इमली के फायदे और उपयोग को जानने से पहले बेहतर होगा, कि हम यह जान लें कि इमली है क्या।
इमली एक फल है और इसका वैज्ञानिक नाम टैमेरिन्डस इंडिका है। इसे अंग्रेजी में इसे टैमरिंड के नाम से जाना जाता है। कच्ची इमली हरे रंग की होती है और पकने के बाद यह लाल रंग में परिवर्तित हो जाती है। इसका स्वाद केवल खट्टा या खट्टा-मीठा दोनों हो सकता है। बता दें, कच्ची इमली स्वाद में अत्यधिक खट्टी होती है। वहीं पक जाने के बाद इसमें थोड़ी मिठास भी घुल जाती है। माना जाता है, इसके फायदे अनेक हैं। कारण हैं, इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व। बताया जाता है, कि इमली में मौजूद पोषक तत्व, ह्रदय, त्वचा, बाल, मोटापा और पेट संबंधी कई बीमारियों का इलाज करने में सहायक हो सकते हैं।
इमली क्या है, इस बारे में जानने के बाद हम बात करेंगे, इससे होने वाले फायदों के बारे में।
इमली के फायदे – Benefits of Tamarind in Hindi
1. वजन घटाने में मददगार
वजन घटाने में इमली के उपयोग की बात करें, तो इसके बीज का इस्तेमाल आपके लिए काफी लाभकारी हो सकता है। शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया है, कि इमली के बीज में ट्रिप्सिन इन्हिबिटर गुण (प्रोटीन को बढ़ाना और नियंत्रित करना) पाया जाता है। शोध में यह भी पाया गया, कि इमली के बीज में पाया जाने वाला यह खास गुण मेट्स डिसआर्डर (हृदय रोग, हाई ब्लड शुगर, हाई-कोलेस्ट्रॉल, हाई ट्राइग्लिसराइड्स और मोटापा संबंधी समस्याएं) को दूर करने की क्षमता रखता है )। ऐसा माना जाता है, कि बीज के साथ-साथ इमली का प्रयोग भी इन रोगों में मददगार साबित हो सकता है।
2. पाचन प्रक्रिया में इमली के फायदे
विशेषज्ञों के मुताबिक इमली में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पाचन में सहायक डाइजेस्टिव जूस को प्रेरित करने का काम करते हैं। इस कारण पाचन क्रिया पहले से बेहतर तरीके से काम करने लगती है। ऐसे में यह कहा जा सकता है, कि इमली के औषधीय गुण पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं
3. हृदय स्वास्थ्य (Heart and Cholesterol) में इमली के फायदे
जैसा कि आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है, कि इमली के बीज में ट्रिप्सिन इन्हिबिटर गुण (प्रोटीन को बढ़ाना और नियंत्रित करना) पाया जाता है। इस गुण के कारण यह मेट्स डिसआर्डर से संबंधित परेशानियों जैसे – हृदय रोग, हाई ब्लड शुगर, हाई-केलेस्ट्रोल, हाई-ट्रिगलीसिराइड और मोटापा को दूर करने में सहायक साबित हो सकता है । ऐसे में यह भी माना जाता है, कि बीज में पाया जाने वाला यह खास गुण इमली में भी कहीं न कहीं मौजूद होता है। इस कारण बीज के साथ-साथ इमली का सीधे उपयोग भी हृदय संबंधी स्वास्थ्य में लाभकारी साबित हो सकता है।
4. इमली के बीज से डायबिटीज करें कंट्रोल
इमली का उपयोग डायबिटीज से पीड़ित मरीजों के लिए भी लाभदायक साबित हो सकता है। कारण यह है कि इमली के बीज में एक खास गुण ट्रिप्सिन इन्हिबिटर पाया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है, कि यह गुण मरीजों में मेट्स डिसआर्डर से संबंधित सभी लक्षणों की रोकथाम करने में सहायक है। बता दें डायबिटीज मेट्स डिसआर्डर के अंतर्गत आने वाली ही एक समस्या है। इस कारण ऐसा कहा जा सकता है, कि इमली के बीज के साथ-साथ इसका सीधा प्रयोग डायबिटीज जैसी गंभीर समस्या को नियंत्रित कर सकता है ।
5. तंत्रिका क्रिया में इमली के फायदे
इमली के औषधीय गुण तंत्रिका तंत्र में सुधार कर दिल की धड़कन को नियंत्रित करने का काम करते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इमली में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। दरअसल कैल्शियम, तंत्रिका तंत्र को सही गति देने का काम करता है। इसलिए ऐसा माना जा सकता है, कि इसका उपयोग करने से बिगड़ी तंत्रिका क्रिया (Neural activity) को काफी हद तक सुधारा जा सकता है
6. प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा
कुछ प्राकृतिक जड़ी-बूटियों पर किए गए शोध में पाया गया, कि इमली में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जिनमें इन्फेक्शन को रोकने, दर्द कम करने, प्रतिरोधक क्षमता को सक्रीय करने और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं । इन्हीं गुणों के कारण ऐसा कहा जा सकता है, कि इमली के फायदे में शरीर भी शामिल है।
7. गठिया में इमली के बीज का उपयोग
इमली के बीज का, गठिया रोग में प्रभाव पर एक शोध किया गया है। शोध में पाया गया, कि इमली में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनमें एंटी-अर्थिरिटिक (गठिया को रोकने की क्षमता), एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने) और एंटी-स्ट्रेस (मानसिक तनाव कम करने) प्रभाव पाए जाते हैं। इस कारण ऐसा कहा जा सकता है कि इमली के बीज का उपयोग दिलाने में कारगर साबित हो सकता है ।
8. पीलिया और लिवर स्वास्थ्य
इमली के फायदे में पीलिया और लिवर स्वास्थ्य की परेशानी से बचाव भी शामिल है। कारण यह है, कि इमली में एंटीऑक्सिडेंट और हेप्टोप्रोटेक्टिव प्रभाव पाए जाते हैं। माना जाता है, कि यह प्रभाव इन दोनों ही समस्याओं के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं। वहीं, इस बात की पुष्टि एक शोध के माध्यम से की गई है। साथ ही शोध में इस बात का भी जिक्र किया गया है, कि इमली के इन्हीं गुणों का उपयोग कर, इन गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए एक दवा का निर्माण किया गया है
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पुरुषों की कमजोरी मिटाने के देसी तरीके
मूसली काली और सफेद दो तरह की होती है। सफेद मूसली काली मूसली से अधिक गुणकारी होती है और वीर्य को गाढ़ा करने वाली होती है। मूसली का 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह और शाम दूध के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और शरीर में काम-उत्तेजना की वृद्धि होती है।
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पुरुषों के लिए सफेद मूसली बहुत ही लाभकारी होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल के सेवन से पुरुषों की शारीरिक कमज़ोरी दूर होती है। नोरोगी सफेद मूसली कैप्सूल को Chlorophytum (क्लोरोफ़ायटम) कहा जाता है। यह एक प्रकार का पौधा है, जिसके अंदर छोटे सफ़ेद फूल होते है। यह विशेष रूप से उन पुरुषों के लिए लाभदायक होती है जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो और कामेच्छा कम होती है।
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