आलूबुखारा नव जीवन दे सकती है आलूबुखारा
आपने अगर आलूबुखारा का सेवन किया होगा तो इसके बारे में जरूर जानते होंगे। आलूबुखारा एक मौसमी फल है, इसमें अनेक पोषक तत्व मौजूद होते हैं। अब तक आप आलूबुखारा को एक आम फल के रूप में ही जानते होंगे, लेकिन सच यह है कि कई रोगों के इलाज में आलूबुखारा के फायदे मिलते हैं। साधारण-से दिखने वाले आलूबुखारा के इस्तेमाल से कई रोगों में लाभ होता है।
आयुर्वेद में एक-दो नहीं, बल्कि आलूबुखारा के कई फायदे बताए गए हैं, जो आपको जरूर जाननी चाहिए। दरअसल, यह एक ऐसा फल है जो आसानी से सभी जगह मिल जाता है। आपको आलूबुखारा के लाभ के बारे में जानकारी होगी, तभी तो इसका फायदा ले सकेंगे। आइए जानते हैं कि आलूबुखारा से क्या-क्या लाभ होता है।
आलूबुखारा क्या है?
आलूबुखारा एक मौसमी और मुलायम फल है जिसके अंदर रस होता है। इसे आहार के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। आलूबुखारा से स्वादिष्ट व्यंजन बनाया जाता है। इसे सौंदर्य लाभ के लिए भी इस्तेमाल में लाया जाता है।
आलूबुखारा का स्वाद मीठा होता है। इसके इस्तेमाल से पेट से संबंधित विकार जैसे- भूख की कमी, बदहजमी, पाचन विकार आदि तो ठीक होते ही हैं, साथ ही कब्ज, बवासीर आदि बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।
अनेक भाषाओं में आलूबुखारा के नाम
आलूबुखारा का वानस्पतिक नाम प्रूनस डोमेस्टिका (Prunus domestica L., Syn- Prunus communis Huds) है, और यह रोजेसी (Rosaceae) कुल का है। इसे भारत सहित अन्य दूसरे देशों में कई नामों से भी जाना जाता है, जो ये हैंः-
डायबिटीज में लाभकारी
आलूबुखारा के फायदे और उपयोग
अब तक आपने जाना कि आलूबुखारा (aloo bukhara) क्या है, इसमें कितने तरह के गुण होते हैं, और देश या विदेशों में इसे किस-किस नाम से जाना जाता है। आइए अब जानते हैं कि आप के कितने फायदे हैं और आप आलूबुखारा से कैसे लाभ ले सकते हैंः-
गंजेपन की समस्या में आलूबुखारा के फायदे
आप दाद या खुजली आदि में आलूबुखारे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आलूबुखारे के तने से गोंद निकाल लें। इसमें सिरका मिलाकर लेप करें। इससे गंजेपन की समस्या में फायदा होता है।
लौंग के फायदे मुंह, बालों को झड़ने से रोके
अधिकतर लोगों में बाल झड़ने और बालों के रुखेपन की शिकायत होती है. इसके लिए सबसे असरकारी उपाय है लौंग. इसके लिए लौंग को उबाल लें और फिर उस पानी से अपने बाल धोएं. इससे आपके बालों में चमक आएगी और बाल मजबूत बनेंगे.
