शिलाजीत को भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों में से एक माना जाता है। यह लंबी उम्र और कई अन्य बीमारियों के लिए हजारों वर्षों से उपयोग किया जा रहा है। शिलाजीत एक मोटा, काले-भूरे रंग का खनिज तारकोल है, जो हिमालय पर्वतों में दरारें से गर्मियों में तापमान बढ़ने पर बाहर निकल जाता है। शिलाजीत सदियों पुराने, विघटित पौधों से बना है जो कि विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों का शक्तिशाली स्रोत हैं। यह एक शक्तिशाली अनुकूलन है, जो सभी प्रकार के मानसिक और शारीरिक तनाव से बचाव में मदद करता है। ऊर्जा और पुनरोद्धार प्रदान करता है, मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, हार्मोन और इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करता है मधुमेह को प्रबंधित करने में मदद करता है, दिल और रक्त के लिए अच्छा है
शिलाजीत में पाए जाने वाले अवयव
शिलाजीत में कई तरह के अवयव पाए जाते हैं. प्रत्येक अवयव अपने अंदर कई गुणों को संजोय रखता है जिसका लाभ इसके सेवन के बाद प्राप्त होता है. शिलाजीत में निम्न अवयव पाए जाते है-
- एल्डागीक अम्ल
- ट्राईटरपेनेंस
- स्तेरोल्स
- एरोमेटिक कार्बोज़िलिक अम्ल
- एमिनो अम्ल
वीर्य अधिक मात्रा में बनता है. इसके लगातार इस्तेमाल से नपुंसकता पर क़ाबू पाया जा सकता हैं
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शिलाजीत : आयुर्वेदिक औषधि के इस्तेमाल के फ़ायदे
शिलाजीत आयुर्वेद में एक अहम् भूमिका अदा करता है. इसके इस्तेमाल के कई फायदे हैं. ये मनुष्य के शरीर के कत्याकल्प को संवारने और शरीर के अन्दर ऊर्जा पैदा करने में अतिसहायक है. ये शरीर की कोशिकाओं तक आवश्यक पोषक तत्व और ऊर्जा पहुंचाता है. शिलाजीत को योग वाही भी कहा गया है, जिसका अर्थ है कि इसके साथ जो भी ग्रहण किया जाए वो इसके गुण से प्रभावित होकर समस्त पोषक तत्व को कोशिकाओं तक पहुंचाता है. इसके इस्तेमाल से होने वाले मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं :
इसके इस्तेमाल से मनुष्य के अंदर फर्टिलिटी स्तर की वृद्धि होती है, जिससे वीर्य अधिक मात्रा में बनता है. इसके लगातार इस्तेमाल से नपुंसकता पर क़ाबू पाया जा सकता है और स्पर्म की गतिविधियों में भी ख़ासी बढ़त होती है. कई इस तरह की दवाओं को बनाने में इसका प्रयोग होता है.
यौन आकर्षण एक भावनात्मक प्रतिक्रिया है। जिसमें लोगों को लगता है कि वे किसी को यौन रूप से आकर्षक लगते हैं या वो किसी व्यक्ति के प्रति यौन आकर्षण महसूस कर रहे हैं। यह आकर्षण अक्सर उस व्यक्ति के साथ यौन संपर्क की इच्छा के परिणामस्वरूप होता है। यौन आकर्षण को कामेच्छा यानी काम-वासना के रूप में भी परिभाषित किया गया है।
इसके इस्तेमाल से मनुष्य के शरीर में टेस्टोस्टेरोन स्तर की वृद्धि होती है, जो मांसपेशियों के उत्तकों की रक्षा, मोटापे को स्वयं से दूर रखने और एक दुरुस्त सोच बनाने के लिए अति आवश्यक है.
इसके प्रयोग का एक और महत्त्वपूर्ण लाभ है, जिसका सीधा सम्बन्ध मनुष्य के ह्रदय से है. इसका सेवन करने से ह्रदय में होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है.
टेस्टोस्टेरोन स्तर की वृद्धि हमारे सोचने की क्षमता को भी बढ़ती है. इस वजह से हमारी स्मरण शक्ति में भी वृद्धि होती है.
शिलाजीत मनुष्य के शरीर में एक एंटीओक्सीडेंट की तरह काम करता है, जो हमारी कोशिकीय क्षति की पूर्ती करता है. उम्र के साथ मनुष्य के शरीर में कोशिकीय क्षति बढ़ने लगती है, जिसका प्रभाव हमारे ह्रदय, फेफड़ो और कलेजे में होता है. जिसकी पूर्ती के लिए शरीर में एंटी ओक्सीडेंट का होना अति आवाश्यक है. शिलाजीत शरीर को इससे लड़ने की क्षमता देता है.
इसके सेवन से ब्लडशूगर संतुलित रहती है.
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इसके सेवन से आदमी में यौन क्षमता की वृद्धि होती है, जिस वजह से इसे “इंडियन वियाग्रा” के नाम से भी जाना जाता है. यह बहुत वर्षों पहले से ही यौन शक्ति को बढाने के लिए प्राकृतिक रूप से प्रयोग में लाया जाता रहा है.
शिलाजीत के सेवन से अथराइटीस के उपचार में मदद मिलती है. इसके साथ ही इसका प्रयोग तनाव के उपचार के लिए भी होता है.
जौंडिस यानि पीलिया के समय इसके प्रयोग से रोगी को आराम मिलता है.
इसके सेवन से पाचनतंत्र स्वस्थ रहता है, और ये स्टैमिना बढ़ाने में मदद करता है.
शारीरिक रूप से कमज़ोर लोग इसके सेवन से तंदुरुस्त रहते हैं. ये वजन बढ़ने में भी सहायता करता है.
इन सबके अलावा नर्वस डिसऑर्डर, अनेमिया, किडनी में पथरी, अस्थमा, इडिमा आदि के उपचार में भी इसका सेवन किया जा सकता है.