माना जाता है कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं ने मिलकर सृष्टि की रचना की थी। जब ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया तब विष्णु ने इसके लालन पालन की बागडोर संभाली और महेश ने संहार करके धरती की रक्षा की। इसके अलावा समुद्र मंथन में भी विष्णु की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है।
वैसे तो हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की पूजा की जाती है लेकिन हम अक्सर इनके राम और कृष्ण रुप को भी नीले रंग में देखते हैं। इसके अलावा कैलेंडर और फोटो में भी भगवान विष्णु के विभिन्न अवतार नीले रंग में ही दिखायी देते हैं। आइये जानते हैं कि आखिर भगवान विष्णु का नीला रंग किस बात की ओर संकेत करता है।
क्यों है भगवान विष्णु का रंग नीला
भगवान विष्णु जल में शेषनाग पर विराजमान रहते हैं, चूंकि आकाश के कारण जल का रंग नीला है इसलिए भगवान विष्णु का शरीर भी नीला है। इसके अलावा मान्यता यह भी है कि भगवान विष्णु ने समुद्र के नीले रंग को धारण किया हुआ है। सिर्फ भगवान विष्णु ही नहीं बल्कि इनके विभिन्न अवतार भी नीले रंग को ही धारण किये हुए हैं। कृष्ण भी जल में रहने के कारण नीला रुप धारण किये हुए हैं।
नीले रंग का यह है अर्थ
- भगवान विष्णु के शरीर का नीला रंग मनुष्य को जीवन के सकारात्मक पक्षों को दिखाता है।
- नीला रंग आकाश और शांति का प्रतीक है, इसलिए नीले रंग में भगवान विष्णु का दर्शन करने पर मन शांत रहता है।
- कहा जाता है कि जिस तरह इस नीले आकाश को परिभाषित नहीं किया जा सकता है, उसी तरह भगवान विष्णु का नीला रंग भी अपरिभाषित है।
- नीला रंग जीवन के हर उतार चढ़ाव एवं प्रत्येक परिस्थिति से लड़ना सीखाता है।
- नीला रंग को व्यक्ति अपने जीवन में भगवान विष्णु का आशीर्वाद समझकर ग्रहण कर सकता है।
- भगवान विष्णु का नीला रंग इंसान को मजबूती प्रदान करता है।