याद्दाश्त की कमी में आलूबुखारा के फायदे
बच्चे हों या वयस्क, कई लोगों को याददाश्त कम होने की शिकायत रहती है। कुछ बच्चे ऐसे होते हैं, जिनके माता-पिता हमेशा यह शिकायत करते हैं कि बच्चों को पढ़ाई गई पाठ याद नहीं रहती। इसी तरह बूढ़े लोगों में भी याददाश्त की कमी संबंधी परेशानी रहती है। ऐसी समस्या में आलूबुखारा का इस्तेमाल करना बहुत अच्छा परिणाम देता है। आलूबुखारे की बीज गिरी का सेवन करने से धीरे-धीरे स्मरण शक्ति बढ़ती है।
अत्यधिक प्यास लगने की परेशानी में आलूबुखारा के सेवन से लाभ
जिस व्यक्ति को अत्यधिक प्यास लगने की परेशानी होती है, वे आलूबुखारे का प्रयोग कर लाभ ले सकते हैं। आलूबुखारे फल का सेवन करने से अत्यधिक प्यास (तृष्णा) की समस्या से आराम मिलता है।
बदहजमी में आलूबुखारा के फायदेभारी या ज्यादा भोजन करने से बदहजमी की समस्या हो जाती है। आपने जो खाना खाया, उसके ठीक से नहीं पचने पर, या मसालेदार खाना खाने पर भी बदहजमी हो जाती है। कभी-कभी अधिक चाय-कॉफी, तंबाकू आदि का सेवन करने से भी बदहजमी हो जाती है। इसमें आलूबुखारा के सेवन से लाभ होता है। आलूबुखारा के बीजों को बादाम की तरह सुखा लें। इस सूखे फल को खाने से अपच की समस्या में लाभ होता है।
गठिया के लक्षण
इस रोग में घुटनों व शरीर के दूसरे जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है जिसमें यदि असावधानी बरतें तो यह आगे चलकर उंगलियों व जोड़ों में सूजन और लाल रंग का घाव उत्पन्न कर देता है। इतना ही नहीं, अनदेखी करने पर इससे हाथ-पैर टेढ़े हो जाते हैं। इस बीमारी में हाथ व पैर को हिलाना भी मुश्किल हो जाता है।
भूख की कमी में आलूबुखारा के सेवन से लाभ
भूख की कमी में आप आलूबुखारा का सेवन कर सकते हैं। आलूबुखार (aloo bukhara) फल का सेवन करने से भूख बढ़ती है।
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दाद या खुजली की बीमारी में आलूबुखारा के औषधीय गुण से लाभशरीर के किसी भी अंग में खुजली की बीमारी हो जाती है। दिक्कत की बात तो यह है कि जब खुजली हो जाती है तो जल्दी ठीक नहीं होती, और अनेक स्थानों पर परेशानी या बेइज्जती का कारण भी बन जाती है।
आप दाद या खुजली आदि में भी आलूबुखारे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आलूबुखारे के तने से गोंद निकाल लें। इसमें सिरका मिलाकर लेप करें। इससे दाद और खुजली आदि विकारों में लाभ होता है।
घाव में आलूबुखारा के औषधीय गुण से लाभ
घाव पर भी आलू बुखारा का प्रयोग करना लाभ पहुंचाता है। आप घाव पर आलूबुखारे के गोंद से बने चूर्ण को लगाएं। इसके अलावा गोंद को पानी में मिलाकर घाव को धोने से भी घाव जल्दी ठीक हो जाता है।
नाक से खून बहने पर आलूबुखारा के औषधीय गुण से फायदा नाक से खून आने पर आलूबुखारे के पत्तों का रस निकाल लें। इसे 1-2 बूंद की मात्रा में नाक में डालें। इससे नाक से खून आने की समस्या में लाभ मिलता है।
पित्त-दोष में आलूबुखारा के सेवन से लाभ
आप पित्त दोष में भी आलूबुखारा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए भोजन के पहले आलूबुखारा के मीठे पके फल का सेवन करें। यह पित्तज विकारों का ठीक करता है।
बुखार में आलूबुखारा के फायदे पित्तज विकारों के कारण होने वाली बुखार में आलूबुखारा का सेवन किया जाना चाहिए। इस समस्या के लिए आप आलूबुखारा फल का काढ़ा बन लें, और इसे 10-20 मिली मात्रा में पिएं। इससे पित्तज बुखार में लाभ होता है।
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मोटापा दूर करे
मोटापा कम करने के लिए हल्दी, नीबू, पुदीना, तुलसी और अदरक को आपस में मिलाकर चटनी बना लें। इसका नियमित सेवन करें, मोटापे पर काबू पाने में सफलता मिलेगी।
पेट में कीड़े होने पर आलुबुखारा के फायदे
अनेक बच्चों को पेट में कीड़े होने की शिकायत रहती है। सिर्फ बच्चे ही नहीं, बल्कि कई वयस्क को भी यह समस्या हो जाती है। पेट के कीड़ों को खत्म करने के लिए आलूबुखारा उपयोगी साबित होता है। आलूबुखारे (alubukhara) के पत्तों को पीसकर पेट पर लेप के रूप में लगाएं। इससे पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
आलूबुखारा के उपयोगी भागआलूबुखारा का औषधीय इस्तेमाल इतनी मात्रा में करनी चाहिएः-
काढ़ा (काढ़ा) – 10-20 मिली
अगर आप आलूबुखारा का औषधीय गुण से अधिक लाभ लेना चाहते हैं तो चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही आलूबुखारा का प्रयोग करें।
आलूबुखारा का इस्तेमाल कैसे करें?आप आलूबुखारा का इस्तेमाल इस तरह से कर सकते हैंः-
- आलूबुखारा फल
- आलूबुकारा के पत्ते
- आलूबुखारा के बीज का तेल