सतीश कई दिनों से परेशान था। उस पर लाखों का कर्ज हो रहा था। बेटी बड़ी हो रही थी, लड़के का करियर सेट नहीं हो पा रहा था। आए दिन घर में क्लेश और तनाव था। उसने कई ज्योतिष विद्वानों की शरण ली लेकिन कोई उसे सही राह नहीं दिखा पाया। तब उसे एक विद्वान मिले जिन्होंने समझाया कि तुम अगर विज्ञान की कक्षा में जाकर इतिहास समझने की कोशिश करोगे तो असफल हो जाओगे। हर संकट के लिए सबसे पहले अपने राशि मंत्र से पूजन आरंभ करना चाहिए।
हर भगवान के राशि मंत्र पुराणों में वर्णित हैं। 12 राशियों के जातक के लिए अलग-अलग मंत्र बताए गए हैं। नवग्रहों की प्रतिकूलता दूर करने और अनुकूलता लाने के लिए भी मंत्र बताए गए हैं। सतीश ने अपनी राशि अनुसार घर के हर सदस्यों के साथ पूजन का निश्चय किया। आज वह कर्ज मुक्त है। बेटी का विवाह हो गया है और बेटा पुणे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। सतीश के अनुसार, अब मुझे मिला है मेरा राशि मंत्र…अब मैं हर देवताओं के पहले राशि मंत्र पढ़ता हूं। यह एक उदाहरण है कि अगर सही दिशा में प्रयास किए जाए तो सफलता अवश्य मिलती है।
आइए जानते हैं अपनी राशि के उस विष्णु मंत्र को, जिसे पढ़कर लक्ष्मी पति नारायण प्रसन्न होते हैं।
मेष- ॐ ह्रीं श्रीं श्रीलक्ष्मीनारायणाय नम:।
वृष- ॐ गोपालाय उत्तरध्वजाय नम:।
मिथुन- ॐ क्लीं कृष्णान नम:।
कर्क- ॐ ह्रीं हिरण्यगर्भाय अव्यक्तरूपिणे नम:।
सिंह- ॐ क्लीं ब्राह्मणे जगदाधाराय नम:।
कन्या- ॐ पीं पिताम्बराय नम:।
तुला- ॐ तत्वनिरंजनाय तारक रामाय नम:।
वृश्चिक- ॐ नारायणाय सूरसिंहाय नम:।
धनु- ॐ श्रीं देवकृष्णाय उर्ध्वजाय नम:।
मकर- ॐ श्रीं वत्सलाय नम:।
कुंभ- ॐ श्रीं उपेन्द्राय अच्युताय नम:।
मीन- ॐ क्लीं उद्धृताय उद्धारिणे नम:।
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