आधा चम्मच शतावर पावडर का इस्तेमाल करना चाहिए और फिर दूध पीना चाहिए।
5- केसर सदियों से केसर का प्रयोग स्वास्थ्य और सौंदर्य लाभ पाने के लिए किया जाता रहा है। केसर की तासीर गर्म होती हैं। केसर हमारे शरीर की दुर्बलता को दूर करके ताकत प्रदान करती है। केसर के नुस्खे का इस्तेमाल प्राचीन समय में राजा-महाराजा भी किया करते थे। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, इन्फर्टिलिटी, लो स्पर्म काउंट, कमजोरी और थकान जैसी समस्या से निजात पाने के लिए केसर का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए गुनगुने दूध में चुटकी भर केसर डालकर रात को सोने से पहले उसका सेवन करना चाहिए।
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