टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने का घरेलू उपाय है वजन कम करना –
वजन और हार्मोनल असंतुलन के बीच मजबूत संबंध है। टेस्टोस्टेरोन का कम स्तर शरीर में वसा को बढ़ाता है जो बारी-बारी से एस्ट्रोजेन में टेस्टोस्टेरोन के परिवर्तन को बढ़ाकर हार्मोन असंतुलन पैदा करता है।
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डायबिटीज केयर जर्नल में प्रकाशित 2010 के एक अध्ययन के पाया गया कि 45 या उससे अधिक उम्र के 40 प्रतिशत मोटापे से ग्रस्त पुरुष जिनको मधुमेह नहीं था और 50 प्रतिशत मोटापे से ग्रस्त पुरुष जिनको मधुमेह था, उनमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य मात्रा से कम था।
आप अपने मोटापे को कम करके टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ा सकते हैं। इसके लिए सबसे सबसे अच्छा तरीका है कि आप प्रति सप्ताह कम से कम 1 से 3 पाउंड वसा अपने शरीर से कम करें। यदि आप सोचते हैं कि नहीं खाने से आपके शरीर से वसा कम हो जायेगा तो नहीं खाने से टेस्टोस्टेरोन का शरीर में बनना भी बंद हो जाता है। इसलिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से ही आप अपने वजन को संतुलित कर सकते हैं।
टेस्टोस्टेरोन बूस्टर है व्यायाम – नियमित व्यायाम कम टेस्टोस्टेरोन स्तर वाले पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने में मदद करता है, यह ऊर्जा और सहनशीलता को बढ़ाता है और बेहतर नींद लेने में मदद करता है। इसके अलावा यह अधिक वजन बढ़ने की संभावना को कम करता है जिससे टेस्टोस्टेरोन की मात्रा बढ़ती है।
टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने के लिए वेट लिफ्टिंग जैसा व्यायाम सबसे अच्छा होता है। अच्छे परिणामों के लिए थोड़ी-थोड़ी देर पर भारी वजन उठाएं। वेट लिफ्टिंग अभ्यास जैसे बेंच प्रेसेस, स्क्वाट, डेड लिफ्ट और शोल्डर प्रेस करें। इसके लिए आप एक सप्ताह में 4 या 5 बार 30 मिनट के लिए वेट लिफ्टिंग अभ्यास करें।
हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग एक अन्य प्रकार का व्यायाम है जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को सक्रिय रूप से बढ़ा सकता है। इसमें पहले छोटा पर काफी इंटेंसिटी वाला व्यायाम करने के बाद थोड़ा आसान, रिकवरी अभ्यास शामिल है। उदाहरण के लिए आप इस तरह के व्यायाम ट्रेडमिल, एलिप्टिकल ट्रेनर या स्विमिंग पूल में कर सकते हैं।
आप हफ्ते में कुछ समय के लिए कार्डियो जैसे व्यायाम कर सकते हैं जैसे रनिंग, स्विमिंग या अन्य एरोबिक अभ्यास। बहुत अधिक न करें क्योंकि यह आपके टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम कर सकता है।
वर्कऑउट्स के बीच में बॉडी को रिकवर करने का समय दें अन्यथा आपके व्यायाम व्यवस्था का आपके टेस्टोस्टेरोन के स्तर पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। अभ्यास के उचित तरीके जानने के लिए अपने ट्रेनर से बात करें।
टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने का तरीका है उचित नींद – द जर्नल ऑफ़ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित एक 2011 के अध्ययन के अनुसार नींद में कमी एक स्वस्थ युवक के टेस्टोस्टेरोन स्तर को कम करती है।
अध्ययन में पाया गया कि जो पुरुष एक सप्ताह में रात को 5 घंटे से कम सोते थे। उनमें सम्पूर्ण नींद लेने वालों की तुलना में 10 से 15% टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम था।
टेस्टोस्टेरोन उत्पादन में कमी के अलावा नींद की कमी कोर्टिसोल की मात्रा (तनाव हार्मोन) को बढ़ाती है और उच्च स्तर में कोर्टिसोल टेस्टोस्टेरोन के स्तर को भी प्रभावित करता है।
द नेशनल स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक आमतौर पर वयस्क पुरुषों को प्रति रात 7 से 9 घंटे अवश्य सोना चाहिए।
अपनी नींद अच्छी बनाए रखने के लिए बिस्तर पर जाने से एक घंटे पहले कंप्यूटर, मोबाइल आदि को बंद कर दें, देर शाम कैफीनयुक्त पेय का सेवन नहीं करें, बिस्तर पर जाने से पहले थोड़ा मैडिटेशन करें, सोने से पहले गर्म पानी से स्नान करें और सोने का समय सुनिश्चित करें। यदि आपको नियमित आधार पर अच्छी नींद लेने में समस्या हो रही है तो अपने डॉक्टर से बात करें।
टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने का उपचार है तनाव से दूरी – उच्च तनाव टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करता है। यह आपकी नींद को भी प्रभावित करता है जो बदले में आपके टेस्टोस्टेरोन के स्तर को प्रभावित करती है। इसके अलावा तनाव हार्मोन कोर्टिसोल आपके पेट में वसा को बढ़ाता है और अधिक वजन टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करता है।
अगर तनाव आपके टेस्टोस्टेरोन स्तर के कम होने का कारण है तो इसे सोने कि कुछ उपाय हैं –
- तनाव से छुटकारा पाने के लिए आप गहन साँस लेने के व्यायाम करें।
- रोज 20 मिनट के लिए ध्यान और योग करें।
- संगीत, कला या अन्य शौक जिन्हें आप पसंद करते हैं, उन्हें समय दें।
- तनाव पहुँचाने वाले कारणों से बचें।
- व्यवस्थित रूप से अपनी दैनिक गतिविधियों को करें ताकि समय को ठीक से मैनेज कर सकें।
- एक सकारात्मक और वास्तविक दृष्टिकोण रखें।
- अपने परिवार के साथ समय बिताए।
- यदि आप अपने तनाव को मैनेज नहीं कर सकते हैं तो सलाहकार से बात कारण या तनाव मैनेज करने की क्लास लें।
टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने की दवा है हेल्दी फैट – विटामिन और अन्य खनिजों की तरह हमारे शरीर को अच्छे कामकाज के लिए स्वस्थ वसा की आवश्यकता होती है। द जर्नल ऑफ़ स्टेरॉयड बायोकेमिस्ट्री में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि यदि किसी आहार में वसा के रूप में ऊर्जा 40 प्रतिशत से कम होती है तो टेस्टोस्टेरोन में कमी होने लगती है।
ओमेगा-3 स्वस्थ वसा है जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है, इसके लिए आप नट्स, अवोकैडोस, बादाम का तेल, मछली, अंडा, जैतून और जैतून के तेल का सेवन करे जिनमें ओमेगा -3 वसा पाया जाता है। मोनोसैचुरेटेड फैट आपके टेस्टोस्टेरोन स्तर पर सीधा प्रभाव डालता है, इसके लिए आप मूंगफली, पीनट बटर, ताड़ के तेल और कैनोला तेल का सेवन कर सकते हैं।
टेस्टोस्टेरोन बूस्टर है विटामिन डी – कम टेस्टोस्टेरोन वाले लोगों में अक्सर विटामिन डी की कमी होती है। हार्मोन और मेटाबोलिक रिसर्च के 2011 के एक अध्ययन में पाया गया कि लोग अधिक मोटे थे, उनहोंने वज़न कम करने वाले कार्यक्रम में शामिल होकर प्रत्येक दिन पूरे वर्ष विटामिन डी प्राप्त करने के बाद अपने टेस्टोस्टेरोन के स्तर में वृद्धि का अनुभव किया।
नियमित रूप से सूर्य अनावरण (sun exposure) विटामिन डी के स्तर को अनुकूलित करने का सबसे अच्छा तरीका है। इसके लिए आप रोज सुबह 10 से 15 मिनट के लिए धूप सकें। यह विटामिन डी उत्पादन की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाता है।
इसके अलावा विटामिन डी में समृद्ध खाद्य पदार्थ जैसे वसायुक्त मछली, फोर्टीफ़ाइड दूध, फोर्टीफ़ाइड अनाज, पनीर और अंडे का सेवन करें। आप अपने टेस्टोस्टेरोन स्तर को बढ़ाने के लिए विटामिन डी पूरक भी ले सकते हैं। पूरक का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने का उपाय है जिंक में वृद्धि – टेस्टोस्टेरोन उत्पादन के लिए जिंक बहुत महत्वपूर्ण खनिज है। जस्ता की कमी टेस्टोस्टेरोन के स्तरों में कमी का कारण बन सकती है। जिंक की मात्रा में वृद्धि करने का सबसे अच्छा तरीका दूध, पनीर, सेम, नट और दही, लाल मांस, मछली जैसे खाद्य पदार्थ को अपने आहार में शामिल करना है।
यदि आप जिंक के पूरक का उपयोग करते हैं तो दिन में 40 मिलीग्राम से कम की खुराक लें जो वयस्कों में सेवन करने की ऊपरी सीमा है।
द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के आहार संबंधी दिशानिर्देशों के अनुसार एक वयस्क व्यक्ति को प्रत्येक दिन 11 मिलीग्राम का सेवन करना चाहिए। एक पूरक लेने से पहले हमेशा एक डॉक्टर से परामर्श करें। अधिक मात्रा में जस्ता का सेवन आपके शरीर के अन्य खनिजों खासकर तांबे, को अवशोषित करने की क्षमता में हस्तक्षेप कर सकता है।
टेस्टोस्टेरोन बढ़ाएं शराब को छोड़ कर – नेशनल इंस्टिट्यूट ऑन अल्कोहल एब्यूज एंड अलक्होलिस्म में प्रकाशित एक लेख में नर प्रजनन में शामिल एंडोक्राइन सिस्टम के हिस्से पर अल्कोहल के प्रभाव पर अनुसंधान की समीक्षा की गई। इस समीक्षा ने निष्कर्ष निकाला कि अत्यधिक शराब के सेवन का टेस्टोस्टेरोन सहित प्रमुख हार्मोनस पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
स्वस्थ टेस्टोस्टेरोन की संख्या को बनाए रखने के लिए पुरुषों को प्रति दिन 3 से 4 इकाइयों से अधिक नहीं पीना चाहिए। 1 इकाइ मतलब 25 मिलीलीटर, इसके अलावा पुरुषों को हर हफ्ते कम से कम दो दिन अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए।
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